ब्रह्मोस मिसाइल सौदे की खबर के बीच इंडोनेशियाई नौसेना प्रमुख एडमिरल मोहम्मद अली ने भारतीय समकक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी से राजधानी दिल्ली में मुलाकात की है. मुलाकात के दौरान एडमिरल मुहम्मद अली और नौसेना प्रमुख ने समुद्री सहयोग को घनिष्ठ करने और दो समुद्री पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के लिए परस्पर बातचीत की.
गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो के साथ एडमिरल मोहम्मद अली भी उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं.
साउथ ब्लॉक में हुई मुलाकात
सोमवार को साउथ ब्लॉक में, दोनों नौसेना प्रमुखों के बीच चर्चा के प्रमुख क्षेत्रों में मेरीटाइम एक्सरसाइज जैसी संयुक्त पहल को आगे बढ़ाना, समुद्री-ऑपरेशन्स में सहयोग को मजबूत करना शामिल रहा. साथ ही समुद्री-लुटेरों तथा दूसरी अवैध गतिविधियों सहित साझा समुद्री चुनौतियों का समाधान शामिल था.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस का किया दौरा
नौसेना प्रमुख से मुलाकात से पहले एडमिरल मोहम्मद अली ने राजधानी दिल्ली स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) मुख्यालय का भी दौरा किया.
नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, ब्रह्मोस एयरोस्पेस के दौरे के दौरान रक्षा एवं रणनीति के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत बनाने पर विचारों और अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान किया गया.
इंडोनेशिया भी फिलीपींस की तरह भारत के प्राइम स्ट्राइक वेपन ब्रह्मोस को खरीदने की डील लगभग पक्की करने जा रहा है. रविवार को गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो ने कर्तव्य पथ पर खुद ब्रह्मोस मिसाइल को बेहद करीब से देखा.
खास बात ये है कि शनिवार को इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजदूगी में ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड के सीएमडी जयतीर्थ आर जोशी से मुलाकात की थी. हालांकि, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति के इस दौरे के दौरान ब्रह्मोस सौदे को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस (बीएपीएल) ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुबियांतो, पीएम मोदी और डॉक्टर जोशी की एक साथ तस्वीर अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर ब्रह्मोस मिसाइल की डील को हवा दे दी है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस ही सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का निर्माण करती है.
गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुबियांतो
भारत के सबसे करीबी समुद्री देशों में से एक इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियांतो के इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने से दोनों देशों के संबंधों में जबरदस्त गर्मजोशी देखने को मिली है.
जानकारी के मुताबिक, इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइल के सौदे के लिए भारत अपने ही किसी राष्ट्रीय बैंक से लोन भी देने के लिए तैयार हो गया है. माना जा रहा है कि इंडोनेशिया के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का ये सौदा करीब 450 मिलियन डॉलर (करीब 3877 करोड़) का होने जा रहा है.
भारत का प्राइम स्ट्राइक वेपन
दुनिया की एकमात्र सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को भारत ने रूस की मदद से देश में ही तैयार किया है. ब्रह्मोस भारत का प्राइम स्ट्राइक वैपेन है जिसे भारत की सबसे लंबी नदी ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदी के नामों को मिलाकर नाम दिया गया है.
माना जाता है कि दुनिया की कोई रडार और हथियार, मिसाइल सिस्टम उसे इंटरसेप्ट नहीं कर सकता है यानी एक बार ब्रह्मोस को दाग दिया तो ब्रह्मास्त्र की तरह इसे कोई नहीं रोक सकता है और अपने लक्ष्य पर ही जाकर गिरती है और टारगेट को तबाह करके ही दम लेती है.
फिलीपींस ने खरीदी हैं ब्रह्मोस की तीन बैटरी
पिछले साल अप्रैल के महीने में भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन की तीन बैटरी निर्यात की थी. इस सौदे की कीमत करीब 2700 करोड़ की थी. फिलीपींस ने अपने समुद्री-तट पर इन ब्रह्मोस मिसाइल को तैनात किया है.
फिलीपींस की तरह इंडोनेशिया की भी है चीन से तनातनी
फिलीपींस की तरह ही इंडोनेशिया का भी साउथ चाइना सी को लेकर चीन से तनातनी चल रही है. ऐसे में भारत से ब्रह्मोस मिसाइल का करार मायने रखता है. हालांकि, भारत और इंडोनेशिया ने आधिकारिक तौर से इस सौदे को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है.
आईएफसी सेंटर भी जाएंगे एडमिरल मोहम्मद अली
नौसेना के प्रवक्ता के मुताबिक, अपने भारत दौरे के दौरान इंडोनेशियाई नेवी चीफ गुरूग्राम स्थित इंडियन फ्यूजन सेंटर-इंडियन ओसियन रीज (आईएफसी-आईओआर) भी जाएंगे. साथ ही इंडियन नेवी के हथियार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स प्रणाली एवं इंजीनियरिंग प्रतिष्ठान (डब्ल्यूईएसईई) जैसे प्रमुख समुद्री प्रतिष्ठान का दौरा भी करेंगे, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग और समुद्री क्षेत्र में जागरूकता को बढ़ाना है.