कंबोडिया और लाओस जैसे दक्षिण-एशियाई देशों में नौकरी की जगह साइबर क्राइम में फंसे लोगों को वापस देश लाने के बाद अब म्यांमार में रोजगार के झांसे में न आने को लेकर भारतीय नागरिकों को सावधान रहने की सलाह दी गई है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि भारतीय नागरिक रोजगार की आड़ में धोखाधड़ी या अवैध धंधे के जाल में न फंसे.
म्यांमार में भारतीय दूतावास ने चेतावनी दी है कि भारत-थाईलैंड सीमा पर म्यावाडी क्षेत्र में एक इंटरनेशनल क्राइम सिंडिकेट यानी अंतरराष्ट्रीय अपराधी संगठन सक्रिय है. भारतीयों को इस इलाके में नौकरी के प्रस्ताव स्वीकार करने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी गई. दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा, “म्यावाडी क्षेत्र में भारतीय नागरिकों के शिकार होने के मामले में बढ़ोतरी देखी गई है, जो म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर कार्रवाई कर रहे हैं. हम फिर से इस विषय पर हमारी सलाह को स्पष्ट करेंगे कि इस तरह के किसी भी नौकरी के प्रस्ताव को बिना संबंधित भारतीय दूतावास से परामर्श किए न लें.”
दूतावास के मुताबिक, म्यावाड़ी शहर के दक्षिणी फा लू क्षेत्र में एक नया स्थान रिपोर्ट किया गया है, जहां भारत, मलेशिया और यूएई जैसे देशों से वाया थाईलैंड लोगों को नौकरी के नाम पर तस्करी के जरिए लाया जा रहा है. दूतावास ने भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी कि सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त किए गए रोजगार के प्रस्तावों को न अपनाएं. उन्होंने कहा कि ” भारतीय नागरिकों को किसी भी अप्रमाणित स्रोत से किए गए नौकरी के प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.” भारतीय नागरिकों को विदेशी नियोक्ताओं की प्रामाणिकता की जाँच/सत्यापन करने की सलाह दी गई है.” (https://x.com/IndiainMyanmar/status/1797584766415536276)
दूतावास ने किसी भी विदेशी रोजगार प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले भर्ती करने वाले एजेंसियों और कंपनियों के पृष्ठभूमि की जांच करने की सलाह दी है. यह एडवाइजरी लाओस में अवैध काम में फंसाए गए 13 भारतीयों को बचाए जाने और घर वापस भेजे जाने के कुछ दिनों बाद आई है. हालांकि, म्यांमार ऐसी एडवाइजरी 2022 और 2023 में भी जारी कर चुका है.