ऑपरेशन सिंदूर से आतंकियों की जमीन मिट्टी में मिलाने के बाद पाकिस्तान के अंदर भी एक शूटर आतंकियों को मिट्टी में मिलाने में जुटा है. भारत के वांटेड लश्कर के बड़े आतंकी सैफुल्लाह खालिद को एक अज्ञात शूटर ने गोलियों से भून डाला है.
सैफुल्लाह खालिद भारत में हुए तीन आतंकी हमले में शामिल रह चुका था. संघ कार्यालय पर अटैक की साजिश के साथ-साथ साल 2001 में रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हमले के पीछे सैफुल्लाह ही था. सैफुल्लाह को लश्कर चीफ हाफिज सईद का करीबी माना जाता था.
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भारत का दुश्मर ढेर
आतंकियों को पालने-पोसने और ट्रेनिंग देने वाले पाकिस्तान में ही आतंकियों की हत्या का सिलसिला कुछ दिनों के ब्रेक के बाद फिर से शुरु हो गया है. लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी सैफुल्लाह खालिद को पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया है. लश्कर-ए-तैयबा और जमात नेता रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह उर्फ सैफुल्लाह खालिद को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मतली फालकारा चौक इलाके में मार दिया गया है. सैफुल्लाह जैसे ही अपने घर से बाहर निकला, अज्ञात शूटर ने सिर और सीने में गोली मार दी. पाकिस्तान ने सैफुल्लाह के मारे जाने पर चुप्पी साध ली है.
विनोद कुमार के नाम से नेपाल में कई वर्षों तक छिपा रहा
सैफुल्लाह भारत का वांटेड आतंकी है. बताया जाता है कि नेपाल में छिपकर सैफुल्लाह जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड इकट्ठा करता था और भारत के खिलाफ साजिशें रचता था. नेपाल में किसी को शक न हो, लिहाजा सैफुल्लाह, वहां विनोद कुमार के नाम से छिपा था. बाद में नेपाल से भागकर खालिद ने अपना ठिकाना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बदीन जिले के मतली में बना लिया था. मतली में सैफुल्लाह लश्कर-ए-तैयबा और उसके मुखौटा संगठन जमात-उद-दावा के लिए काम करता रहा, जिसका मुख्य काम आतंकी अभियानों के लिए भर्ती और धन उगाही करना था.
भारत में इन आतंकी साजिश में आया था सैफुल्लाह का नाम
सैफुल्लाह भारत में कई हाई-प्रोफाइल आतंकी हमलों का मास्टरमांइड है. साल 2001 में रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमला हुआ था, इससे पीछे सैफुल्लाह का ही दिमाग था. साल 2005 में सैफुल्लाह ने बैंगलुरु में हमला करनावा था. बैंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन चल रहा था, इस दौरान आतंकियों ने गोलीबारी की थी जिसमें एक प्रोफेसर की जान चली गई थी और कई घायल हो गए थे. इन दोनों अटैक के अलावा साल 2006 में सैफुल्लाह ने नागपुर में संघ मुख्यालय पर हमले की साजिश रची थी.
ऑपरेशन सिंदूर में लश्कर-जैश की कमर टूटी
पहलगाम नरसंहार के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान में बनाए गए आतंकी कैंप पर प्रचंड प्रहार किया. 7 मई की देर रात भारत ने पाकिस्तान और पीओके में बनाए गए 9 आतंकी कैंप पर अटैक किए, जो लश्कर और जैश से जुड़े हुए थे. रक्षा मंत्रालय ने 21 टेरर कैंप की लिस्ट जारी की थी. उनके नाम हैं- सवाई नाला, सैयदना बिलाल, मस्कर-ए-अक्सा, चेलाबंदी, अब्दुल्ला बिन मसूद, डुलाई, गढ़ी हबीबुल्लाह, बतरासी, बालाकोट, ओघी, बोई, सेनासा, गुलपुर, कोटली, बराली, डुंगी, बर्नाला, महमूना जोया, सरजाल, मुरीदके और बहावलपुर. भारत के हमले में जैश सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्यों समेत 14 करीबी मारे गए थे. जिसमें कई खूंखार आतंकी थी. भारत के साथ-साथ अमेरिका के भी वांटेड थे.