भारत को सोवियत की तरह टुकड़े करने वाले जैश एक मोहम्मद के खूंखार आतंकी अब्दुल अजीज एसार का शव बरामद किया गया है. अब्दुल अजीज एसार का शव बहावलपुर के उसी इलाके के पास से बरामद किया गया है, जहां पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की गरज सुनाई दी थी.
अब्दुल अजीज की मौत कैसे हुई, इस पर पाकिस्तान ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन जिन भी परिस्थिति में मौत हुई हो, भारत के एक और दुश्मन का खात्मा हो गया है.
भारत के टुकड़े करने के सपने देखने वाले आतंकी की मौत
पाकिस्तान में छिपे जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मौलाना अब्दुल अजीज एसार का शव मिला है. ये आतंकी अक्सर भारत विरोधी और भड़काऊ बयानबाजी करता था. अब्दुल अजीज पिछले महीने हुई भारत विरोधी रैली में शामिल था और भारत के यूएसएसआर की तरह टुकड़े करने की बात कही थी. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी जैश आतंकी अब्दुल अजीज ने जहर उगला था.
दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने बहावलपुर में जैश के हेडक्वार्टर को जमींदोज़ कर दिया था. भारतीय लड़ाकू विमानों ने ब्रह्मोस, स्कैल्प मिसाइल के जरिए जैश के ठिकानों और हेड ऑफिस को नुकसान पहुंचाया था. 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे, वहीं अजहर मसूद के परिवार के 10 लोगों की मौत हुई थी.
इस बात से बौखलाए अब्दुल अजीज ने भारत को कई क्षेत्रों में विभाजित करने की गीदड़भभकी दी थी. अब्दुल अजीज का भाषण वायरल हुआ था. लेकिन जैश कमांडर का ख्वाब मिट्टी में मिल गया है, क्योंकि अब वो खुद ही मिट्टी में मिल गया है.
जैश में आतंकियों की भर्ती देखता था अब्दुल अजीज
मौलाना अब्दुल अजीज जैश ए मोहम्मद के लिए आतंकियों की भर्ती करता था. इसके टारगेट पर वो युवा थे, जो कट्टर थे और आसानी से भ्रमित किए जा सकते थे. अजीज, युवाओं के मन में भारत के खिलाफ जहर घोलता था, ट्रेनिंग के लिए तैयार करता था और फिर जिहाद के नाम पर भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए भेजता था. अब्दुल अजीज को भारत में हुए कई आतंकी हमलों की साजिश रचने का मास्टरमाइंड माना जाता है.
पाकिस्तानी सेना और सरकार ने साधी चुप्पी
जैश कमांडर की मौत पर पाकिस्तानी सेना और सरकार दोनों ही चुप हैं. ये भी नहीं बताया गया है कि अजीज की मौत किस तरह से हुई है. अजीज को उसके पैतृक गांव नूर अशरफवाला में दफनाने की बात कही गई है. माना जा रहा है कि उसके जनाजे की नमाज में जैश के कई और बड़े आतंकी शामिल हुए हैं. मौलाना अब्दुल अजीज का मारा जाना जैश के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
तकरीबन 2 सप्ताह पहले लश्कर-ए-तैएबा के टॉप कमांडर सैफुल्लाह खालिद को अज्ञात हमलावर ने मार गिराया. आतंकी खालिद लंबे समय से नेपाल से टेरर एक्टिविटी ऑपरेट कर रहा था.