तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी का सराहना की है. एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को जवाब देते हुए कहा है कि “भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ एक साथ है.” दरअसल तहव्वुर राणा को भारत लाया जाना एक बड़ी कूटनीतिक जीत है. कानूनी प्रक्रिया के अलावा डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए भी राणा के प्रत्यर्पण की कोशिशें की जा रही थीं. इन्हीं कोशिशों का नतीजा था कि फरवरी महीने में जब डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी तो ट्रंप ने तहव्वुर के प्रत्यर्पण की घोषणा कर दी थी.
एस जयशंकर ने अमेरिका की सराहना की
एस जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में अमेरिका के प्रयासों की सराहना की है. एस जयशंकर ने लिखा, “हम दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग की सराहना करते हैं. यह वास्तव में 26/11 हमले के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.”
आपको बता दें कि तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने में विदेश मंत्रालय की बड़ी भूमिका रही है. यही कारण है कि जब डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में गए एस जयशंकर ने मार्को रुबियो के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी तो उस बैठक में भी तहव्वुर के प्रत्यर्पण को लेकर बातचीत की गई थी. (https://x.com/DrSJaishankar/status/1910720105530409166)
अमेरिका, भारत के साथ मिलकर जारी रखेगा आतंक के खिलाफ जंग: मार्को रुबियो
अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “2008 के मुंबई आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. अमेरिका ने इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के भारत के प्रयासों का लंबे समय से समर्थन किया है. जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत आतंकवाद के वैश्विक संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे. राणा अब भारत के कब्जे में है और हमें इस मामले में हुई प्रगति पर गर्व है. कुछ लोगों को शायद वे हमले याद न हों, जिनमें 6 अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोगों की मौत हुई थी.” (https://x.com/SecRubio/status/1910658998438695253)
बहुत भयानक और बर्बर हमला था: अमेरिका
अमेरिका ने कहा, “मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा का प्रत्यर्पण इस बर्बर हमले के पीड़ितों के लिए न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. अब पीड़ितों के परिवार को न्याय मिलेगा. राणा का प्रत्यर्पण उन छह अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों के लिए न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बर्बर हमलों में मारे गए थे’’
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