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ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल रॉकेट लेगा इजरायल, किया स्वदेशी कंपनी से करार

हमास, हूती, हिजबुल्लाह और ईरान के मोर्चे पर डटे इजरायल ने जताया है हिंदुस्तानी रॉकेट पर भरोसा. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के परास्त होने के बाद इजरायल ने दिया है भारत को हथियारों को ऑर्डर. इजरायल ने भारत से 300 किलोमीटर की रेंज वाले रॉकेट के लिए 17.52 मिलियन डॉलर का सौदा किया है.

इजरायल के लिए ये रॉकेट भारत की पुणे स्थित प्राइवेट कंपनी एनआईबीई लिमिटेड बनाएगी. भारत और इजरायल अच्छे सैन्य सहयोगी हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के ठिकानों पर पलटवार के दौरान भारत ने इजरायली ड्रोन का इस्तेमाल किया था, जिन्होंने पाकिस्तान में तबाही मचा दी थी. 

इजरायल के लिए रॉकेट बनाएगी भारत की कंपनी

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ इजरायल के ड्रोन और हथियारों का इस्तेमाल किया तो अब इजरायल ने दिया है भारत को हथियारों का ऑर्डर. इजरायल ने भारत की प्राइवेट कंपनी एनआईबीई लिमिटेड (पुणे) से यूनिवर्सल रॉकेट लॉन्चर का ऑर्डर दिया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल किया था. इजरायल यही रॉकेट लेकर अपने दुश्मनों पर इस्तेमाल करना चाहता है. भारतीय कंपनी को साथ इजरायल का ये सौदा, करीब 17.52 मिलियन डॉलर (करीब 150 करोड़) का है.  

ऑपरेशन सिंदूर में इजरायली ड्रोन्स ने दिखाया था कमाल

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने इजरायल से लिए हारोप और हारपी ड्रोन का इस्तेमाल किया था. हारोप का इस्तेमाल आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया गया था. जबकि एंटी-रेडिएशन हारपी ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान की रडार स्टेशन के खिलाफ किया गया था. भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए हारोप लोएटरिंग म्युनिशन का इस्तेमाल किया था. ये कामकाजी ड्रोन थे जिनमें बम लगे थे. ये दुश्मन के ठिकाने पर  बम सहित फट गए थे.

पाकिस्तान पर हारपी ड्रोन से किया था भारत ने पलटवार

आतंकियों पर अटैक से बौखलाए पाकिस्तान ने 7 मई की शाम को जब भारत के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन अटैक किए थे, तो उसका बदला लेने के लिए भारत ने अगले दिन यानी 8 मई की सुबह हारपी ड्रोन से पलटवार किया. इन हारपी ड्रोन का इस्तेमाल, लाहौर में पाकिस्तान के रडार स्टेशन को तबाह करने के लिए किया गया था. 9-10 मई की देर रात भी भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के जिन 11 एयरबेस को तबाह किया था, उनके लिए फ्रांस की स्कैल्प और स्वदेशी ब्रह्मोस के साथ, इजरायल की रैम्पेज मिसाइल का इस्तेमाल किया था. 

पाकिस्तान के मुरीद एयरबेस पर इजरायल मिसाइल रैम्पेज का इस्तेमाल

रैम्पेज एक लॉन्ग रेंज प्रेशसियन मिसाइल है जिसका इस्तेमाल आसमान से जमीन पर मार करने के लिए किया जाता है. जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के मुरीद एयरबेस पर एक अंडरग्राउंड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को तबाह करने के लिए रैम्पेज का ही इस्तेमाल किया था. इसी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को पाकिस्तान, भारत पर ड्रोन लॉन्च करने के लिए इस्तेमाल कर रहा था.

सिरसा एयरबेस पर पाकिस्तान ने जिस फतह-2 बैलिस्टिक मिसाइल से अटैक करने की कोशिश की थी, उसे भी भारतीय वायुसेना ने एमआरसैम मिसाइल से विफल किया था. इस मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल को भारत के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने इजरायल की मदद से ही तैयार किया है.

गुजरात की कंपनी भी इजरायल के लिए तैयार कर रही 10 हजार ड्रोन

हमास के खिलाफ जंग में भी जब इजरायल को बड़ी संख्या में ड्रोन की जरूरत पड़ी थी, तो पिछले साल गुजरात की एक कंपनी सामने आई थी. ये कंपनी, इजरायल के लिए करीब 10 हजार ड्रोन तैयार कर रही है.

भारत और इजरायल के सैन्य संबंध बेहद मजबूत हैं. पीएम मोदी और इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू एक दूसरे के करीबी हैं. हमेशा से इजरायल और भारत एक दूसरे की मदद के लिए खड़े रहे हैं. करगिल युद्ध के दौरान भी इजरायल ने मदद की थी तो हमास के साथ तनाव के बीच भारत ने इजरायल में ड्रोन और हथियार पहुंचाकर मदद की है. 

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