पिछले 48 घंटे से कम के समय में कनाडा में दूसरी बार दिखा है खालिस्तानियों का उत्पात. खालिस्तानी समर्थकों ने वैंकूवर के प्रसिद्ध गुरुद्वारे के बाद ब्रिटिश कोलंबिया में हिंदू मंदिर पर अटैक किया है. लक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई है, और आपत्तिजनक नारेबाजी की गई है. कनैडियन हिंदू चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने वीडियो शेयर करके हमले की कड़ी निंदा की है और कनाडा में हिंदूफोबिया पर चिंता जाहिर की है.
ब्रिटिश कोलंबिया के मंदिर में खालिस्तानियों ने किया स्प्रे पेंट
ब्रिटिश कोलंबिया स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर को जो वीडियो सामने आया है, उसमें दीवारों, और गेट्स पर काले रंग के स्प्रे पेंट से खालिस्तान लिखा गया है, खालिस्तानी समर्थकों ने मंदिर की दीवारें गंदी की और मंदिर की दीवारों को नुकसान पहुंचाया है. इस घटना का वीडियो शेयर करके कनैडियन हिंदू चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने निंदा की है और कहा है कि ‘इस तरह की नफरत भरी हरकतों का कनाडा में कोई स्थान नहीं है.’ (https://x.com/chcconline/status/1913972692975313231)
गुस्से में हिंदू, हिंदुओं को एकजुट होने की अपील
सीएचसीसी ने एक्स पोस्ट में खालिस्तानी उग्रवादियों द्वारा की गई तोड़फोड़ करार देते हुए इसे हिंदूफोबिया के नाम से टैग किया है. कनैडियन हिंदू चैंबर्स ऑफ कॉमर्स यानी सीएचसीसी ने सभी कनाडाई नागरिकों से नफरत के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है. साथ ही कनाडा की सरकार से तत्काल और सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
शनिवार रात वैंकूवर के गुरुद्वारे में खालिस्तानियों ने काटा बवाल
खालसा दीवान सोसाइटी यानी केडीएस के नाम से मशहूर वैंकूवर के बड़े गुरुद्वारे में शनिवार रात खालिस्तानी समर्थकों ने तोड़फोड़ की और गुरुद्वारे में स्प्रे से खालिस्तान जिंदाबाद जैसे नारे लिख दिए हैं. केडीएस ने तस्वीर शेयर करके इस हरकत की निंदा की है. साथ ही इस हरकत को डर और विभाजन फैलाने के लिए जानबूझकर की गई कोशिश बताई है. खालसा दीवान सोसाइटी ने एक बयान में कहा, “खालिस्तान की वकालत करने वाले सिख अलगाववादियों के एक छोटे समूह ने ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ जैसे विभाजनकारी नारे लगाकर हमारी पवित्र दीवारों को खराब कर दिया.
बताया जा रहा है कि केडीएस प्रशासन ने खालिस्तानी समर्थकों को बैसाखी की परेड में आने से मना किया था, जिसके बाद गुरुद्वारे को निशाना बनाया गया. हालांकि गुरुद्वारा प्रशासन ने खालिस्तानी समर्थकों को नसीहत देते हुए कहा है कि, “ये चरमपंथी हमारे बुजुर्गों के सपनों और बलिदान को कमजोर कर रहे हैं, कनाडाई सिख समुदाय के भीतर भय और विभाजन पैदा कर रहे हैं.”