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आईएनएस तमाल पहुंचा Casablanca, रूस में निर्मित है भारत का आखिरी विदेशी युद्धपोत

रूस में निर्मित भारतीय नौसेना का आखिरी विदेशी जंगी जहाज आईएनएस तमाल, भारत पहुंचने से पहले समुद्री-रास्ते में पड़ने वाले मित्र-देशों के बंदरगाहों पर पोर्ट-कॉल कर रहा है. इसी कड़ी में आईएनएस तमाल मोरक्को के प्रसिद्ध कासाब्लांका बंदरगाह पहुंचा है. इस दौरान तमाल ने मोरक्को के युद्धपोत के साथ साझा मैरीटाइम एक्सरसाइज की.

भारतीय नौसेना के नवीनतम व अत्याधुनिक युद्धक क्षमताओं से लैस जहाज आईएनएस तमाल ने भारत वापसी यात्रा के दौरान 6-9 अगस्त, तक मोरक्को के कासाब्लांका बंदरगाह पर अपना पड़ाव पूरा कर लिया. आईएनएस तमाल को इसी साल 1 जुलाई को रूस में कमीशन किया गया था. यह युद्धपोत कई यूरोपीय तथा एशियाई बंदरगाहों से होता हुआ अपने गृह बंदरगाह की तरफ वापस लौट रहा है, जिससे भारत की समुद्री कूटनीति को बढ़ावा मिलेगा और द्विपक्षीय संबंधों में भी तेजी आएगी.

आईएनएस तमाल पिछले दो वर्षों में कासाब्लांका का दौरा करने वाला भारतीय नौसैना का तीसरा जहाज है. आईएनएस तमाल ने अपने तीन दिवसीय बंदरगाह प्रवास के दौरान, दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग एवं सहभागिता को बढ़ाने पर केंद्रित अनेक गतिविधियों में भाग लिया. इनमें बंदरगाह यात्रा के दौरान वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय चर्चा, क्रॉस डेक दौरे, खेल कार्यक्रम और योग शामिल थे. इस दौरान भारत-मोरक्को के बीच मित्रतापूर्ण संबंधों के सम्मान में दोनों पक्षों द्वारा सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी किया गया.

जहाज के चालक दल ने मोरक्को के प्रथम नौसेना बेस के कमांडर कैप्टन रशीद सदराजी, सेंट्रल मैरीटाइम सेक्टर के कमांडर कैप्टन-मेजर हसन अकौली, कासाब्लांका क्षेत्र के हथियारों के अधिकारी कमांडर ब्रिगेडियर जनरल जमाल काजतौफ और रॉयल मोरक्को नौसेना के रियर-एडमिरल इंस्पेक्टर रियर एडमिरल मोहम्मद ताहिन के साथ बातचीत की. मोरक्को में भारतीय राजदूत संजय राणा ने इस जहाज का दौरा किया और उन्होंने मोरक्को की नौसेना के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों तथा जहाज के चालक दल के साथ बातचीत की.

आईएनएस तमाल ने कासाब्लांका से प्रस्थान करते समय रॉयल मोरक्को नौसेना के जहाज मोहम्मद VI के साथ एक समुद्री अभ्यास भी किया.

आईएनएस तमाल की कासाब्लांका बंदरगाह की यह यात्रा इस बात का संकेत देती है कि भारत अपने संबंधों को मोरक्को के साथ और आगे बढ़ाने को कितना महत्व दे रहा है. यह दौरा दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को पहले से सशक्त करने का प्रयास करता है. इसने दोनों देशों की नौसेनाओं को सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने और सहयोग के नए अवसर तलाशने का मार्ग भी प्रशस्त किया. आईएनएस तमाल भारत पहुंचने के रास्ते में कई यूरोपीय और एशियाई बंदरगाहों का दौरा करेगा, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिलेगा.

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