भारतीय नौसेना की ‘सनराइज फ्लीट’ के जंगी जहाज आईएनएस राणा के कमीशनिंग के 43 साल पूरे हो चुके हैं. आज के दिन (19 फरवरी) 1982 में गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस राणा का रूस (पूर्ववर्ती सोवियत संघ) में कमीशनिंग हुई थी.
आईएनएस राणा, एक कशिन क्लास डेस्ट्रोयर है जिसका निर्माण सोवियत संघ में हुआ था. करीब 5000 टन के मिसाइल डेस्ट्रोयर का आदर्श-वाक्य है ‘राणा, राणा, बढ़ते जाना’.
भारतीय नौसेना के मुताबिक, पिछले 43 साल में राणा ने अपने युद्धक और ऑपरेशन्ल क्षमता का प्रदर्शन किया है.
मिसाइलों से लैस है आईएनएस राणा
आईएनएस राणा में जमीन से जमीन और जमीन से आसमान में मार करने वाली मिसाइल हैं जो दुश्मन की जंगी जहाज हो या फिर लड़ाकू विमान, मार गिराने में सक्षम हैं. इसके अलावा राणा में कई स्वदेशी हथियार और सेंसर लगे हैं जो बहु-उद्देश्य मैरीटाइम ऑपरेशन करने में सक्षम है. (https://x.com/IN_EasternFleet/status/1892010482435051617)
दो-दो नेवी चीफ कर चुके हैं कमांड
भारतीय नौसेना के दो प्रमुख (चीफ ऑफ नेवल स्टाफ), एडमिरल रॉबिन धवन (2014-16) और एडमिरल करमबीर सिंह (2019-21), आईएनएस राणा को कमांड कर चुके हैं.
साउथ चायना सी में हो चुकी हैं तैनाती
आईएनएस राणा कई बार लंबी तैनाती के दौरान साउथ चायना सी में तैनात रहा है तथा रूस सहित कई देशों की नौसेनाओं के साथ साझा युद्धाभ्यास में शामिल हुआ है. वर्ष 2023 में आईएनएस राणा ने फ्रांसीसी नौसेना के जंगी जहाज के साथ विशाखापटट्नम में ज्वाइंट एक्सरसाइज में हिस्सा लिया था.
विशाखापट्टनम ही आईएनएस राणा का होम-पोर्ट है और भारतीय नौसेना की पूर्वी कमान की फ्लीट (सनराइज फ्लीट) का हिस्सा है. नौसेना के मुताबिक, आईएनएस राणा आज भी सबसे खतरनाक युद्धपोत में से हैं जो अपनी स्पीड और जबरदस्त फायर पावर के लिए जाना जाता है.