By Nalini Tewari
भारत पर रूसी तेल तो कभी सैन्य व्यापार न करने का आरोप लगाने वाले डोनाल्ड ट्रंप को भारतीय सेना ने तगड़ा जवाब दिया है. भारतीय सेना ने मंगलवार को 1971 में प्रकाशित एक अखबार की कटिंग शेयर करते हुए बताया है कि कैसे दशकों से अमेरिका पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है. सेना की पूर्वी कमान की पोस्ट में साल 1954 में अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को हथियार देने के बार में भी बताया है.
भारतीय सेना की इस कमान ने ये पोस्ट और पेपर कटिंग ऐसे समय में शेयर की है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को टैरिफ और बढ़ाने को लेकर दबाव बनाया है.
दुनिया के सामने अमेरिकी अतीत को सामने लाई भारतीय सेना
भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने 5 अगस्त, 1971 को प्रकाशित अखबार की एक कटिंग साझा की है. कटिंग में तत्कालीन रक्षा मंत्री विद्याचरण शुक्ला द्वारा राज्यसभा में दिए गए बयान का जिक्र किया गया है. तब विद्याचरण शुक्ला ने नाटो शक्तियों द्वारा पाकिस्तानी सेना को संभावित हथियारों की सप्लाई को लेकर संसद में बयान दिया था.
इसमें बताया गया है कि कैसे अमेरिका 1971 के युद्ध की तैयारी के लिए दशकों से पाकिस्तान को हथियारों की सप्लाई कर रहा था.
सेना ने पोस्ट के साथ कैप्शन लिखा है, “आज का दिन, युद्ध की तैयारी का वह साल – 5 अगस्त, 1971”
फ्रांस ने किया था इनकार, लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तान को दिए 2 अरब डॉलर के हथियार
सेना द्वारा शेयर किए गए इस न्यूज आर्टिकल में बताया गया है कैसे पाकिस्तान को हथियारों की सप्लाई को लेकर नाटो और सोवियत संघ से संपर्क किया गया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि सोवियत संघ और फ्रांसीसी सरकार ने पाकिस्तान को हथियार देने से इनकार कर दिया था, लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तान को अपना समर्थन जारी रखा था.
आर्टिकल में यह भी कहा गया है कि तब अमेरिका और चीन दोनों ने पाकिस्तान को बेहद दामों पर हथियार बेचे थे. एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ये भी कहा गया है कि अमेरिका से पाकिस्तान को 1954 के बाद से करीब दो अरब डॉलर के हथियारों की आपूर्ति की है.
आज भी पाकिस्तान के लिए पलकें झुकाए खड़ा है अमेरिका
अमेरिका आज भी पाकिस्तान पर मेहरबान है. पाकिस्तान पर अमेरिका ने जो टैरिफ लगाए हैं, उनमें पाकिस्तान को बड़ी छूट है. ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान पर टैरिफ 29 प्रतिशत से घटाकर 19 प्रतिशत कर दिया है. पूरी दुनिया में पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर बेनकाब है, लेकिन अमेरिका है जो पाकिस्तान को आतंकवाद का पीड़ित बताता है.
अमेरिका के आगे नहीं झुकेगा भारत, वार पर लगातार कर रहा पलटवार
सिर्फ भारतीय सेना ही नहीं विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिका और यूरोपीय यूनियन का सच दुनिया को बताया है. विदेश मंत्रालय ने सोमवार देर शाम आंकड़े बताते हुए कहा कि जो देश भारत को रूस से तेल खरीदने पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए. खुद अमेरिका, रूस के साथ व्यापार कर रहा है. अमेरिका न्यूक्लियर के लिए फ्यूल मॉस्को से ही लेता है. वहीं ईयू ने तो साल 2022 यानि यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस के साथ व्यापार और चौगुना कर दिया है.
भारत ने अमेरिकी आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि चाहे अमेरिका हो या ईयू दोनों रूस के साथ व्यापारिक संबंध बनाए हुए हैं.