स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज के भारत दौरे के लगभग ढाई महीने बाद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिए स्पेन पहुंचे हैं एस जयशंकर. बतौर विदेश मंत्री अपने पहली स्पेन यात्रा के दौरान एस जयशंकर ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि “स्पेन और यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंध इन अशांत समय में स्थिरता लाने वाले कारक हो सकते हैं”
यूरोपीय संघ के साथ साझेदारी में भारत को रुचि: एस जयशंकर
वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के दौरान एस जयशंकर ने कहा है कि- भारत यूरोपीय यूनियन के साथ करीबी साझेदारी का इच्छुक है. भविष्य में ये साझेदारी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में अधिक दिखेगी. स्पेन में विदेश मंत्री अल्बेरेस के साथ मीडिया से बातचीत करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- भारत में 230 स्पेनी कंपनियां हैं. हमारा द्विपक्षीय व्यापार करीब 10 अरब यूरो का है. रेलवे, डिजिटल और शहरी टेक्नोलॉजी, स्मार्ट सिटी, हरित और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों में भारी संभावनाएं हैं. भारत और स्पेन ने ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं.
स्पेन के साथ रक्षा-सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए तत्पर: जयशंकर
एस जयशंकर ने स्पेन के साथ भारत अपने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने की बात कही है. जयशंकर ने बताया कि दोनों देश अपनी सेनाओं के बीच सहयोग को अहमियत देते हैं. भारत और स्पेन ने तय किया है कि साल 2026 को संस्कृति, पर्यटन और एआई का साल घोषित करना है. मुझे लगता है कि इससे दोनों देशों के लोगों को और करीब लाने में मदद मिलेगी.
यूएन शांति मिशन पर बोलते हुए एस जयशंकर ने बताया कि भारतीय शांति सैनिक लेबनान और गोलान हाइट्स में तैनात हैं.
एक्स पर एक पोस्ट में एस जयशंकर ने बताया कि स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस के साथ व्यापक बातचीत करके खुशी हुई. भारत मजबूत भारत-यूरोपीय यूनियन संबंधों और विश्वसनीय भूमध्यसागरीय भागीदार के समर्थक के रूप में स्पेन की सराहना करता है.
स्पेन में राजदूतों से जयशंकर ने क्या कहा
सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी दौरे की जानकारी साझा करते हुए कहा- कि उन्होंने मैड्रिड में राजदूतों के 9वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया. इस सम्मेलन का विषय ‘अपनी पहचान वाली विदेश नीति’ था. विदेश मंत्री जयशंकर ने ‘इस बारे में बात की कि कैसे राष्ट्र अपनी संस्कृति, परंपराओं और विरासत से अपनी कूटनीति के विशिष्ट ब्रांड को आगे बढ़ाते हैं’. एस जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि- “जो लोग कई पहचानों के साथ सहज हैं, वे अस्थिर और अनिश्चित समय में अधिक सफलतापूर्वक आगे बढ़ेंगे.”
स्पेन के साथ मिलकर भारत में बन रहा है सी-295 मिलिट्री एयरक्राफ्ट
पिछले साल अक्टूबर में स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज की उपस्थिति में पीएम मोदी ने वड़ोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया था. इसी कॉम्प्लेक्स में भारतीय वायुसेना के मीडियम लिफ्ट टेक्टिकल ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-295 का निर्माण किया जा रहा है. स्पेन की एयरबस के साथ मिलकर टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड (टाटा ग्रुप) ने ये फैसिलिटी वडोदरा में तैयार की है. ये फैसिलिटी प्राईवेट सेक्टर की पहली फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) है, जिसे देश में खड़ा किया गया है.
सितंबर 2026 तक इस फैसिलिटी से पहला सी-294 विमान बनकर तैयार हो जाएगा. वर्ष 2021 में रक्षा मंत्रालय ने एयरबस कंपनी के साथ 56 सी-295 विमानों का सौदा किया था. इनमें 16 एयरक्राफ्ट सीधे स्पेन से बनकर वायुसेना को मिलने हैं. बाकी 40 का निर्माण बड़ोदरा स्थित टाटा कॉम्पलेक्स में किया जाएगा. मेक इन इंडिया के तहत इस सौदे में एयरबस ने अपने स्थानीय पार्टनर के तौर पर टाटा कंपनी को चुना है.
स्पेन से वायुसेना को मिलने वाले फ्लाई-वे एयरक्राफ्ट सितंबर 2023-अगस्त 2025 तक मिलने हैं. सितंबर 2026-2030 तक टाटा कॉम्प्लेक्स में मिलने एयरक्राफ्ट मिलेंगे.