बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की हालत बदतर होती जा रही है. बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद हालात और बिगड़ गए हैं. इस्कॉन संत चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में हिंदू समाज के लोग सड़कों पर उतर आए. इस दौरान हिंदुओं की रैली में बीएनपी और जमात के लोगों ने अटैक कर दिया. इस हमले में तकरीबन 50 हिंदू घायल हुए हैं.
इस्कॉन ने पीएम मोदी और विदेश मंत्री से गुहार लगाई तो विदेश मंत्रालय ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर एक बार फिर से चिंता जताई है.
चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत सरकार ने चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का मुद्दा उठाते हुए औपचारिक बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों के हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों पर हमलों के बाद घटी है. वहां अल्पसंख्यकों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी, तोड़फोड़, देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज हैं.”
विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन शांतिपूर्ण सभाओं के जरिए हक मांगने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं. हम चिन्मय दास की गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही हम अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर भी चिंता व्यक्त करते हैं.”
विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं. इसमें शांतिपूर्ण सभा और और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है.” (https://x.com/MEAIndia/status/1861326702414106960)
इस्कॉन ने भारत सरकार से मदद की अपील की
इस्कॉन ने सोशल मीडिया एक्स पर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. इस्कॉन ने अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी टैग किया है. इस्कॉन ने लिखा, “हमें परेशान करने वाली खबरें मिली हैं कि इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख नेताओं में से एक श्री चिन्मय कृष्ण दास को ढाका पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. इस्कॉन का दुनिया में कहीं भी आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है. इस बारे में बेबुनियाद आरोप लगाना अपमानजनक है.”
इस्कॉन ने भारत सरकार से अपील करते हुए लिखा, “इस्कॉन भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने और बांग्लादेश सरकार से बात करने का आग्रह करता है. हम एक शांतिप्रिय भक्ति आंदोलन हैं. हम चाहते हैं कि बांग्लादेश सरकार चिन्मय कृष्ण दास को रिहा तुरंत करे. इन भक्तों की सुरक्षा के लिए भगवान कृष्ण से हमारी प्रार्थना है.” (https://x.com/IskconInc/status/1861095455465316393)
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण प्रभु की देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी
इसी साल 30 अक्तूबर को बांग्लादेश में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में देशद्रोह अधिनियम के तहत चिन्मय कृष्ण दास प्रभु समेत 19 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. सोमवार को चिन्मय कृष्ण दास को ढाका हिरासत में ले लिया गया. उन्हें ढ़ाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया. कोर्ट में मंगलवार को पेश किया गया पर कोर्ट ने चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज कर दी. अदालत में पेश किए जाते समय चिन्मय दास ने मीडिया से कहा कि “बांग्लादेश के हिंदुओं से अपील है कि वे अपने आंदोलन की प्रक्रिया को योजना के मुताबिक जारी रखें.”
हिंदुओं के शांतिपूर्ण सभा पर हमला, 50 हिंदू घायल
चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने हर जिले में शांतिपूर्ण सभाएं आयोजित कीं. इन शांतिपूर्ण सभाओं पर चरमपंथी इस्लामिक समूहों ने हिंदुओं पर अटैक कर दिया. देर रात जब हजारों हिंदू एकजुट होकर जय सिया राम और हर हर महादेव के जयनारे के साथ मौलवी बाजार में मशाल रैली निकाली तो इस्लामिक समूहों ने चटगांव में हिंदू समुदाय के सदस्यों पर हमला किया. ढाका के शाहबाग में एक शांतिपूर्ण सभा के दौरान चटगांव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कुशाल बरन पर भी हमला किया गया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
अपडेट
देर शाम बांग्लादेश सरकार ने एक बयान जारी कर भारत के विदेश मंत्रालय के आरोपों को बेबुनियाद बताया.