हिंद महासागर में समुद्री-लुटेरों के खिलाफ सफल ऑपरेशन के बाद भारतीय नौसेना की पूरी दुनिया में तारीफ की जा रही है. भारतीय नौसेना कैसे पायरेट्स से लोहा ले रही है और लोगों को सुरक्षित बचा रहे हैं इसको लेकर तमाम देशों ने सकारात्मक टिप्पणियां की है. दुनिया के तमाम देश भारत से नौसेना की बारीकियां सीख रहे हैं. इन्हीं देशों में शामिल है अफ्रीकी देश मोजाम्बिक और तंजानिया.
भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस तिर और आईएनएस सुजाता इनदिनों भारत-मोजाम्बिक-तंजानिया (‘आईएमटी’) त्रिपक्षीय युद्धाभ्यास में शामिल हुए है. सप्ताह भर चलने वाले युद्धाभ्यास में तीनों देशों के बीच समुद्री सहयोग और अंतरसंचालनीयता को बढ़ाने पर जोर दिया गया. भारत-मोजाम्बिक-तंजानिया त्रिपक्षीय (‘आईएमटी त्रिलैट 24’) का अभ्यास मोजाम्बिक के बंदरगाह नाकाला में किया गया.
भारत-मोजाम्बिक-तंजानिया त्रिपक्षीय अभ्यास का दूसरा संस्करण 28 मार्च 24 को नाकाला, मोजाम्बिक में संपन्न हुआ. आईएनएस तिर और सुजाता ने संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण सत्रों और सहयोगात्मक गतिविधियों की एक श्रृंखला के माध्यम से 21 से 28 मार्च तक आईएमटी ट्रिलैट 24 में भाग लिया, जिससे तीनों नौसेनाओं को ज्ञान का आदान-प्रदान करने, क्षमताओं को बढ़ाने और क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अमूल्य अवसर प्रदान किए गए.
आईएमटी ट्रिलैट का अभ्यास 2 चरणों में किया गया. अभ्यास की शुरुआत सम्मेलन से की गई. इसके बाद क्षति नियंत्रण, अग्निशमन, विजिट बोर्ड खोज और जब्ती प्रक्रियाओं, चिकित्सा व्याख्यान, हताहत निकासी और गोताखोरी संचालन जैसी संयुक्त बंदरगाह प्रशिक्षण गतिविधियों को संचालित किया गया.
21 से 24 मार्च तक प्रारंभिक बंदरगाह चरण में ज़ांज़ीबार में आईएनएस टीआईआर और मापुटो में आईएनएस सुजाता पर गहन प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया. तो समुद्री चरण 24 मार्च को शुरू हुआ (https://x.com/indiannavy/status/1773284506348237100?s=20).
मोजाम्बिक नौसेना के जहाज नामातिली और तंजानिया के नौसैनिक जहाज फतुंडु के साथ संयुक्त अभियान ने सागर (एसएजीएआर) के दृष्टिकोण के अनुरूप क्षेत्रीय नौसेनाओं के साथ महत्वपूर्ण तालमेल और निरंतर प्रयासों का प्रदर्शन किया. समुद्र में तीनों देशों की सेनाओं ने रात में भी अभ्यास किया, इस दौरान समुद्री सवारों को पुल की निगरानी, क्षति नियंत्रण और अग्निशमन का प्रशिक्षण दिया गया. जहाजों ने ऑपरेशन के क्षेत्र में तंजानिया और मोजाम्बिक से ईईजेड की संयुक्त निगरानी भी की.
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