अगले महीने की शुरूआत (1 जुलाई) को भारतीय नौसेना को मिलने वाला है, नया जंगी जहाज आईएनएस तमाल. स्टील्थ गाइडेड फ्रिगेट तमाल रूस में बनाया गया है. वॉरशिप तमाल की कमीशनिंग के बाद नौसेना की ताकत में चार गुना इजाफा हो जाएगा.
भारतीय नौसेना का ये (तमाल) आखिरी युद्धपोत है जो विदेश (रूस) में बना है. अब निकट भविष्य में सभी जंगी जहाज आत्मनिर्भर भारत के तरह स्वदेश में ही बनाए जाएंगे.
रूस के कैलिनिनग्राद में होगा तमाल का कमीशन समारोह
नौसेना के मुताबिक, 1 जुलाई को रूस के कैलिनिनग्राद में तमाल को कमीशन किया जाएगा. इस समारोह की अध्यक्षता पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, वाइस एडमिरल संजय जे सिंह करेंगे, जो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे, जिसमें कई उच्च पदस्थ भारतीय और रूसी सरकार और रक्षा अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे.
तमाल को पश्चिमी बेड़े में शामिल किया जाएगा, जो पश्चिमी नौसेना कमान के तहत ‘स्वॉर्ड आर्म’ का हिस्सा होगा. नौसेना के मुताबिक तमाल, राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा करेगा, ये नौसेना की एक शक्तिशाली संपत्ति बनेगा.
इंद्र की तलवार के नाम पर है फ्रिगेट तमाल
तमाल का नाम पौराणिक कथाओं में मिलता है. भगवान इंद्र द्वारा युद्ध में उपयोग किए जाने वाली तलवार का नाम तमाल था.
नौसेना के मुताबिक यह क्रिवाक श्रेणी के फ्रिगेट्स की आठवीं श्रृंखला का हिस्सा है, जिसे रूस से पिछले दो दशकों में शामिल किया गया है. तमाल तुशिल श्रेणी का दूसरा जहाज है, जो अपने पूर्ववर्तियों, तलवार और तेग श्रेणियों के उन्नत संस्करण हैं.
ये हैं फ्रिगेट तमाल की खूबियां, जो नौसेना की बढ़ाएगी ताकत
नौसेना के मुताबिक, तमाल की स्पीड 30 नॉटिकल मील है. इससे एंटी शिप ब्रह्मोस मिसाइल फायर की जा सकती है. एंटी सबमरीन वॉरफेयर के लिए भी इसे खास तौर पर डिजाइन किया गया है. दुश्मन की सबमरीन के हमलों से निपटने के लिए एंटी सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो भी इस वॉरशिप में मौजूद हैं. इस वॉरशिप पर एक हेलीकॉप्टर को भी तैनात किया जा सकता है. इसे रूस के कैलिनिनग्राद में यंतर शिपयार्ड में तैयार किया गया है. इसमें 26% स्वदेशी सामग्री है, जिसमें ब्रह्मोस लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल शामिल है.
जहाज में वर्टिकल लॉन्च किए गए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, उन्नत 100 एमएम गन, नई पीढ़ी की ईओ/आईआर प्रणाली, 30 एमएम सीआईडब्ल्यूएस, हेवीवेट टॉरपीडो, अति-त्वरित हमला करने वाली पनडुब्बी रॉकेट और निगरानी और आग नियंत्रण रडार और सिस्टम शामिल हैं
भारतीय नौसैनिकों ने लिया कठिन परीक्षण
नौसेना के मुताबिक चालक दल ने सेंट पीटर्सबर्ग और कैलिनिनग्राद, रूस की अत्यधिक चुनौतीपूर्ण सर्दियों की स्थिति में कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया है. तमाल ने तीन महीने से अधिक समय तक व्यापक समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है, जिससे इसके सिस्टम, हथियार और सेंसर की पुष्टि हुई है.
भारत-रूस की मित्रता का उदाहरण
भारत और रूस एक दूसरे के घनिष्ठ सैन्य सहयोगी है. नौसेना के मुताबिक तमाल भारत-रूस सहयोग और मित्रता का प्रतीक है, जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है. जहाज भारतीय नौसेना की बढ़ती क्षमताओं का प्रतीक होगा और भारत-रूस साझेदारी की सहयोगी शक्ति का उदाहरण देगा.
तमाल होगा आखिरी विदेशी वॉरशिप
साल 2016 में भारत और रूस के बीच 4 तलवार क्लास स्टील्थ फ्रिगेट बनाने के लिए समझौता हुआ था, जिनमें से दो रूस में और दो भारत में बनने थे. रूस में बने ‘तुशील’ को पिछले साल ही नेवी में शामिल किया गया था. नौसेना ने अपने बयान में कहा है कि तमाल आखिरी वॉरशिप होगा जो, विदेश से लिया गया है. आगे से नेवी को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.