अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सलाहकार और अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने खुलासा किया है कि ट्रंप अपने कार्यकाल में सबसे पहले ईरान को लाइन पर लगाएंगे, क्योंकि ईरान लगातार अपनी परमाणु ताकत बढ़ा रहा है.
ईरान, ट्रंप को कट्टर दुश्मन मानता है. ईरान ने कई बार ट्रंप को जान से मारने की कोशिश की है. पिछले साल ईरान ने एक पाकिस्तानी शख्स को अमेरिका में ट्रंप की हत्या के लिए सुपारी दी थी. यूएस एजेंसियों ने पाकिस्तानी शख्स को पकड़ लिया था.
इसके अलावा भी अमेरिका में एक जापानी शख्स को गिरफ्तार किया गया है, जो ईरान को परमाणु सामग्री बेचने के फिराक में था. अमेरिका की कोर्ट में जापानी शख्स ने अपना आरोप भी स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद अमेरिका को लगता है कि न्यूक्लियर पावर बनने से ईरान के कदम रोकने बेहद जरूरी हैं.
खामेनेई की सत्ता का अंत बहुत जल्द होगा: माइक पोम्पियो
पेरिस में ट्रंप के करीबी सलाहकार माइक पोम्पिओ ने कहा, मुझे विश्वास है कि अब हमारा दवाब अभियान फिर से शुरू हो जाएगा. ये ईरान के लोगों पर दुर्भावनापूर्ण शासन के अंत की शुरूआत होगी और तेहरान का शासन भी ये देख सकता है. ईरान में खामेनेई की सत्ता का अंत होने वाला है और ये बहुत तेजी से होगा.
ईरान को न्यूक्लियर सामग्री बेच रहा था जापानी शख्स
जापान के खतरनाक गैंग के सरगना ताकेशी एबिसवा को वैश्विक तस्करी रैकेट के हिस्से के रूप में म्यांमार से घातक सामग्री ले जाने का दोषी पाया गया है. ताकेशी ने ईरान के एक ‘जनरल’ को न्यूक्लियर सामग्री बेचने की कोशिश की थी. जापानी नागरिक ताकेशी ने युद्ध में इस्तेमाल होने वाली परमाणु सामग्री और कई भारी हथियारों की तस्करी की साजिश रची थी. अमेरिकी कोर्ट ने ताकेशी को दोषी करार दिया है.
न्यूयॉर्क साउथ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज ने कहा कि एबिसवा ने हथियार ग्रेड प्लूटोनियम समेत परमाणु सामग्री की खुलेआम तस्करी की थी. जांच के दौरान ये भी खुलासा हुआ कि ताकेशी ने हथियारों के बदले अमेरिका में भारी मात्रा में हेरोइन और मेथामफेटामाइन जैसे ड्रग्स की तस्करी भी की है.
अमेरिकी एजेंट ने किया खुलासा, निकला म्यांमार कनेक्शन
ताकेशी एबिसवा और अंडरकवर एजेंट के बीच 2020 की शुरुआत में संपर्क शुरू हुआ था. इस दौरान उसने बताया कि उसके पास बड़ी मात्रा में परमाणु सामग्री है, जिसे वह बेचना चाहता है. अमेरिकी एजेंट ने एबिसावा से एक ईरानी ‘जनरल’ के रूप में संपर्क किया और परमाणु हथियार कार्यक्रम के लिए सामग्री खरीदने की इच्छा जताई. ऑपरेशन इतना विश्वसनीय था कि ताकेशी एबिसावा को थोड़ा सा भी अंदाजा नहीं था कि उसके खिलाफ जाल बिछाया जा रहा है.
ताकेशी ने डीईए (अमेरिकी ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन) के एजेंट को अपने अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क से मिला दिया.
ताकेशी एबिसवा ने पूछताछ में बताया था कि परमाणु सामग्री म्यांमार में एक जातीय विद्रोही समूह के अज्ञात नेता के पास से आई थी. इसके बाद उसने परमाणु सामग्री की पुष्टि के लिए रेडिएशन मापने वाले गीगर काउंटर के साथ पदार्थ की तस्वीरें एजेंट को भेजीं. एजेंट ने सौदे के साथ सहमति जताई. आखिरकार एबिसवार को अमेरिकी, इंडोनेशियाई, जापानी और थाई अधिकारियों से जुड़े एक ऑपरेशन में गिरफ्तार कर लिया गया. एबिसवा को 9 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी.