सीरिया में तेजी से बिगड़ रहे हालात के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है. देर रात विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए भारतीयों को जल्द से जल्द सीरिया छोड़ देने की सलाह दी है. दरअसल सीरिया में सशस्त्र बलों ने कई शहरों में कब्जा कर लिया है और असद सरकार के तख्तापलट का खतरा मंडरा रहा है.
विद्रोही सीरिया के होम्स तक पहुंच गए हैं. माना जा रहा है कि होम्स में कब्जे के बाद दमिश्क पर विद्रोहियों का कब्जा करना बहुत आसान हो जाएगा.
सीरिया से फौरन बाहर निकलें भारतीय: विदेश मंत्रालय
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सीरिया को मौजूदा हालात को देखते हुए देर रात एडवाइजरी और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. विदेश मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में कहा है जो भारतीय सीरिया में हैं, वो मौजूदा कमर्शियल उड़ानों से फौरन भारत लौट आएं और अगर ये संभव नहीं है तो अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें. घर से बाहर ना निकलें. भारतीय दूतावास ने लोगों को सीरिया यात्रा न करने की भी सलाह दी ह
साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘वर्तमान में सीरिया में रहने वाले भारतीयों से अनुरोध है कि वे अपडेट के लिए दमिश्क में भारतीय दूतावास के आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +963 993385973 जो कि व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध है और ईमेल आईडी पर संपर्क में रहें. लोगों से अपील की जाती है कि वो बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें.
तीसरे सबसे बड़े शहर पर कब्जा, दमिश्क के करीब विद्रोही
सीरिया में हालात बेहद बिगड़ चुके हैं. विद्रोही लड़ाकों के सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स पर भी कब्जा जमाने की खबर है. शुक्रवार को विद्रोही गुट होम्स के अधिकतर जगहों पर नजर आया. वहीं अलेप्पो और हमा शहर भी विद्रोहियों के कब्जे में हैं. लड़ाके राजधानी दमिश्क के बेहद करीब पहुंच चुके हैं. ब्रिटेन की सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, विद्रोही लड़ाकों ने शुक्रवार को रस्तान और तलबीसेह कस्बों पर कब्जा कर लिया, जो होम्स से पांच किलोमीटर दूर स्थित है.
सीरिया में जो हो रहा उसके लिए बशर असद जिम्मेदार: एर्दोगन
असद सरकार पर तख्तापलट का खतरा मंडरा रहा है. वहीं रूस की मदद से सीरियाई सेना और विद्रोहियों में जबर्दस्त जंग चल रही है. तो विद्रोहियों को तुर्किए का समर्थन प्राप्त है. शुक्रवार को नमाज के बाद तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन ने सीरियाई राष्ट्रपति को निशाने पर लिया.
पत्रकारों से बात करते हुए एर्दोगन ने कहा, सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद से इस साल की शुरुआत में मिलने और संबंधों को सामान्य बनाने के लिए की गई अपील पर अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है. विद्रोही गुटों की बढ़त अभी भी जारी है और हमें उम्मीद है कि सीरिया में यह अभियान बिना किसी समस्या के जारी रहेगा.
विद्रोहियों को जहां तुर्किए मदद कर रहा है वहीं सीरियाई राष्ट्रपति के साथ रूस और ईरान प्रतिबद्ध है. कुल मिलाकर सीरिया में गृहयुद्ध चरम पर पहुंच चुका है. जिसे लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के अलावा दूसरे देशों को भी अपने लोगों की चिंता सता रही है.