नशे के कारोबारी हर दिन अलग अलग तरीकों से ड्रग्स तस्करी की फिराक में रहते हैं. और ऐसे ही ड्रग्स तस्करों पर नकेल करने के लिए ‘गरुड़’ की नजर है. नशे के सौदागरों के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन गरुड़’ के तहत विशाखापट्टनम बंदरगाह से सीबीआई ने छापेमारी में नशीले पदार्थों की एक बड़ी खेप बरामद की है. उधर जिस शिपिंग कंपनी की खेप में ड्रग्स पकड़ी गई है उसको लेकर आंध्र प्रदेश में राजनीतिक बवाल हो गया है.
खास बात ये है कि अभी तक ड्रग्स की बड़ी खेप अरब सागर से सटे गुजरात के बंदरगाहों पर जब्त की जा रही थी. लेकिन गुजरात में नाकेबंदी के बाद ड्रग्स की खेप अब भारत के पूर्वी तटों पर पहुंचने लगी है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुताबिक, तस्करों ने ड्रग्स को यीस्ट (सूखे खमीर) में छिपाया हुआ था. इंटरपोल की सूचना के बाद सीबीआई ने ड्रग्स की खेप से भरा शिपिंग कंटेनर जब्त किया है. कंटेनर को एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर डिलीवरी के लिए सैंटोस पोर्ट, ब्राजील से बुक किया गया था. बुकिंग के दौरान बताया गया था कि शिपिंग कंटेनर में 25-25 किलोग्राम के सूखे यीस्ट के 1000 बैग थे. पर इंटरपोल से इनपुट मिला था कि यीस्ट में नशीला पदार्थ मिलाया गया है.
सीबीआई को शक है ही यीस्ट में कोकीन है. नशीले पदार्थों की मात्रा का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है. ऑपरेशन गरुड़ के तहत इंटरपोल से मिले इनपुट पर सीबीआई ने इस काम में सीमा शुल्क विभाग की भी मदद ली और प्रतिबंधित सामग्री जब्त कर ली. खेप भेजने वाले और अज्ञात के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है. माना जा रहा है कि ड्रग्स की खेप के लिए बड़ा इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट शामिल है.
ऐसी कई सूचनाएं मिली हैं कि हिंद महासागर में शिपिंग की आड़ में अवैध दवाओं, ड्रग्स की तस्करी की जाती है. ऐसे ड्रग्स तस्करों से मुकाबला करने के लिए सीबीआई ने इंटरपोल और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ मिलकर पिछले कुछ सालों में एक वैश्विक अभियान शुरू किया है, सीबीआई ने इस ऑपरेशन का नाम गरुड़ दिया है. पौराणिक कथाओं में गरुड़ भगवान विष्णु का वाहन है. गरुड़ बेहद ही समझदार और शक्तिशाली पक्षी माना जाता है. लिहाजा सीबीआई भी ने ऑपरेशन गरुड़ को लॉन्च किया है ताकि ड्रग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जा सके.
उधर जिस शिपिंग कंपनी की खेप में ड्रग्स पकड़ी गई है उसको लेकर आंध्र प्रदेश में राजनीतिक बवाल हो गया है.
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