गाजा पट्टी से हमास को अलग-थलग करने की रणनीति पर काम करते हुए इजरायल ने दावा किया है कि उसने गाजा में नए मोराग कॉरिडोर का निर्माण पूरा कर लिया है, जो दक्षिणी शहर राफा को गाजा पट्टी के बाकी हिस्सों से अलग करता है. मोराग कॉरिडोर बनाए जाने का मकसद ये है कि हमास और उनके समर्थित लोगों को कम स्पेस मिले ताकि बंधकों को छुड़ाने और हमास आतंकियों को पहचान की जा सके.
राफा की घेराबंदी पूरी, नियंत्रण में है पूरा इलाका- इजरायली सेना
मोराग एक पुरानी यहूदी बस्ती थी, जो राफा और खान यूनिस के बीच स्थित थी. कुछ दिनों पहले इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के आदेश के बाद इजरायली सेना ने सुरक्षित कॉरिडोर बना दिया है, जिससे राफा बाकी गाजा से कट गया है. आईडीएफ के मुताबिक इस कॉरिडोर में उन्होंने 36वीं डिवीजन को वहां तैनात कर दिया है और पूरा इलाका अब उनके नियंत्रण में है. माना जा रहा है कि बंधकों की रिहाई के लिए आईडीएफ एक बड़ा ऑपरेशन शुरु करने वाली है.
युद्धविराम समाप्ति के बाद आक्रामक है इजरायली सेना, बंधकों को छुड़ाना चुनौती
हमास के चंगुल में अब भी 59 बंधक हैं, जिनमें से 24 बंधकों की जीवित होने की उम्मीद है. इजरायल ने एक बार फिर से कसम खाई है कि जब तक वो सभी बंधकों को छुड़ा नहीं लेंगे और हमास आतंकियों को सजा नहीं देंगे, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे. इजरायल ने रमजान महीने के शुरुआत में ही गाजा में दी जाने वाली मानवीय सहायता रोक दी थी. भोजन, ईंधन और मानवीय सहायता पर रोक लगा दी है, जिससे गाजा पट्टी पर रहने लोगों के लिए खाने-पीने की किल्लत है. नेतन्याहू ने कहा था कि मोराग “दूसरा फिलाडेल्फिया गलियारा” होगा, जो मिस्र के साथ दक्षिण में सीमा को जोड़ेगा, जिसपर आईडीएफ का कब्जा है. इसी तरह का एक और कॉरिडोर नेतजारिम के पास है, जो उत्तरी गाजा को अलग करता है. इन कॉरिडोर और सुरक्षा क्षेत्रों के चलते इजरायल अब गाजा पट्टी का 50% से ज्यादा हिस्सा नियंत्रित कर रहा है.
इजरायली रक्षा मंत्री ने किया मोराग कॉरिडोर का दौरा, कहा, “लोग शांति चाहते हैं तो हमास को हरा कर ही मानेंगे”
इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने दक्षिणी शहर रफा और खान यूनिस के बीच मोराग कॉरिडोर का दौरा किया है. इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा, “आईडीएफ के सैनिक गाजा के बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर रहे हैं और उन्हें इजरायल के सुरक्षा क्षेत्रों में जोड़ा जा रहा है, जिससे गाजा छोटा और अधिक अलग-थलग हो रहा है. जब तक बंधकों को मुक्त नहीं कर दिया जाता, तब तक हम गाजा पर दबाव बढ़ाते रहेंगे. हम हमास को हरा कर ही मानेंगे. गाजा के लोग अगर चाहते हैं कि शांति हो, तो उन्हें हमास को हटाना होगा और बंधकों को रिहा कराना होगा. हमास नेता सुरंगों में या विदेशों में महलों में रहते हैं, जबकि आम लोग भूख और बमबारी से जूझ रहे हैं. वहीं गाजा के लोग जो दूसरी जगहों पर प्रवास करने के इच्छुक हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है.”