अमेरिका की एयरस्ट्राइक पर ईरान की ओर से आई है कड़ी प्रतिक्रिया. ईरान ने कहा है कि अमेरिकी अटैक के बाद अमेरिका का हर नागरिक और सैन्यकर्मी उनते टारगेट पर है. माना जा रहा है कि अगले कुछ घंटों में ईरान की ओर से सैन्य जवाब दिया जा सकता है.
अमेरिका की एयरस्ट्राइक के बाद हर सैनिक सुरक्षित है और ईरान की सीमा से वापस लौट आया है. अमेरिका के जबर्दस्त प्रहार का हीरो रहा है बी 2 स्टील्थ बॉम्बर. हमले से पहले अमेरिका के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से छह बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स गुआम में स्थित अमेरिकी एयरफोर्स के बेस पर पहुंचे थे, और कुछ ही घंटों में इन बॉम्बर ने ईरान में तबाही मचा डाली.
अंडरग्राउंड है ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर साइट, मदर ऑफ ऑल बॉम्ब ने नष्ट किया
इजरायल लगातार 10 दिनों से ईरान की न्यूक्लियर साइट पर अटैक कर रहा था. लेकिन ईरान के परमाणु संयंत्रों पर नुकसान नहीं पहुंचाया जा पा रहा था. आईएईएन ने भी बताया था कि ईरान के परमाणु संयंत्र इतने मजबूत हैं कि इजरायल उन्हें किसी भी कीमत पर अपने दम पर नष्ट नहीं कर सकता है.
ऐसे में अमेरिका के बी 2 बॉम्बर को एक्शन में लाया गया. बी 2 बॉम्बर ने बंकर बस्टर बम जिसे मदर ऑफ ऑल बम कहा जाता है, उससे ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर अटैक किया. सिर्फ बंकर बस्टर बम से ही नुकसान पहुंचाया जा सकता था, क्योंकि फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट 90 मीटर नीचे है.
अमेरिका का एक बी-2 बॉम्बर विमान 15 टन के भार वाले दो बंकर बस्टर बम (एमओएबी) को लेकर उड़ान भरने में सक्षम है और यह बम पूरी दुनिया में सिर्फ और सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका के पास है. सिर्फ इसी बम के जरिए ईरान के सबसे सुरक्षित परमाणु साइट फोर्डो को निशाना बनाया जा सकता था.
बी 2 बॉम्बर के साथ रहा अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ 22 रैपटर
बी2 बॉम्बर ने ईरान पर जब हमला किया तो उस दौरान अमेरिका के एफ-22 रैपटर स्टील्थ लड़ाकू विमान भी साथ थे. रैपटर का इस्तेमाल बी2 बॉम्बर की सुरक्षा के लिए था ताकि अगर डॉग फाइट या फिर कोई मिसाइल अटैक का खतरा हो तो उसका मुकाबला कर सके, हालांकि, बी2 और एफ22 दोनों ही स्टील्थ यानी अदृश्य एयरक्राफ्ट हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि दुनिया की कोई रडार इंटरसेप्ट नहीं कर सकती है.
मदर ऑफ ऑल बम की क्या है खासियत
10 क्विंटव वजनी जीबीयू-43/B मैसिव ऑर्डिनेंस एयर ब्लास्ट (एमओएमबी) बम जीपीएस गाइडेड है. इस बम को अमेरिकी सेना के
अल्बर्ट वेमोर्ट्स ने विकसित किया था. साल 2003 में इस बम का पहली बार परीक्षण किया गया था. सफल परीक्षण के बाद इस बम को 2003 में इराक युद्ध के दौरान बनाया गया था. इस बम को ‘मदर ऑफ ऑल बॉम्ब’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि माना जाता है कि इससे घातक कोई बम नहीं है. जमीन की गहराई में भी ये टारगेट करने में सक्षम है. हालांकि अमेरिका के इस बम के जवाब में रूस ने फॉदर ऑफ ऑल बॉम्ब विकसित किया, जो जीबीयू-43 से चार गुना ज्यादा घातक है.
अब हमारे टारगेट पर है अमेरिका, ईरान की धमकी
अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ईरान के सरकारी टीवी ने चेतावनी जारी की है. ईरान की ओर से कहा गया है कि अब क्षेत्र में मौजूद हर अमेरिकी नागरिक या सैन्यकर्मी ईरान के टारगेट पर है. यह बयान अमेरिका की ओर से बंकर बस्टर बम के इस्तेमाल के जवाब में आया है, जिससे क्षेत्र में हालात और अधिक गंभीर होने की आशंका जताई जा रही है.