July 5, 2024
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MTA प्रोजेक्ट के लिए महिंद्रा-एम्ब्रेयर का करार

 भारतीय वायुसेना के मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (एमटीए) की खोज पूरी करने के लिए महिंद्रा कंपनी ने ब्राजील की एम्ब्रेयर कंपनी के साथ अहम करार किया है. इसके तहत दोनों कंपनियां आत्मनिर्भर भारत के तहत सी-390 मिलेनियम मल्टी मिशन एयरक्राफ्ट का मिलकर निर्माण करेंगे. 

महिंद्रा कंपनी ने बयान जारी कर बताया कि राजधानी दिल्ली स्थित ब्राजील के दूतावास में इस करार पर हस्ताक्षर किए गए. इस करार के तहत दोनों कंपनियां मिलकर भारतीय वायुसेना से संपर्क करेंगी ताकि एमटीए अधिग्रहण की प्रक्रिया में आगे बढ़ा जा सके और स्वदेशी एयरोस्पेस इंडस्ट्री के साथ मिलकर प्रोजेक्ट की औद्योगिक योजना को विकसित किया जा सके. 

दरअसल, दिसंबर 2022 में भारतीय वायुसेना ने अपने मीडियम फ्लीट के लिए रिक्वेस्ट फॉर इनफार्मेशन (आरएफआई) जारी की थी, जो किसी भी रक्षा खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया का पहला चरण होता है. इसके तहत वायुसेना को 18-26 टन का भार उठाने वाले एयरक्राफ्ट की जरूरत थी. ये मेक इन इंडिया का प्रोजेक्ट है. माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के लिए वायुसेना को 40-80 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की जरूरत है. इन ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल सैनिकों की आवाजाही, वीआईपी मूवमेंट और मिलिट्री कार्गो को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में इस्तेमाल किया जाता है. इसी के लिए महिंद्रा कंपनी और एम्ब्रेयर डिफेंस एंड सिक्योरिटी ने हाथ मिलाया है. फरवरी 2023 में बेंगलुरु में आयोजित एयरो-शो में एम्ब्रेयर ने अपने सी-390 को प्रदर्शित किया था. 

एम्ब्रेयर डिफेंस का सी-390 मिलेनियम मल्टी मिशन एयरक्राफ्ट है जो 23.6 टन का भार उठा सकता है. वर्ष 2019 में पहली बार सी-390 ब्राजील एयरफोर्स में शामिल हुआ था. करीब 6000 किलोमीटर की रेंज वाला ये एयरक्राफ्ट ब्राजील के अलावा हाल ही में पुर्तगाली वायुसेना का हिस्सा बना है. इसके अलावा हंगरी, नीदरलैंड, आस्ट्रिया और साउथ कोरिया जैसे देश भी सी-390 को अपनी फ्लीट का हिस्सा बनाना चाहते हैं. 

भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल मीडियम कैटेगरी में एएन-32 और आईएल-76 जैसे एयरक्राफ्ट हैं. दोनों ही विमान भारत ने रुस से लिए थे. करीब 7 टन तक का भार उठाने वाला एएन-32 विमान थोड़ा पुराना पड़ चुका है. भारत के पास फिलहाल 112 एएन-32 विमान हैं. जबकि 45 टन तक का भार उठाने वाले आईएल-76 की संख्या 17 है. दो साल पहले भारत ने पुराने पड़ चुके एवरो एयरक्राफ्ट (4 टन) की जगह एयरबस कंपनी के सी-295 लेने का करार किया था. इसके लिए गुजरात के वडोदरा में टाटा कंपनी ने एयरबस के साथ प्लांट बनाया है जहां मेक इन इंडिया के तहत ये विमान भारत में ही बनाए जा रहे हैं. इस करार के तहत 16 सी-295 सीधे एयरबस से खरीदे जा रहे हैं और 40 विमान वडोदरा में बनाए जाएंगे. सी-390 मिलेनियम एयरक्राफ्ट भी इसी मॉडल के तहत अधिग्रहण किया जा सकता है. 

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