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यूक्रेन को फाइनल ऑफर, भारत से Vance का संदेश

इन दिनों भारत दौरे पर आए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने रूस और यूक्रेन को युद्ध समाप्ति के लिए अंतिम वॉर्निंग दी है. जेडी वेंस रूसी राष्ट्रपति वोलोदिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फाइनल ऑफर बताया. लंदन में हो रही बड़ी बैठक से पहले वेंस ने कहा, रूस और यूक्रेन हां कहें, नहीं तो अमेरिका मध्यस्थता से पीछे हट जाएगा. 

ट्रंप का फाइनल ऑफर, क्या है समझौते की शर्तें?

लंदन में रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्ति और सीजफायर को लेकर बड़ी बैठक हो रही है. इस बैठक में अमेरिका की ओर से यूक्रेन को आखिरी प्रस्ताव दिया गया है. अमेरिका ने अपने आखिरी प्रस्ताव में कहा है कि अमेरिका क्रीमिया को रूसी क्षेत्र मानने के लिए तैयार है और वो लुहांस्क, दोनेत्स्क के साथ-साथ जापोरोज्जिया और खेरसॉन पर भी रूसी कंट्रोल को अनौपचारिक रूप से ही सही, लेकिन मानने के लिए तैयार है.

दरअसल रूसी राष्ट्रपति पुतिन की समझौते की पहली शर्त यही है कि उन्हें वो क्षेत्र वापस किए जाएं, जो युद्ध की जड़ हैं. अमेरिका भी यही मानता है कि अगर युद्ध समाप्त करना है तो क्षेत्र पर रूस का आधिपत्य होना चाहिए. 

ट्रंप के विशेष दूत की राय पर तैयार हुआ एक पन्ने का प्रस्ताव

ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सेंट पीटर्सबर्ग में चार घंटे की बैठक की थी. विटकॉफ और पुतिन ने युद्ध समाप्ति की संभावनाओं और रूस की शर्तों पर विस्तृत चर्चा की थी. बाद में स्टीव विटकॉफ ने यूक्रेन के कुछ अहम इलाके रूस को देने की वकालत की थी.

स्टीव विटकॉफ ने यूक्रेन के उन चार इलाकों को रूस को देने को कहा है, जो रूस-यूक्रेन युद्ध का सबसे बड़ा कारण रहा है. मॉस्को के साथ बातचीत का नेतृत्व कर रहे स्टीव विटकॉफ ने ट्रंप से मुलाकात करके पुतिन से की गई सीधी बात उनके सामने रखी है. विटकॉफ ने कहा, “यूक्रेन में युद्धविराम का सबसे सटीक रास्ता यह है कि रूस को 2022 में अवैध रूप से कब्जाने की कोशिश किए गए चार पूर्वी यूक्रेनी क्षेत्रों की जिम्मेदारी दे देनी चाहिए.” पिछले हफ्ते पेरिस में यूक्रेनी अधिकारियों के सामने इस डॉक्यूमेंट को प्रस्तुत किया गया था. लंदन में बैठक के दौरान भी एक पन्ने का प्रस्ताव दिया गया है.

जेडी वेंस ने दी रूस और यूक्रेन को कड़ी चेतावनी

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने यूक्रेन और रूस को चेतावनी देते हुए कहा है, “अब समय आ गया है कि या तो वो (रूस, यूक्रेन) हां कहें या फिर अमेरिका इस प्रक्रिया से दूर हो जाए.” इससे पहले विदेश मंत्री मार्को रुबियो और डोनाल्ड ट्रंप ने भी दोनों देशों से साफतौर पर कह दिया है कि इस सप्ताह अगर बात नहीं बनी तो अमेरिका युद्ध समाप्ति की कोशिश से अपना हाथ पीछे खींच लेगा.  

ट्रंप की रणनीति में रूस के पास जाएगा क्रीमिया

क्रीमिया को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता देने की बात कही गई है. 2014 में यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान रूस ने यूक्रेन के हिस्से क्रीमिया पर कब्जा किया था. फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद रूस ने यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र (दोनेत्स्क और लुहांस्क), जापोरिज्जिया और खेरसॉन पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है. रूस पर 2014 के बाद लगे प्रतिबंधों को हटाने और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को बढ़ाने का प्रावधान भी शामिल है. इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि अमेरिका औपचारिक तौर पर यूक्रेन के नाटो में शामिल होने की कोशिश का भी विरोध करेगा. 

जेलेंस्की का विरोध, ट्रंप की रणनीति में यूक्रेन के लिए क्या?

जेलेंस्की ने पहले ही कह दिया है कि “वो यूक्रेन में रूस के कब्जाए इलाकों को मान्यता देने वाले किसी भी ऑफर को स्वीकार नहीं करेंगे” लेकिन पुतिन के साथ-साथ जेलेंस्की पर प्रस्ताव मानने का अमेरिका का जबर्दस्त दबाव है. प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर यूक्रेन मान जाता है तो उन्हें यूरोपीय संघ और अन्य देशों के गठबंधन से कथित तौर पर “मजबूत सुरक्षा गारंटी” मिलेगी. हालांकि ये साफ तौर पर नहीं बताया गया है कि सुरक्षा गारंटी के तहत क्या लंदन-फ्रांस द्वारा बनाई गई शांति सेना की तैनाती होगी या अमेरिका ने सुरक्षा गारंटी को लेकर कुछ अलग प्लान किया है. ट्रंप ने व्यापार और नुकसान का मुआवजा देने की भी बात कही है. इस ऑफर में अमेरिका और यूक्रेन के बीच खनिज समझौत का भी जिक्र किया गया है.माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि जल्द से जल्द युद्ध समाप्त हो, क्योंकि युद्ध समाप्ति उनके चुनावी एजेंडे में था. 

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