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डेप्सांग में भारतीय Patrolling शुरू, चीन चुप

पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के दूसरे बड़े विवादित इलाके डेप्सांग (डेप्संग) में भी भारतीय सेना ने पैट्रोलिंग शुरू कर दी है. इस बाबत खुद लेह स्थित भारतीय सेना की ‘फायर एंड फ्यूरी’ कोर (14वीं कोर) ने जानकारी साझा की है. खास बात है कि डेप्सांग प्लेन में भारत का चीन से पिछले 10 साल से भी ज्यादा से विवाद चल रहा था.

‘फायर एंड फ्यूरी’ कोर ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा कि “डेप्सांग (देपसांग) और डेमचोक में पीछे हटने और गश्त फिर से शुरू करने के लिए भारतीय और चीनी पक्ष के बीच बनी सहमति के बाद, डेप्सांग में गश्त बिंदुओं में से एक के लिए भारतीय सेना की गश्त आज सफलतापूर्वक आयोजित की गई.”

कोर ने आगे लिखा कि “यह एलएसी पर शांति बनाए रखने की दिशा में एक और सकारात्मक कदम है.” पिछले हफ्ते ही भारतीय सेना ने दूसरे विवादित इलाके डेमचोक में भी पेट्रोलिंग शुरू कर दी थी.

पिछले महीने की 21 तारीख को भारत और चीन ने डेप्सांग और डेमचोक में अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए डिसएंगेंजमेंट समझौता किया था. उसी के तहत अब डेप्सांग और डेमोचक में पेट्रोलिंग शुरु हो गई है, जो गलवान घाटी की झड़प (जून 2020) के बाद से बंद थी.

हालांकि, चीन ने भी डिसएंगेजमेंट करार को लेकर अपनी सहमति सार्वजनिक की है लेकिन एलएसी के विवादित इलाकों में पेट्रोलिंग को लेकर अभी तक कोई जानकारी साझा नहीं की है.

पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर डिसएंगेजमेंट पूरा होने के बाद 31 अक्टूबर को भारत और चीन की सेना ने दीपावली के मौके पर एक-दूसरे को मिठाइयां और उपहारों का आदान-प्रदान किया था. पूरे पांच साल बाद दोनों देशों की सेनाओं ने किसी त्योहार को एक साथ मनाया था. वर्ष 2020 में गलवान घाटी की झड़प के बाद से दोनों देशों की सेनाओं ने एक साथ किसी सेरेमनी में हिस्सा नहीं लिया था.

भारतीय सेना के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में काराकोरम पास (दर्रे) से लेकर डीबीओ, हॉट-स्प्रिंग, कोंगला और चुशूल-मोल्डो गैरिसन में अलग-अलग मीटिंग-पॉइंट पर चीन के फील्ड कमांडर के साथ दीपावली मनाई गई थी.

पांच साल पहले तक भारत और चीन की सेनाएं 3488 किलोमीटर लंबी एलएसी के अलग-अलग बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (बीपीएम) पॉइंट पर एक-दूसरे के राष्ट्रीय त्योहारों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेती थी. भारतीय सेना अगर दीपावली पर चीनी कमांर्डस को अपनी छावनी में आमंत्रित करती थी तो, चीन की पीएलए-आर्मी 1 अक्टूबर (चीन का स्थापना दिवस) और मई दिवस पर आमंत्रित करती थी.

जून 2020 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी की खूनी झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच जबरदस्त तनाव बन गया था. ऐसे में सेरेमोनियल मीटिंग की जगह फ्लैग-मीटिंग ने ले ली थी. फ्लैग मीटिंग, अमूमन किसी सीमा-विवाद को सुलझाने के लिए स्थानीय कमांडर्स आयोजित करते हैं.

डिसएंगेजमेंट समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं विवादित इलाकों से पीछे हट गई हैं. इसके तहत दोनों सेनाओं ने अस्थायी बंकर और टेंट को पीछे हटा लिया है. फील्ड कमांर्डस ने डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया की तस्दीक करने के बाद ही विवादित जगह पर पेट्रोलिंग (गश्त) भी शुरू हो गई है. इसके लिए दोनों सेनाओं के ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों ने गश्त की रूपरेखा तैयार की है.  

खास बात ये है कि डेप्सांग प्लेन में वर्ष 2013 में भी भारत और चीन की सेनाओं के बीच 25 दिनों तक फेस-ऑफ चला था. दोनों देशों के राजनीतिक और राजनयिक दखल के बाद ही सेनाएं पीछे हटी थी. (Disengagement के बाद क्या, जयशंकर का ब्लूप्रिंट तैयार)

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