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Middle East की जंग में दो खेमों में बंट गई दुनिया, दुविधा में भारत

ईरान के मिसाइल अटैक के बाद एक बार फिर युद्ध का खतरा मंडराने लगा है. ईरान के पीछे जहां रूस रक्षा कवच की तरह खड़ा है तो वहीं इजरायल को मिला है अमेरिका और ब्रिटेन का साथ, वहीं जॉर्डन ने साफ तौर पर कह दिया है कि चाहे वो ईरान हो या फिर इजरायल हमारे देश जॉर्डन को जंग का मैदान समझने की भूल ना करे. 

दरअसल जब मंगलवार को ईरान ने मिसाइल हमला किया तो आयरन डोम के कारण कुछ मिसाइलों के टुकड़े जॉर्डन में गिरे थे जिसके चलते जॉर्डन के कुछ नागरिक घायल हुए हैं.

ईरान-इजरायल में तनाव, कौन किसके साथ?
ईरान के मिसाइल हमले पर अमेरिका ने ईरान को दो टूक चेतावनी जारी की है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफतौर पर अमेरिका की सेना को निर्देश जारी किया है कि वो इजरायल के साथ खड़े रहें. जो बाइडेन ने आपात बैठक बुलाते हुए कहा, हमने अमेरिकी सेना को ईरानी मिसाइलों को तबाह करने में इजरायल की मदद करने का निर्देश दिया है. एनएससी के प्रवक्ता सीन सेवेट ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि “राष्ट्रपति बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस व्हाइट हाउस के सिचुएशन रूम से हमले की निगरानी कर रहे हैं और लगातार ताजा अपडेट ले रहे हैं.”

वहीं अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ईरानी हमले का विरोध जताया है. कमला हैरिस ने ईरान को मिडल ईस्ट में अस्थिर करने वाली और खतरनाक ताकत बताया. कमला हैरिस ने कहा, ” ईरान ने एक लापरवाह हमले में इज़रायल पर करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. मैं इस हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करती हूं ईरान मिडिल ईस्ट में एक अस्थिर करने वाली खतरनाक ताकत है. इज़रायल पर हमला इस तथ्य को और ज्यादा दिखाता है. मैं राष्ट्रपति बाइडेन और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ सिचुएशन रूम में थी. हम रियल टाइम हमले पर नजर बनाए हुए थे, हमने सुनिश्चित किया कि क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा सर्वोपरि है.”

डोनाल़्ड ट्रंप ने भी ईरानी हमले पर गुस्सा जाहिर किया है. ट्रंप ने कहा, “मिडिल ईस्ट में युद्ध जैसे हालात नहीं थे. .आज दुनिया को देखो – अभी मिडल ईस्ट में उड़ने वाली मिसाइलों को देखो, रूस-यूक्रेन के साथ क्या हो रहा है, देखो, मुद्रास्फीति दुनिया को नष्ट कर रही है, अगर मैं राष्ट्रपति होता तो इनमें से कुछ भी नहीं होता.” ट्रंप ने कहा कि बाइडेन और हैरिस की वजह से आज तीसरे विश्व युद्ध की नौबत आ गई है. 

रूस ने भी मिडिल-ईस्ट के हालात के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है. 

इजरायल-ईरान की जंग में ब्रिटेन इस देश के साथ

ईरान और इजरायल की जंग के बीच जहां अमेरिका खुले तौर पर इजरायल को समर्थन दे रहा है तो अब ब्रिटेन की भी मामले में एंट्री हो गई है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि “हम इजरायल के साथ मजबूती से खड़े हैं.” वहीं ब्रिटेन ने ये भी दावा किया है कि उन्होंने इजरायल पर हमला रोका है. 
ब्रिटेन के रक्षा सचिव जॉन हीली ने कहा कि “हमने इजरायल पर ईरान के हमले को रोकने में अपनी भूमिका निभाई. ब्रिटिश सेना ने इजरायल के खिलाफ ईरान के मिसाइल हमले को अधिक बिगड़ने से रोकने में भूमिका निभाई है. हालांकि ब्रिटेन ने किस तरह से मदद की इसका खुलासा जॉन हीली ने नहीं किया है.

