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गाजा में UN पर बैन, इजरायल ने ये बताया कारण

गाजा में तैनात यूएन स्टाफ के आतंकी संगठन हमास के संबंधों को लेकर इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र के राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्लूए) पर बैन लगा दिया है. इजरायल के इस कदम से गाजा में 20 लाख शरणार्थियों के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी.

इजरायल की संसद (नेसेट) ने दो कानून पारित किए हैं, जिसके तहत यूएनआरडब्लूए को ईस्ट जेरूसलम सहित फिलिस्तीन में काम करने पर प्रतिबंध लग जाएगा. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र गाजा में शरणार्थियों को जरूरी खाने-पीने के सामान के साथ रसद और दूसरे जरूरी सामानों की सप्लाई नहीं कर पायेगा.

यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इजरायल की इस कार्रवाई को अस्वीकार्य बताते हुए चिंता जताई है. गुटेरेस ने कहा कि यूएनआरडब्लूए का कोई विकल्प नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, इजरायल के इस कानून के लागू होने से फिलिस्तीन (गाजा) विवाद के निपटारे में खासी दिक्कत आ सकती हैं. क्योंकि इससे क्षेत्र की शांति और सुरक्षा पर सीधा असर पड़ेगा.

इजरायल का आरोप है कि यूएनआरडब्लूए की आड़ में हमास के आतंकी गाजा में सक्रिय हैं. यहां तक की पिछले साल 7 अक्टूबर (2023) के आतंकी हमले में भी यूएनआरडब्लूए के स्टाफ की मिलीभगत की जानकारी सामने आई है.

हाल के दिनों में ये दूसरी बार है कि इजरायल और संयुक्त राष्ट्र के बीच सीधे ठनी है. लेबनान में ग्राउंड अटैक के दौरान भी इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने यूएन शांति सेना (यूएनआईएफआईएल) को ब्लू लाइन (इजरायल-लेबनान सीमा) पर बनी चौकियों को खाली करने का निर्देश दिया था. ऐसा ना करने पर यूएन की चौकियों और परिसर को टैंक से घेराबंदी कर दी गई थी. आईडीएफ की इस कार्रवाई में यूएन शांति सेना के सैनिक भी घायल हुए थे.

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