हमास के बाद अब हिजबुल्लाह के खिलाफ आक्रामक तैयारी में जुट गया है इजरायल. किसी भी वक्त इजरायली सेना लेबनान में एक बड़ा हमला कर सकती है.
खुद इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू लेबनान बॉर्डर पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया. इस बीच एक इंटरनेशनल मानवाधिकार संस्था ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि सीमावर्ती लेबनान के इलाकों में हमलों के लिए इजरायली सेना फास्फोरस बम का इस्तेमाल कर रही है.
नेतन्याहू का लेबनान बॉर्डर पर दौरा ऐसे वक्त में हुआ है जब ईरान समर्थित हिजबुल्ला के आतंकियों ने इजरायली ठिकानों पर कई हमले को अंजाम देने की बात कही थी, जिसमें हिजबुल्ला ने रामोट नफ्ताली बैरक में आयरन डोम प्लेटफॉर्म पर गाइडेड मिसाइल से अटैक का भी दावा किया है.
नेतन्याहू ने लेबनान बॉर्डर का लिया जायजा
बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान बॉर्डर इलाके का दौरा किया है. लेबनान और इजरायल के सीमाई इलाकों में नेतन्याहू ने सेना की ब्रिगेड 769 कमांड के साथ बैठक भी की और हालात के बारे में जानकारी ली. इजरायली सरकार ने 50 हजार रिजर्व सैनिकों को लेबनान बॉर्डर पर बुलाने की सहमति दी है ताकि युद्ध की स्थिति में इजरायली सैनिकों की संख्या में कमी ना हो. नेतन्याहू के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इटमार बेन ग्वीर और वित्त मंत्री बेजेल स्मोट्रिच ने हाल के दिनों में उत्तरी इजरायल में सुरक्षा बहाल करने के लिए तत्काल कार्रवाई की अपील की थी. अपने सैनिकों में जोश भरने के बाद नेतन्याहू ने कहा है- “हम नॉर्थ में भीषण ऑपरेशन के लिए तैयार हैं. अगर कोई यह सोचता है कि वह हमें नुकसान पहुंचाएगा और हम चुपचाप बैठे रहेंगे, तो वह बड़ी गलती कर रहा है. किसी भी तरह से उत्तर में सुरक्षा बहाल करेंगे. अब हम उत्तरी सीमा पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं.”
हमास के साथ इजरायल के टारगेट पर अब हिजबुल्ला
लेबनान और इजरायल के बीच सीमा पर तनाव बढ़ चुका है क्योंकि इजरायली सेना और हिजबुल्लाह के बीच गोलीबारी हुई है. 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास के अटैक के बाद हमास के साथ हिजबुल्ला ने लेबनान बॉर्डर से इजरायल पर हमले तेज कर दिए. पिछले साल अक्टूबर की शुरुआत से लेकर अब तक हुई हिंसा में लेबनान में 400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जिसमें अधिकतर हिजबुल्ला के आतंकी है. तो वहीं हिजबुल्ला के हमलों में तकरीबन 11 इजरायली सैनिक अपनी जान गंवा चुके हैं. इजरायल और हिजबुल्ला साल 2006 में भी लड़ाई लड़ चुके हैं.
लेबनान में अमेरिकी दूतावास पर हुआ हमला
लेबनान की राजधानी बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर हमला हुआ है. हमला करने वाले एक बंदूकधारी को लेबनानी सैनिकों ने पकड़ लिया है. 4 हमलावरों में से एक बंदूकधारी को गोली भी लगी है. लेबनानी सेना ने हमलावर की पहचान सीरियाई नागरिक के रूप में की है. हमलावर के कपड़ों पर अरबी भाषा में ‘‘इस्लामिक स्टेट’’ और अंग्रेजी में ‘आई’ और ‘एस’ लिखा है. अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी करते हुए बताया है कि कि “दूतावास के प्रवेश द्वार पर हुए हमले में उनका कोई कर्मचारी हताहत नहीं हुआ है.” लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने हमले के फौरन बाद रक्षा मंत्री और सैन्य कमांडरों की बैठक की और अमेरिकी दूतावास के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इससे पहले साल 1983 में बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर घातक बम हमला हुआ था, जिसमें 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे. अमेरिकी अधिकारियों ने हमले के पीछे आतंकी समूह हिजबुल्ला को जिम्मेदार ठहराया था.
यरुशलम में इजरायल के लोगों ने निकाला मार्च
इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग के बीच हजारों की संख्या में इजरायलियों ने बुधवार को यरुशलम के पुराने शहर में फिलिस्तीनी इलाके से वार्षिक मार्च निकाला. दमिश्क गेट के बाहर एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों ने अरब विरोधी और इस्लाम विरोधी नारे लगाए. मार्च में शामिल कुछ लोगों ने ‘अरब मुर्दाबाद’ कहते हुए डांस किया और इजराइली झंडे लहराए. दरअसल इजरायल पूरे यरुशलम को अपनी राजधानी मानता है, लेकिन पूर्वी यरुशलम पर इजरायली कब्जे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली है. तो फिलिस्तीनी पूर्वी यरुशलम जहां पर ये मार्च निकाला गया, उसे फिलिस्तीन की राजधानी बनाना चाहते हैं. पर इजरायली लोगों द्वारा निकाले गए इस मार्च से पूर्वी यरुशलम में तनाव है.
सफेद फास्फोरस के इस्तेमाल का आरोप
वैश्विक मानवाधिकार संस्था, ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक, इजरायल ने सीमावर्ती दक्षिणी लेबनान के गांवों और कस्बों में सफेद फास्फोरस यानी आग लगाने वाले गोलों का इस्तेमाल किया है. संस्था का आरोप है कि इजरायल के इन हमलों में 173 लोग घायल हुए हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है.