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Special Forces का अमेरिका में ‘वज्र-प्रहार’

अलगाववादी विचारधारा खालिस्तान पर अमेरिका के साथ भले ही संबंधों में तल्खी हो लेकिन भारतीय सेना के स्पेशल फोर्सेज की एक टुकड़ी ‘वज-प्रहार’ एक्सरसाइज (2-22 नवंबर) के लिए अमेरिका पहुंच गई है. अमेरिका के इडाहो में ऑर्चर्ड कॉम्बैट ट्रेनिंग सेंटर में दोनों देशों की स्पेशल फोर्सेज वज्र-प्रहार एक्सरसाइज के 15वें संस्करण में हिस्सा लेंगे.

भारतीय सेना के मुताबिक, वज्र प्रहार अभ्यास का उद्देश्य “इंटर-ऑपरेबिलिटी, संयुक्त रूप से कार्य करने और विशेष संचालन रणनीति के पारस्परिक आदान-प्रदान को बढ़ाकर भारत और अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है.”

यह अभ्यास रेगिस्तान/अर्ध रेगिस्तानी क्षेत्र में किया जाएगा और विशेष बलों की अभियान संबंधी संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाएगा. यह सैन्य अभ्यास बेहतर शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और मिलकर काम करने के सामरिक अभ्यास पर केंद्रित होगा. (https://x.com/adgpi/status/1852201879901487554)

वज्र-प्रहार, भारत और अमेरिका की स्पेशल फोर्सेज का सालाना युद्धाभ्यास है. ये मिलिट्री एक्सरसाइज एक साल भारत में होती है और एक साल अमेरिका में. इसी तरह का पिछला  अभ्यास दिसंबर 2023 में उमरोई, मेघालय में आयोजित किया गया था.

वज्र-प्रहार एक्सरसाइज, युद्ध-अभ्यास से अलग होती है, जिसे दोनों देशों की इन्फैंट्री (या मैक-इन्फेंट्री) रेजिमेंट आयोजित करती है. ऐसे में शनिवार से होने वाली वज्र-प्रहार एक्सरसाइज, भारतीय और अमेरिकी सेना के बीच वर्ष का दूसरा अभ्यास होगा. पिछला अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास 2024’ इसी साल सितंबर के महीने में राजस्थान में आयोजित किया गया था.

भारतीय सेना के मुताबिक, “इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने वाली सैन्य टुकड़ियों में प्रत्येक में 45 सैन्य कर्मी शामिल होंगे. भारतीय सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व स्पेशल फोर्सेज यूनिट्स और अमेरिकी सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व अमेरिका की ग्रीन बेरेट्स द्वारा किया जाएगा.”

वज्र-प्रहार अभ्यास के दौरान संयुक्त टीम मिशन, टोही मिशन, मानव रहित हवाई प्रणालियों का नियोजन, विशेष अभियानों को क्रियान्वित करने, ज्वाइंट टर्मिनल अटैक और विशेष अभियानों में मनोवैज्ञानिक युद्ध संबंधी विधियों पर ध्यान दिया जाएगा.

वज्र प्रहार अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं को विशेष अभियानों को पूरा करने की सर्वोत्तम विधियों और अनुभवों को साझा करने में सक्षम करेगा. इस अभ्यास से दोनों देशों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन क्षमता, सौहार्द्र और साझा रणनीति विकसित करने में मदद मिलेगी.

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका के संबंधों में कड़वाहट पैदा हो गई है. इसका कारण है खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश की साजिश, जिसने अमेरिका में पनाह ले रखी है. अमेरिका का आरोप है कि पन्नू की हत्या की साजिश भारत के एक पूर्व अधिकारी ने रची थी. हालांकि, भारत ने विकास यादव नाम के इस अधिकारी को रौग करार देकर सीआरपीएफ (और रॉ) से बर्खास्त कर रखा है.

इंडोनेशिया में ‘गरूड़ शक्ति-2024

भारत की पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्सेज) की 25 सदस्य एक टुकड़ी इनदिनों सिजानतुंग (जर्काता) में इंडोनेशिया के स्पेशल फोर्सेज के साथ साझा युद्धाभ्यास, ‘गरूड़ शक्ति 2024’ (1-12 नवंबर) में हिस्सा ले रही हैं.

भारतीय सेना के मुताबिक, संयुक्त अभ्यास गरुड़ शक्ति 24 में जंगल के इलाकों में विशेष बलों के संचालन का संयुक्त अभ्यास, आतंकवादी शिविरों पर हमले और सैन्य सहयोग को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से आयोजित की गई है. इसके लिए दोनों देशों की जीवनशैली और संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के अलावा बुनियादी और उन्नत विशेष बलों के कौशल को एकीकृत करने वाला एक सत्यापन अभ्यास भी शामिल होगा.

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