ऑस्ट्रेलिया और स्पेन ने हमलों पर क्या कहा?
ईरान की तरफ से किए गए मिसाइल हमलों के बाद ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. अल्बानीज ने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट कर कहा, “ऑस्ट्रेलिया, इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमले की निंदा करता है, शत्रुता ने नागरिकों को जोखिम में डाल दिया. हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.”

वहीं ईरान की ओर से किए गए मिसाइल हमले के बाद स्पेन के विदेश मंत्री ने बयान जारी किया है. स्पेन ने कहा “इजरायल पर ईरानी हमले की निंदा करते हुए संयम बरतने की अपील की है.”

इजरायल और ईरान में भारत किसका देगा साथ?
इजरायल और भारत की दोस्ती बेहद प्रगाढ़ है. लेकिन ईरान के साथ भी भारत के अच्छे रिश्ते हैं. पिछले पांच वर्षों में भारत और इजरायल में व्यापार दोगुना हुआ है तो ईरान के साथ चाबहार पोर्ट पर भारत साथ है. इजरायल ने कभी भी भारत के खिलाफ बयानबाजी नहीं की है, बल्कि पिछले सप्ताह बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में भारत का मैप दिखाते हुए आशीर्वाद बताया था. 

वहीं ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने भारत में मुसलमानों की स्थिति को लेकर सवाल खड़े किए थे. खामेनेई ने भारत की तुलना म्यांमार और गाजा के साथ की थी. जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी. बहरहाल भारत की ओर से अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है पर दो दिन पहले ही इजरायली पीएम नेतन्याहू ने पीएम मोदी से फोन पर लंबी वार्ता की थी. माना जा रहा है कि ईरान पर एक्शन से पहले नेतन्याहू ने पीएम मोदी को अपना प्लान ऑफ एक्शन बताया था. इस दौरान पीएम मोदी ने नेतन्याहू को आतंकवाद के खिलाफ जंग को पूर्ण-युद्ध में तब्दील न करने का आह्वान किया था. 

इजरायल के मददगारों को ईरान की धमकी
इजरायल की मदद करने वाले देशों को ईरान की खुली धमकी दी है. ईरान ने कहा है कि “अगर इजरायल की मदद की तो सीधे हस्तक्षेप की स्थिति में उन्हें ईरान के सशस्त्र बलों द्वारा एक शक्तिशाली हमले का सामना करना पड़ेगा.”

इजरायल के साथ जहां अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया है वहीं ईरान के साथ फिलिस्तीन, तुर्की, लेबनान, सीरिया, कतर, ओमान जैसे देश शामिल हैं. ये देश सीधे तौर पर इजरायल को धमकी भी दे चुके हैं. वहीं रूस और चीन, ईरान के साथ इसलिए हैं क्योंकि दोनों ही देश अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के कट्टर दुश्मन हैं.

यूरोप पहुंची मिडिल ईस्ट की आग
बुधवार को डेनमार्क की राजधानी  कोपेनहेगन के उत्तरी बाहरी इलाके में इजरायल के दूतावास के करीब दो धमाके हुए. धमाका होते ही हड़कंप मच गया. डेनमार्क पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया. कोपेनहेगन पुलिस ने कहा, “इन धमाकों में कोई घायल नहीं हुआ है, हम मामले की जांच कर रहे हैं” हालांकि, इजरायली दूतावास की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

खबर ये भी आई है कि साइप्रस में इजरायली राजदूत को अगवा कर लिया गया है. 

भारत में बढ़ी इजरायली दूतावास की सुरक्षा
दिल्ली में इजरायली एंबेसी की सुरक्षा चौगुनी कर दी गई है. ईरानी अटैक के बाद दिल्ली पुलिस ने एंबेसी की सुरक्षा की समीक्षा की है. दरअसल पहले भी इजरायली दूतावास पर बम धमाका किया जा चुका है. ऐसे में भारत कोई कोताही नहीं बरतना चाहता है. दूतावास के अलावा इजरायली प्रार्थना हाउस और इजरायली लोगों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

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