पश्चिमी अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट ने साल के पहले दिन फ्रांस को दिया है बड़ा झटका. आइवरी कोस्ट के राष्ट्रपति ने फ्रांसीसी सैनिकों को फौरन अपने देश वापस जाने को कहा है.
आइवरी कोस्ट में दशकों से फ्रांसीसी सैनिकों की तैनाती है. पर अब आइवरी कोस्ट के राष्ट्रपति अलास्साने ओउटारा ने कहा कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया इसी महीने से प्रारंभ हो जाएगी. आइवरी कोस्ट के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमने आइवरी कोस्ट में मौजूद फ्रांस के सैनिकों की सुनियोजित तरीके से वापसी का निर्णय लिया है.”
आइवरी कोस्ट में बंद होगा फ्रांस का सैन्य बेस
आइवरी कोर्स्ट के राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में ऐलान किया कि पोर्ट बोएट की सैन्य बटालियन, जिसका जिम्मा अभी तक फ्रांस के सैनिक संभाल रहे थे उसकी कमान अब देश की सेना को सौंप दी जाएगी.
आइवरी कोस्ट पर फ्रांस के शासन का अंत साल 1960 में हुआ था, लेकिन तब से अब तक तकरीबन 600 फ्रांसीसी सैनिकों की तैनाती आइवरी कोस्ट पर थी. ओउटारा ने कहा, फ्रांसीसी सैनिकों की वापसी का कदम हमारे सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण को दर्शाता है.
अफ्रीकी देशों में खत्म हो रहा फ्रांस का प्रभाव
आइवरी कोस्ट के अलावा हाल में कई पश्चिम अफ्रीकी देशों ने फ्रांस के सैनिकों को उनके देश से जाने को कहा है. इसमें सेनेगल, माली, चाड, नाइजर और बुर्किना फासो शामिल हैं. पिछले महीने सेनेगल ने भी घोषणा की थी कि फ्रांस अपने सैन्य बेस उनके क्षेत्र में बंद करेगा. ये काम साल 2025 के अंत तक पूरा हो जाएगा.
सेनेगल, माली, चाड, नाइजर और बुर्किना फासो जैसे देशों में फ्रांस के सैनिक कई वर्षों से मौजूद थे. पर अब इन देशों से फ्रांसीसी सैनिक जा रहे हैं या जाने का आदेश दे दिया गया है. इस अफ्रीकी देशों में फ्रांस का प्रभाव का कम होना माना जा रहा है.
फ्रांस के सैनिक सिर्फ जिबूती और गैबॉन में बचे हैं. जिबूती में तकरीबन 1500 और गैबॉन में 150 फ्रांसीसी सैनिक तैनात हैं.