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मार्शल लॉ लगाने की मिलेगी सजा, कोरियाई राष्ट्रपति की मुश्किल जारी

साउथ कोरिया में राजनीतिक उथल पुथल खत्म नहीं होने का नाम नहीं ले रहा है. मार्शल लॉ लगवाने वाले साउथ कोरिया के राष्ट्रपति पर लटकी है गिरफ्तारी की तलवार. साउथ कोरिया के (पूर्व) राष्‍ट्रपति यून सुक योल पर महाभियोग लगाया जा चुका है और अब लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी के अधिकारियों ने राष्‍ट्रपति को गिरफ्तार करने के लिए कोर्ट में उनके खिलाफ वारंट जारी करने की अपील की है.

एजेंसियां इस बात की जांच करना चाहती है कि क्या 03 दिसंबर को लगाया गया मार्शल लॉ विद्रोह के समान था या नहीं. दरअसल लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी राष्ट्रपति यून सुक योल से पूछताछ करना चाहती है, इसलिए एजेंसी ने साउथ कोरिया की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वारंट जारी करने के लिए आग्रह किया है.

राष्ट्रपति पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

यून के खिलाफ पुलिस और सेना के प्राधिकारियों का संयुक्त दल जांच कर रहा है. साउथ कोरिया के कानून के तहत सेना की गोपनीय जानकारी से जुड़े स्थानों की तलाशी बिना इंचार्ज की सहमति के बिना नहीं ली जा सकती और न ही वहां से कुछ जब्त किया जा सकता है.

यही वजह है कि जांच अधिकारी राष्ट्रपति से पूछताछ नहीं कर पाई है. जिसके बाद दक्षिण कोरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति के खिलाफ संवैधानिक अदालत ने कार्रवाई तेज कर दी है. मामले पर कोर्ट में कई बार सुनवाई की जा चुकी है. इस बीच कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने अल्पकालिक मार्शल लॉ पर पूछताछ के लिए योल पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. (मार्शल लॉ पर माफी, साउथ कोरिया के राष्ट्रपति की बची कुर्सी)

6 महीने में कोर्ट लेगी राष्ट्रपति पर फैसला

कोर्ट को 180 दिन के अंदर इस बारे में फैसला लेना है कि यून को औपचारिक रूप से पद से हटाया जाए या नहीं. कोर्ट राष्ट्रपति को हटाने या उनकी शक्तियां बहाल करने पर फैसला लेगी. अगर कोर्ट राष्ट्रपति को हटा देती है तो साउथ कोरिया के उत्तराधिकारी को चुनने के लिए 60 दिनों के भीतर राष्ट्रीय चुनाव कराना होगा. 

कार्यवाहक राष्ट्रपति हान के खिलाफ भी महाभियोग प्रस्ताव पारित

शॉर्ट मार्शल लॉ लगाने वाले राष्ट्रपति को तो पद से हटा दिया गया है. तो दक्षिण कोरिया की संसद में कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ भी महाभियोग का प्रस्ताव पारित हुआ है. पूर्व राष्ट्रपति यून सूक योल की ओर से लगाए गए मार्शल लॉ समर्थन करने और योल के खिलाफ जांच को मंजूरी न देने पर विपक्षी दल ने संसद में यह प्रस्ताव पारित किया था.

अब कोर्ट के फैसले से पहले अगर राष्ट्रपति के खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश जारी करती है तो लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी राष्‍ट्रपति यून सुक योल से पूछताछ कर सकती हैं. (बीवी के Dior पर्स के लिए मार्शल-लॉ, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति बुरे फंसे)

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