भारत के साथ बार-बार दोस्ती का हाथ बढ़ाने वाले चीन ने अपना रंग दिखाना शुरु कर दिया है. पहले तो आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान के साथ खड़ा होकर चीन ने धोखा दिया तो अब भारत के अभिन्न अंग अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों का नाम बदलकर ड्रैगन ने धोखा किया है. इस पर विदेश मंत्रालय ने चीन को सख्त संदेश देते हुए कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न था, है और रहेगा.
चीन की कोशिश निर्रथक और व्यर्थ: विदेश मंत्रालय
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलने पर विदेश मंत्रालय ने चीन को जवाब भेजा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- “हमने देखा है कि चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलने के अपने व्यर्थ और निरर्थक प्रयासों को जारी रखा है. हमारे सैद्धांतिक रुख के अनुरूप, हम ऐसे प्रयासों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं.” रणधीर जायसवाल चीन को सख्त संदेश भेजते हुए कहा- “नाम बदलने का काम इस निर्विवाद वास्तविकता को नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और हमेशा रहेगा.”
भारतीय हिस्सों का नाम बदले की कोशिश करता है चीन
चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करते हुए इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है. चीन, अक्सर पूर्वोत्तर राज्य के कई स्थानों के नाम बदलकर नक्शे जारी करता रहा है. साल 2024 में, चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कई जगहों का नाम बदलकर लिस्ट जारी की थी, जिसे उस वक्त भी भारत ने खारिज कर दिया था. अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चलता आ रहा है, दरअसल ये क्षेत्र तिब्बत के साथ सीमा साझा करता है.
अरुणाचल प्रदेश में क्या है भारत-चीन का विवाद?
चीन अरुणाचल प्रदेश को जांगनान कहता है. भारत हमेशा से यह कहते हुए चीन के दावों को खारिज करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अटूट हिस्सा है. भारत और चीन के बीच की सीमा जो दोनों देशों को बांटती हैं, उसे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल कहते हैं. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी. चूंकि चीन तिब्बत को मान्यता नहीं देता है, इसलिए अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता रहता है. एक बार फिर से चीन ने बेबुनियाद कोशिश की है, जिसे विदेश मंत्रालय ने चीन का व्यर्थ प्रयास बताते हुए दो टूक जवाब दे दिया है.