पाकिस्तान के साथ सीजफायर को लेकर अमेरिकी मध्यस्थता के दावों को भारतीय विदेश मंत्रालय ने सिरे से नकार दिया है. भारत ने मंगलवार को एक बार फिर से साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता को नहीं स्वीकार किया जाएगा. भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
किसी तीसरे पक्ष को बीच में आने की जरूरत नहीं:विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेसकॉन्फ्रेंस करके भारतीय नीति की घोषणा की है. रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमारा लंबे अरसे से यही पक्ष रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके से ही हल करना है. इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जैसा कि आप जानते हैं, लंबित मामला केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है.”
बातचीत में नहीं हुआ कोई ट्रेड का जिक्र: रणधीर जायसवाल
रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण गतिरोध के दौरान भारतीय और अमेरिकी नेतृत्व संपर्क में थे, लेकिन व्यापार पर कोई बातचीत नहीं हुई. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत होती रही. किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा.”
ट्रंप ने किया था व्यापार की शर्त पर सीजफायर का दावा, निकला झूठा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले सीजफायर की घोषणा करते हुए बड़ा दावा किया था. ट्रंप ने कहा था, “भारत और पाकिस्तान के नेताओं से कहा कि अगर वे युद्धविराम पर सहमत होते हैं तो अमेरिका उन्हें व्यापार में मदद करेगा और अगर वे युद्धविराम पर सहमत होते हैं तो अमेरिका उन्हें व्यापार में मदद करेगा. अगर नहीं मानते हैं तो उनके साथ कोई व्यापार नहीं करेगा.”
पाकिस्तान ने किया था सीजफायर के लिए कॉल:रणधीर जायसवाल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल मे बताया, “दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच 10 मई को दोपहर 3.35 बजे फोन पर हुई. इसी बातचीत में समझौते की तारीख और समय तय हुआ था. इस कॉल के लिए विदेश मंत्रालय को पाकिस्तानी उच्चायोग से दोपहर 12.37 बजे अनुरोध प्राप्त हुआ था. तकनीकी कठिनाइयों के कारण पाकिस्तानी पक्ष को हॉटलाइन से जुड़ने में शुरुआती दिक्कतें आईं. इसके बाद दोपहर 3.25 बजे भारतीय डीजीएमओ की उपलब्धता के आधार पर समय तय किया गया.”
आतंकवाद फैला कर उसके नतीजों से नहीं बच सकता पाकिस्तान: रणधीर जायसवाल
रणधीर जायसवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा, “एक ऐसा देश जिसने बड़े पैमाने पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, उसे यह सोचना चाहिए कि वह इसके परिणामों से बच सकता है क्या? यह खुद को मूर्ख बनाना है, भारत ने आतंकियों को जिन बुनियादी ढांचों को ध्वस्त कर दिया, वह न केवल भारतीयों की बल्कि दुनिया भर में कई अन्य निर्दोष लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार थे.अब एक न्यू नॉर्मल है। जितनी जल्दी पाकिस्तान इसे समझ ले उतना ही बेहतर है.”
हमने दूसरे देशों को बता दिया था एक्शन लेंगे:रणधीर जायसवाल
रणधीर जायसवाल ने कहा, “यह संदेश था कि भारत 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले का जवाब आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर देगा. अगर पाकिस्तानी सशस्त्र बल गोलीबारी करते हैं, तो भारतीय सशस्त्र बल जवाबी गोलीबारी करेगा.अगर पाकिस्तान रुक जाता है, तो भारत भी रुक जाएगा. यह संदेश ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के समय पाकिस्तानी पक्ष को दिया गया था, जिस पर पाकिस्तानी पक्ष ने ध्यान नहीं दिया.यह स्वाभाविक है कि हमसे यह बात सुनने वाले कई विदेशी नेताओं ने इसे अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ साझा किया होगा.”