इस वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर मुख्य अतिथि बने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने पाकिस्तान को फटकार लगाई है. सबसे बड़े मुस्लिम देश, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने भारतीय राजदूत से मुलाकात के बाद कश्मीर आतंकी हमले पर दुख जताया और पाकिस्तान से कहा है कि इस्लाम ये सब नहीं सिखाता है.
सुबियांतो ने कहा कि यह हमला इंडोनेशियाई इस्लामी शिक्षाओं को नहीं दर्शाता है. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने लोकतंत्रों में नियंत्रित सैन्य प्रभाव के महत्व पर जोर दिया.
मुस्लिम देश इंडोनेशिया ने दिया भारत को समर्थन
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने इंडोनेशिया में तैनात भारत के राजदूत संदीप चक्रवर्ती से मुलाकात की है. सुबियांतो ने कहा, “इस्लाम इस तरह आतंकी हमला करना नहीं सिखाता. राष्ट्रपति प्रबोवो ने कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले पर अपनी राय व्यक्त करते कहा कि इंडोनेशिया में प्रचलित इस्लाम की शिक्षाओं में इस तरह के आतंकी हमले के लिए कोई जगह नहीं है. ऐसे आतंकवाद से कोई नतीजा नहीं निकल सकता है, इसलिए हथियार के बिना वार्ता का रास्ता चुनना चाहिए.”
इस्लाम में नहीं दी जाती आतंकी हमले की शिक्षा- प्रबोवो सुबियांतो
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने कहा, “पहलगाम जैसे आतंकवादी हमले से निपटने के लिए वह भारत के साथ खड़े हैं. इंडोनेशिया के इस्लाम में इस तरह के आतंकी हमले की शिक्षा नहीं दी जाती है.” इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की ये टिप्पणी पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर को नसीहत देती है क्योंकि असीम मुनीर ने ही हिंदू-मुसलमान की बात करके आतंकियों को हमले का ग्रीन सिग्नल दिया था. साथ ही असीम मुनीर ने भारत और पाकिस्तान को अलग-अलग परंपरा, धर्म को मानने वाला बताते हुए टू स्टेट थ्योरी की बात कही थी.
भारत ने किया था प्रबोवो के पाकिस्तानी दौरे का कूटनीतिक विरोध
26 जनवरी में मुख्य अतिथि के लिए जब भारत ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति को न्योता दिया था, तो प्रबोवो ने सहर्ष न्योता स्वीकार कर लिया, लेकिन भारत को इस दौरान पता चला कि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने भारत के साथ-साथ पाकिस्तान के दौरे का भी प्रोग्राम बना लिया है. जिसके बाद विदेश मंत्रालय एक्शन में आ गया और इंडोनेशिया से साफ कह दिया गया था कि प्रबोवो भारत के साथ-साथ पाकिस्तान नहीं जा सकते. बड़े समय तक ये न्योता लंबित रहा. आखिरकार भारत के दबाव के आगे प्रबोवो सुबियांतो को अपना पाकिस्तान दौरा रद्द करना पड़ा.