दुनियाभर में जलालत झेल रहे पाकिस्तान पर एक बार फिर एयर-स्ट्राइक हुई है. बालाकोट जैसा हमला भारत ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के दूसरे पड़ोसी ईरान ने किया है. माना जा रहा है कि ईरान ने उस आतंकी संगठन पर एयर स्ट्राइक की है जिसने भारतीय नौसेना के पूर्व ऑफिसर कुलभूषण जाधव का अपहरण कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को सौंप दिया था.
ईरान के बलूचिस्तान में एयर-स्ट्राइक
तेहरान ने ऐसे समय पर मिसाइल अटैक किया है जब पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर दाओस में ईरानी विदेश मंत्री से राजनयिक बैठक कर रहे थे. ठीक वैसी ही एयर-स्ट्राइक जैसे हिंदुस्तान ने बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर की थी (फरवरी 2019). ईरान ने अपनी सबसे ताकतवर बैलिस्टिक मिसाइलों और आत्मघाती ड्रोन से पाकिस्तान में मौजूद आतंकी कैंपों पर हमला किया है. ये आतंकी कैंप जैश-अल-अदल के हैं. हमला पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान के कोह-ए-सब्ज इलाके में किया गया है. बलूचिस्तान में जैश अल अदल के 2 आतंकी कैंपों पर हुए ईरान के अटैक से पाकिस्तान बिलबिला उठा है और ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है. ये हमला ऐसे समय में किया गया जब ईरान और पाकिस्तान की नौसेनाएं साझा युद्धाभ्यास भी कर रही थीं.
कुलभूषण के गुनहगार जैश अल अदल को ईरान ने दी सजा
जैश अल अदल को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का खासम-खास माना जाता है. जैश अल अदल संगठन पहले आतंकी संगठन जुनदुल्लाह के साथ ही था. जुनदुल्लाह और जैश अल अदल के आतंकी ईरान में घुसपैठ करते हैं. इसी ग्रुप के आतंकियों ने ही भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव का ईरान से अपहरण किया था. आतंकियों ने कुलभूषण जाधव को ईरान के चाबहार से किडनैप किया था. और फिर पाकिस्तान लाकर आईएसआई को सौंप दिया था. 2012 में गठित जैश अल-अदल को ईरान ने ‘आतंकवादी’ संगठन के रूप में घोषित किया है. जैश अल अदल एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जो ईरान के दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में काम करता है. पिछले कुछ वर्षों में जैश अल-अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं. दिसंबर में जैश अल-अदल ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कम से कम 11 पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी. सिस्तान-बलूचिस्तान की सीमा अफगानिस्तान और पाकिस्तान से लगती है. ईरानी सुरक्षाबलों पर अटैक को लेकर ईरान के मंत्री अहमद वहीदी ने पाकिस्तान से दो टूक कहा था कि पाकिस्तान आतंकियों को पनपने पर लगाम लगाए.
क्या है पाकिस्तान का आरोप ?
आतंकियों के पनाहगार पाकिस्तान के चेहरे से पर्दा उठ चुका है, बावजूद इसके आतंकियों की मदद करने में पाकिस्तान जुटा हुआ है. पाकिस्तान ने कहा है- बलूचिस्तान में मिसाइल और ड्रोन से अटैक में दो बच्चों की जान चली गई और तीन लड़कियां घायल हो गईं. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा- पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन पूरी तरह से अस्वीकार्य है. पाकिस्तान और ईरान के बीच कम्युनिकेशन के कई चैनल मौजूद हैं, बावजूद इसके ईरान ने एयर-स्ट्राइक की है. पाकिस्तान ने कहा कि ऐसे एकतरफा कृत्य अच्छे पड़ोसी के नहीं हैं, ऐसे काम द्विपक्षीय विश्वास और भरोसे को गंभीर रूप से कमजोर कर सकते हैं.
पाकिस्तान-ईरान भाई-भाई, फिर क्यों है लड़ाई?
