17 साल पहले मालदीव को उपहार के तौर पर दिए फास्ट अटैक क्राफ्ट (छोटे युद्धपोत) को भारतीय नौसेना ने रिपेयर और अपग्रेड करने के बाद एक बार फिर अपने जंगी बेड़े में शामिल कर लिया है. गुरुवार को विशाखापट्टनम में एक सैन्य कार्यक्रम में इस जहाज को ‘आईएनएस तरमुगली’ के नाम से एक बार फिर नौसेना में शामिल किया गया. खास बात ये है कि मालदीव को गिफ्ट दिए जाने से पहले भी ये भारतीय नौसेना का हिस्सा था और उस वक्त इसे आईएनएस तिलांगचंग के नाम से जाना जाता था.
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, “इसी साल मई के महीने में त्रिंकट क्लास जहाज मालदीव से लौटा था. भारत लौटने पर विशाखापट्टनम स्थित नेवल डॉकयार्ड में इस जहाज का रिपेयर और रिफर्बिश किया गया.” करीब 46 मीटर लंबे इस फास्ट अटैक क्राफ्ट में 30 एमएम गन (तोप) और एडवांस रडार सिस्टम से लैस किया गया है. युद्धपोत में पहले से ही एमटीयू इंजन लगा है. ऐसे में इस जहाज को पूर्वी समुद्री तटों की सर्विलांस (निगहबानी) और केजी बेसिन स्थित ओफसोर डेवलपमेंट एरिया की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
दरअसल, आईएनएस तरमुगली एक त्रिंकट क्लास जहाज है जिसे मालदीव भेजने से पहले भारतीय नौसेना मे आईएनएस तिलांगचंग के नाम से जाना जाता था. वर्ष 2006 में इस जहाज को मालदीव को उपहार के तौर पर दे दिया गया था. मालदीव की नेशनल डिफेंस फोर्सेज (एमएनडीएफ) ने इस एमसीजीएस हुर्वी का नाम दिया था. ये जहाज मालदीव में इन-सर्विस वाटरजेट फास्ट अटैक क्राफ्ट के तौर पर भी अपनी सेवाएं देता था. 30 नॉट्स से भी ज्यादा की स्पीड से दौड़ने वाला ये जहाज करीब 320 टन का वॉटर डिस्पिलेस करता है.
इस साल मई के महीने में मालदीव ने इस जहाज को डिकमीशन करने के बाद भारत को लौटा दिया था. भारत लौटने पर इस जहाज को फिर से देश की तटीय सुरक्षा में इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया. गुरूवार को जहाज को नौसेना में शामिल होने के वक्त अंडमान निकोबार के एक द्वीप तरमुगली का नाम दिया गया. नौसेना की कमीशनिंग समारोह में चीफ ऑफ मैटेरियल, वाइस एडमिरल संदीप नैथानी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. आईएनएस तरमुगली की कमान, कमांडर सतपाल सिंह सांगवान के हाथों में होगी और ये जहाज विशाखापट्टनम स्थित आंध्र प्रदेश के नेवल ऑफिसर इंचार्ज के अधीन होगा.
गौरतलब है कि मालदीव में मोहम्मद मुईजू के राष्ट्रपति बनने से भारत से संबंधों में खटास आ गई है. मुईजू ने मालदीव में मौजूद सभी भारतीय डिफेंस कर्मियों को देश छोड़ने का आदेश दिया है. मालदीव में भारत के दो हेलीकॉप्टर तैनात रहते हैं जिनके पायलट और ग्राउंड स्टाफ भारतीय हैं. करीब 70 भारतीय ऐसे हैं जो इन हेलीकॉप्टर के साथ मालदीव में तैनात थे. ये दोनों हेलीकॉप्टर मालदीव में सर्च एंड रेस्कयू ऑपरेशन और मेडिकल इमरजेंसी के लिए इस्तेमाल किए जाते थे. लेकिन मुईजू को चीन का करीबी माना जाता है. यही वजह है कि नए राष्ट्रपति ने दोनों हेलीकॉप्टर और उनके साथ कर्मियों (सैनिकों) को देश छोड़ने के लिए कहा है.