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उरी में जवान गिरफ्तार, जासूसी का लगा आरोप

साल 2017 में पुणे के आर्मी कैंप में ट्रेनिंग, जम्मू-कश्मीर और सिक्किम जैसे संवेदनशील जगहों पर पोस्टिंग और बना आईएसआई का मोहरा. ये कहानी इंडियन आर्मी के एक कार्यरत जवान की है जिसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करके वर्दी को दागदार बना दिया है.

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में देविंदर सिंह नाम के एक जवान को गिरफ्तार किया गया है, जिसने आईएसआई को संवेदनशील जानकारियां देकर भारत की सुरक्षा को खतरे में डाला था.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद लगातार आईएसआई के जासूसों का पर्दाफाश किया जा रहा है. यूट्यूबर से लेकर टेलर तक और नौसेना भवन में काम करने वाले से लेकर एनजीओ चलाने वालों तक आईएसआई के जासूसों को गिरफ्तार किया गया है.

उरी में पोस्टेड आर्मी का जवान निकला आईएसआई जासूस

पंजाब पुलिस के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओएस) ने भारतीय सेना के कार्यरत जवान देविंदर सिंह को गिरफ्तार किया है. देविंदर सिंह पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को खुफिया सैन्य जानकारी लीक करने का आरोप है. पंजाब पुलिस ने देविंदर सिंह को जम्मू-कश्मीर के उरी से गिरफ्तार किया है. 

आरोपी देविंदर सिंह को पहले से ही गिरफ्तार किए पूर्व सैन्यकर्मी गुरप्रीत सिंह उर्फ गुरी की निशानदेही पर पकड़ा गया है. गुरी को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने में मामले में पकड़ा गया था. पूछताछ में गुरी उर्फ फौजी ने देविंदर सिंह का नाम लिया था.

पंजाब पुलिस के मुताबिक, गुरप्रीत सिंह से पूछताछ में पता चला कि उसके फिरोजपुर जेल में बंद रहने के दौरान देविंदर सेना के संवेदनशील दस्तावेज हासिल करने में शामिल था. इन दस्तावेजों में गोपनीय जानकारी थी, जिसे उसने पाकिस्तान की आईएसआई को सौंप दिया. 

देविंदर और गुरप्रीत से पूछताछ, कुछ और मोहरे हो सकते हैं गिरफ्तार

पंजाब पुलिस की शुरुआती जांच से पता चलता है कि देविंदर और गुरप्रीत की पहली मुलाकात साल 2017 में पुणे के एक आर्मी कैंप में ट्रेनिंग के दौरान हुई थी. इसके बाद दोनों के बीच संपर्क बना रहा और बाद में दोनों सिक्किम और जम्मू-कश्मीर में तैनात रहे. 

इंडियन आर्मी में अपनी सेवा के दौरान, दोनों के पास गोपनीय सैन्य सामग्री तक पहुंच थी, जिनमें से कुछ कथित तौर पर गुरप्रीत द्वारा लीक की गई थी. पंजाब पुलिस के अलावा आर्मी से जुड़ी खुफिया एजेंसियों भी हाईअलर्ट हैं और पता कर रही हैं कि पाकिस्तान को कब और कौन सी जानकारियां साझा की गई हैं.

नौसेना हेडक्वार्टर में रहकर कर रहा था जासूसी, आईएसआई की एजेंट प्रिया के जाल में फंसा

उरी से गिरफ्तार जवान से पहले पिछले महीने नौसेना भवन से एक अपर डिवीजन क्लर्क को गिरफ्तार किया गया था. विशाल यादव को आईएसआई से सीधे संपर्क करने और महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करने के लिए राजस्थान की खुफिया विंग ने गिरफ्तार किया था. 

नौसेना भवन दिल्ली में डायरेक्टरेट ऑफ डॉकयार्ड में कार्यरत विशाल यादव सोशल मीडिया के जरिए एक आईएसआई की महिला हैंडलर, जिसने अपना फर्जी नाम प्रिया रखा था, उसके लगातार संपर्क में था.  

प्रिया शर्मा, विशाल को पैसों का लालच देकर नौसेना भवन से सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं निकाल रही थी. वहीं पैसों के लालच में विशाल यादव ने देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करना शुरू कर दिया. राजस्थान पुलिस के मुताबिक, पाकिस्तान की महिला हैंडलर को संवेदनशील जानकारियां उपलब्ध करवाकर अपने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अकाउंट में यूएसडीटी और सीधे अपने बैंक अकाउंट्स में धनराशि प्राप्त कर रहा था. 

विशाल यादव ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान के दौरान भी नौसेना और अन्य रक्षा संबंधी गोपनीय सूचनाएं महिला पाक हैंडलर को उपलब्ध कराई थीं. 

एनजीओ की आड़ में जासूसी, बंगाल से पकड़े गए 2 जासूस

पिछले सप्ताह ही बंगाल से आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.  बंगाल के पूर्व बर्धमान में स्पेशल टास्क फोर्स ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. राकेश गुप्ता और मुकेश रजक नाम के दोनों लोग एनजीओ की आड़ में पाकिस्तान के लिए जासूसी करते थे. दोनों सीधे ही आईएसआई के संपर्क में थे. 

ये लोग अपने एनजीओ की नाम पर देश के संवेदनशील इलाकों से जुड़ी सूचनाएं इकट्ठा कर रहे थे, जिन्हें आईएसआई तक पहुंचा रहे थे.

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