इजरायली पीएम की हत्या की कोशिश और संवेदनशील जगहों की जासूसी के पूरे प्लान का शिन-बेट (इजरायली आतंरिक खुफिया एजेंसी) ने खुलासा किया है. ईरान के इशारे पर अजरबैजान मूल के यहूदी जासूसों का इस्तेमाल किया जा रहा था. इजरायली खुफिया एजेंसी ने सभी सातों जासूसों को धर-दबोचा है.
हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश को लेकर एक पाकिस्तानी नागरिक की अमेरिका में गिरफ्तारी हुई थी तो अब इजरायल में ऐसे सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ऐसी आशंका है कि ईरान के इशारे पर ये आरोपी, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की हत्या की साजिश रच रहे थे. क्योंकि इजरायल का दावा है कि जासूस एक वरिष्ठ इजरायली नागरिक के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि ये नहीं पता है कि वो वरिष्ठ नागरिक कौन है. पर आशंका है कि वो नेतन्याहू हो सकते हैं.
इजरायल में पकड़े गए ईरान के सात जासूस
गाजा में शुरू हुए युद्ध के बीच ईरान से जुड़े एक बड़े मामले का खुलासा हुआ है. इजरायली पुलिस ने सात इजरायली लोगों को गिरफ्तार किया है. जो कि ईरान के लिए जासूसी कर रहे थे. गिरफ्तार किए गए लोगों में एक इजराली सैनिक और दो जासूस नाबालिग शामिल हैं. इजरायली पुलिस और आंतरिक खुफिया एजेंसी शिन बेट ने सोमवार को जासूसों का खुलासा करते हुए जानकारी साझा की.
इजरायल की आंतरिक सुरक्षा संभालने वाली शिन बेट के मुताबिक, “इजरायल के उत्तरी भाग से सात इजराइली नागरिकों को गिरफ्तार किया गया. जांच में पाया गया कि उन्होंने दो ईरानी एजेंटों के कहने पर दो साल तक खुफिया मिशन चलाए थे.” शिन बेट का दावा है कि “जासूसों ने इजरायली वायु सेना और नौसेना के प्रतिष्ठानों, बंदरगाहों, आयरन डोम मिसाइल रक्षा प्रणालियों और एक बिजली संयंत्र की तस्वीर खींचने और जानकारी इकट्ठा करके ईरान को सौंपा.”
ईरान के लिए किए 600 मिशन, तुर्की था मध्यस्थ: इजरायल
आरोप है कि संदिग्ध जासूसों ने ईरान के लिए लगभग 600 मिशन पूरे किए, जिसमें संवेदनशील सैन्य और बुनियादी ढांचे वाली जगहों पर खुफिया जानकारी करना और ईरान के लिए टारगेट की पहचान करना शामिल है. शिन बेट के मुताबिक,”संदिग्धों ने देश के दक्षिण में नेगेव रेगिस्तान में स्थित एयरबेस नेवातिम की निगरानी की थी, जिस पर ईरान ने 1 अक्टूबर को मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की थी. पर ईरान हमलों में नाकाम रहा था.
इजरायल की एजेंसियों के मुताबिक, “संदिग्धों ने ईरानी एजेंटों की ओर से तेल अवीव में रक्षा मुख्यालय और नेवातिम और रमत डेविड हवाई अड्डों सहित आईडीएफ ठिकानों और सुविधाओं की तस्वीरें लीं, जिनके साथ वे तुर्की मध्यस्थ के माध्यम से संपर्क में थे.” संदिग्धों ने ईरान को जिस नेवातिम बेस और रमत डेविड की तस्वीरें ईरान से साझा की थी, उसपर दो ईरानी मिसाइल और हिजबुल्लाह ने निशाना बनाया था.
एक बार संदिग्धों ने गैलिली में वायु सेना के ठिकाने की गुब्बारे के सटीक स्थान की तस्वीर खींची और उसे अपने हैंडलर्स को भेजा. कहा जाता है कि इस साइट पर लगभग एक महीने बाद सीधा हमला हुआ था. कथित तौर पर जासूसों को इजरायल के रणनीतिक स्थलों के नक्शे दिए गए थे, जिसमें गोलानी प्रशिक्षण बेस भी शामिल था, जिस पर इस महीने की शुरुआत में एक घातक ड्रोन हमला हुआ था.
जुटा रहे थे खुफिया जानकारी, कैसे हुई गिरफ्तारी?
सातों जासूसों को गिरफ्तार करने वाले इजरायली पुलिस के मुताबिक, ईरान के कहने पर सभी लोगों ने जासूसी के उपकरणों का इस्तेमाल किया. संदिग्धों को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वो एक एक वरिष्ठ इजरायली नागरिक के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे थे. इजरायली एजेंसियों के मुताबिक, भविष्य में पकड़े गए जासूस उस वरिष्ठ नागरिक को नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे थे.
पुलिस ने वरिष्ठ नागरिक की कोई पहचान नहीं बताई है. संभावना है कि जल्द खुलासा किया जा सकता है कि वो वरिष्ठ नागरिक कौन था. जांच एजेंसियां इस बात से ज्यादा हैरान हैं कि पकड़े गए लोग यहूदी इजरायली नागरिक थे. इजरायल के वरिष्ठ नागरिक और संवेदनशील जगहों की जानकारी जुटाने के लिए जासूसों को सैकड़ों हजार डॉलर का भुगतान किया गया था, जिनमें से कुछ क्रिप्टोकरेंसी में थे. इजरायली मीडिया ने बताया है कि कि “गिरफ्तार किए गए लोग मूलत: अजरबैजान के थे. पैसे के लिए जासूसी करने के लिए तैयार हो गए थे.”
इजरायली सांसदों ने जासूसों को मौत की सजा देने की मांग की
जासूसों की गिरफ्तारी के बाद इजरायली लोगों में रोष है. इजरायली सांसदों ने आरोपियों को कड़ी सजा की मांग की है. इजरायल के मंत्री मिकी जो़हर ने एक्स अकाउंट पर लिखा, “जब हम भविष्य के लिए लड़ रहे हैं, तो कुछ पैसे के लिए इजरायल की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाले गद्दारों के लिए मृत्युदंड कानून सहित सबसे कठोर उपायों की आवश्यकता है.”
नेतन्याहू, रक्षामंत्री की हत्या की ईरान ने दी सुपारी
सितंबर के महीने में शिनबेट ने अश्कलोन के 73 वर्षीय इजरायली व्यक्ति मोती ममन को गिरफ्तार किया था. जिसे ईरान ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू, रक्षा मंत्री यौव गैलेंट या शिन बेट के प्रमुख की हत्या में मदद करने का काम सौंपा गया था. इजरायली एजेंसी ने बताया था कि “ईरान ने ऑनलाइन इजरायलियों की भर्ती करने की कोशिश की थी और इन हत्याओं के बदले अच्छे पैसे देने का वादा किया गया था.”