ईरान और पाकिस्तान की सीमाएं बलूचिस्तान के साथ 1000 किलोमीटर की सीमा बांटते हैं. पाकिस्तान-ईरान के बीच धार्मिक दुश्मनी है. ईरान एक शिया देश है, जबकि पाकिस्तान में सुन्नी ज्यादा हैं. ये दुश्मनी साल 1979 से शुरु हुई जब ईरान एक शिया स्टेट बन गया था. हालांकि ईरान-पाकिस्तान एक दूसरे को भाई-भाई कहते हैं, पर दोनों एक दूसरे पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाते रहे हैं. ईरान के उसके कट्टर दुश्मन देश सऊदी अरब के पाकिस्तान से रिश्ते अच्छे हैं. ईरान को हमेशा से शक रहता है कि सऊदी अरब के साथ मिलकर पाकिस्तान ईरान के खिलाफ विद्रोह जैसी स्थिति पैदा कर सकता है. सऊदी अरब कट्टर सुन्नी देश है. और इजरायल पर हमले के पीछे भी एक ये एंगल सामने आया था कि इजरायल और सऊदी अरब करीब आ रहे थे. सऊदी अरब और इजरायल के रिश्ते सामान्य करने के लिए अमेरिका की भूमिका थी. और कहा जाता है कि इसलिए ईरान ने हमास को हर तरह से मदद की ताकि इजरायल पर अटैक हो, और हमास-इजरायल की टेंशन का असर सऊदी अरब के साथ सामान्य हो रहे रिश्तों पर पड़े.
पाकिस्तान में उड़ा मजाक
बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद हुई ताजा एयर-स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान की जनता ने पाकिस्तान सेना का मजाक उड़ाया है. पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, पाकिस्तान के केयर टेकर पीएम अनवर उल हक काकर और आईएसआई पर सोशल मीडिया में मजाकिया पोस्ट की बाढ़ आ गई है. पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर ‘लम्बर वन’ ट्रेंड हुआ, पाकिस्तानी लोग नंबर वन के दावों पर चुटकी लेते हुए पाकिस्तान को ‘लम्बर वन’ लिख रहे हैं. लोग ईरानी विदेश मंत्री के साथ दावोस में हुई पाकिस्तानी पीएम की तस्वीरें पोस्ट करके मजाक उड़ा रहे हैं.
व्हाट अ टाइमिंग सरजी!
एयर-स्ट्राइक की टाइमिंग को लेकर भारत से भी एक कनेक्शन है, विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय ईरान दौरे पर पहुंचे थे. सोमवार को एस जयशंकर ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और विकसित करने पर चर्चा की. ये मीटिंग इसलिए भी अहम थी क्योंकि हाल ही में अरब सागर में भारतीय पोत पर ड्रोन अटैक हुआ था. तब अमेरिका ने आशंका जताई थी कि ड्रोन अटैक ईरान की ओर से किया गया था. ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित, चाबहार बंदरगाह संपर्क और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ईरान द्वारा विकसित किया जा रहा है. भारत क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए चाबहार बंदरगाह परियोजना पर जोर दे रहा है. मिडिल ईस्ट में फैली अशांति और लाल सागर में हूती अटैक को लेकर भी भारत-ईरान में बातचीत हुई है.
पाकिस्तान से पहले इराक, सीरिया पर एयर-स्ट्राइक
पाकिस्तान से पहले ईरान ने सीरिया, इराक पर भी एयरस्ट्राइक की है. सारे हमले 48 घंटे के अंदर ही किए गए हैं. ईरान ने सोमवार देर रात इराक में अमेरिका और इजराइल के सैन्य ठिकानों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमले किए. ईरानी अटैक से इरबिल शहर में इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद का मुख्यालय और अमेरिकी कांसुलेट ध्वस्त हुए. धमाके के बाद हमले की जिम्मेदारी ईरान के इस्लामिक रिपब्लिक गार्ड कोर ने ली है. ईरान ने दावा किया है कि मोसाद के 9 जासूस मारे गए. हमलों की जांच के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की टीम ने ध्वस्त हो चुकी इमारत का जायजा लिया है. दरअसल 3 जनवरी को ईरान के करमन में दो बड़े धमाके हुए थे. 3 जनवरी को ईरान में जनरल सुलेमानी की कब्र पर शोक मनाया जा रहा था. इस दौरान धमाके में 103 लोग मारे गए थे और 284 घायल हुए थे. धमाकों को ईरान ने इजरायल की साजिश करार दिया था. ईरान ने अमेरिकी कॉन्सुलेट पर मिसाइल अटैक करके अमेरिका को चुनौती दे दी है.
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