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उभरती हुई महाशक्ति की छाप है इन मिलिट्री एक्सरसाइज में

By Himanshu Kumar

विश्व-पटल पर एक उभरती हुई महाशक्ति के साथ ही भारत ने मिलिट्री-डिप्लोमेसी में भी जोरदार आगाज किया है. इस वक्त देश की सशस्त्र सेनाएं मल्टीनेशनल ‘तरंग-शक्ति’ एक्सरसाइज के साथ ही अलग-अलग मित्र-देशों के साथ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कुल पांच युद्धाभ्यास कर रही है. थलसेना, वायुसेना और नौसेना की इन मिलिट्री एक्सरसाइज का उद्देश्य ऑपरेशन्ल क्षमताएं बढ़ाने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है.

तरंग -शक्ति

भारत का पहला और सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास ‘तरंग-शक्ति’ का दूसरा चरण इनदिनों जोधपुर एयरबेस पर चल रहा है (1-14 सितंबर). इस युद्धाभ्यास में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, बांग्लादेश, सिंगापुर और यूएई सहित 10 देशों की भागीदारी है, जिसमें लगभग 67 लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं.

भारतीय वायु सेना अपने एलसीए तेजस, राफेल और सुखोई एसयू-30 एमकेआई के साथ हिस्सा ले रही है तो रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना का योगदान भी होगा, जिसने पहली बार एफ-18 विमान को तैनात किया है. 

गुरुवार (12 सितंबर) को तरंग-शक्ति में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे और एयर-डिस्प्ले देखेंगे. इस दौरान जोधपुर एयरबेस पर भारत की स्वदेशी कंपनियों ने अपने हथियारों और सैन्य उपकरणों की एक एविएशन-प्रदर्शनी का भी आयोजन किया है.

तरंग शक्ति का पहला चरण 6-14 अगस्त तक तमिलनाडु के सुलूर में हुआ, जहां इसमें भाग लेने वाले देशों की वायु सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया. यह अभ्यास अमेरिका के नेतृत्व वाले रेड फ्लैग अभ्यास से प्रेरित है और इसका उद्देश्य वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय रक्षा संबंधों को मजबूत करना है. (तरंगशक्ति एक्सरसाइज में दिखा LCA तेजस का दम)

काकाडू अभ्यास 

भारतीय नौसेना 8- 20 सितंबर तक ऑस्ट्रेलिया के डार्विन में चल रहे अभ्यास ‘काकाडू 2024’ में भाग ले रही है. इस प्रमुख समुद्री युद्धाभ्यास में 30 से अधिक देश और 3000 से अधिक सैन्यकर्मी शामिल हैं, जो नौसेना बलों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा और अंतर-संचालन को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.काकाडू युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना का टोही विमान पी8आई हिस्सा ले रहा है. 

इस अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न समुद्री अभियानों, जिसमें पनडुब्बी रोधी युद्ध और वायु रक्षा अभ्यास शामिल हैं, के माध्यम से साझेदारी को मजबूत करना और सामरिक कौशल में सुधार करना है.

अभ्यास ईस्टर्न ब्रिज VII

तरंग-शक्ति के साथ ही भारतीय वायुसेना खाड़ी देश ओमान में ‘ईस्टर्न ब्रिज VII’ युद्धाभ्यास में भी हिस्सा ले रही है (1-14 सितंबर). इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य भारत और ओमान के बीच अंतर-संचालन को बढ़ाना और रक्षा संबंधों को मजबूत करना है.

 भारतीय दल में सुखोई और मिग-29 फाइटर जेट हिस्सा ले रहे हैं. यह सहयोग क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता और ओमान के साथ रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करता है, जिसे पिछले कुछ वर्षों में नियमित सैन्य अभ्यासों के माध्यम से मजबूत किया गया है.

अल नजाह अभ्यास

भारतीय नौसेना और ओमान की रॉयल आर्मी 15-27 सितंबर तक ‘अल नजाह’ अभ्यास करने जा रही है. यह युद्धाभ्यास, ओमान में होगा और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत आतंकवाद विरोधी रणनीतियों, क्षेत्रीय सुरक्षा अभियानों और शांति प्रयासों सहित विभिन्न परिचालन पहलुओं पर केंद्रित होगा.

संयुक्त प्रशिक्षण में सामरिक अभ्यास, शारीरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम और संयुक्त कमान और नियंत्रण संरचनाओं की स्थापना शामिल होगी. (https://x.com/adgpi/status/1833793993806594477)

भारत – अमेरिका युद्ध अभ्यास 
भारत और अमेरिका के बीच ‘युद्ध अभ्यास’ का 20वां संस्करण 9 सितंबर, 2024 को राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ और 22 सितंबर तक जारी रहेगा.
यह संयुक्त सैन्य अभ्यास अब तक का सबसे बड़ा सहयोग है, जिसमें 1,200 सैनिक शामिल हैं – प्रत्येक देश से 600. (https://x.com/SWComd_IA/status/1833509833728799177)

मिलिट्री एक्सरसाइज का उद्देश्य सैन्य अंतर-संचालन को बढ़ाना और दोनों बलों की परिचालन क्षमताओं को मजबूत करना है, जो अर्ध-रेगिस्तानी वातावरण में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर ध्यान केंद्रित करता है. सामरिक अभ्यास में आतंकवादी कार्रवाइयों का जवाब और संयुक्त क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास शामिल होंगे जो वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों का अनुकरण करते हैं. (US Army के साथ राजपूत रेजीमेंट ने रचा इतिहास)

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