इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले के बावजूद इजरायल ने राफा पर हमले जारी रखे हैं. इससे पहले इजरायल ने आईसीसी द्वारा इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट का खिलाफ जारी अरेस्ट वारंट को भी मानने से इंकार कर दिया था.
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की सर्वोच्च अदालत, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (‘आईसीजे’) ने एक चौंकाने वाले फैसले में इजराइल को “राफा में अपने सैन्य हमले को तुरंत रोकने” का आदेश दिया था. आईसीजे ने दक्षिण अफ्रीका के आवेदन के पक्ष में फैसले सुनाते हुए राफा पर हमले रोकने की मांग की थी.
आईसीजे के न्यायाधीश नवाफ सलाम के अनुसार, “गाजा में स्थिति बदतर हो गई है. ऐसे में इजराइल जांचकर्ताओं को एन्क्लेव में प्रवेश करने की अनुमति दे.” अदालत ने ये भी कहा कि गाजा और मिस्र के बीच राफा गेट को इजरायल फिर से खोलकर ‘तत्काल आवश्यक बुनियादी सेवाओं और मानवीय सहायता प्रदान करे.”
उधर इजरायल के वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच ने साफ कर दिया है कि उनका देश गाजा युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमति नहीं देगा. सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने लिखा कि “जो लोग मांग करते हैं कि इजरायल युद्ध बंद कर दे, वे मांग करते हैं कि अपना अस्तित्व समाप्त कर दें.” बेजेलेल ने लिखा कि “अगर हम अपने हथियार डाल देंगे तो दुश्मन हमारी महिलाओं और बच्चों के बिस्तर तक पहुंच जाएंगे.
हालांकि, युद्ध खत्म करने के लिए इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है. आईसीजे के फैसले पर अमेरिकी प्रतिक्रिया के बारे में सवाल किया गया, तो व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम राफा पर अपनी स्थिति पर स्पष्ट रहे हैं. नागरिकों को बचाने की रणनीति के अभाव में अमेरिका ने राफा पर इजरायल के पूर्ण आक्रमण को खारिज कर दिया है.”
जानकारी के मुताबिक, आईसीजे के फैसले के कुछ ही मिनटों बाद इजरायली हवाई जहाजों ने राफ़ा के मध्य में शबौरा कैंप पर कई हवाई हमले किए.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, युद्ध शुरू होने के बाद से 800,000 से अधिक फिलिस्तीनियों ने राफा छोड़ दिया है. गाजा के अन्य हिस्सों में लड़ाई के दौरान लगभग 15 लाख लोगों ने वहां शरण ली थी.
7 अक्टूबर 2023 को आतंकी संगठन हमास के आतंकवादियों ने इजरायल पर हमला कर 1200 से अधिक लोगों की हत्या कर दी थी. इसके अलावा आतंकियों ने 252 से अधिक लोगों का इजरायल से अपहरण कर लिया था. जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल ने गाजा पर बड़ा धावा बोल दिया जिसमें अब तक 30 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की जान चली गई है. गाजा के बाद इजरायली सेना अब मिस्र से सटे राफा इलाके में ऑपरेशन शुरु कर दिए है.
यूक्रेन में युद्ध रोकने के आईसीजे के वर्ष 2022 के फैसले को रुस ने भी मानने से इंकार कर दिया था. क्योंकि, आईसीजे अपने आदेशों को लागू करने में असमर्थ है.
इससे पहले इजरायल ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) द्वारा नेतन्याहू और गैलेंट के खिलाफ वारंट को मानने से इंकार कर दिया था. क्योंकि इजरायल आईसीसी का सदस्य देश नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन तक आईसीसी के फैसले पर भड़क गए थे. (नेतन्याहू के अरेस्ट वारंट पर भड़के बाइडेन, मैक्रों ने किया समर्थन).