रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए छह एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (एईडब्लूएंडसी) ‘एवैक्स’ एयरक्राफ्ट की खरीद को मंजूरी दे दी है. ‘नेत्रा’ के नाम से मशहूर एवैक्स को एंब्रेयर विमानों में इंटीग्रेट किया जाएगा. फिलहाल, वायुसेना के पास ऐसे दो एवैक्स हैं.
गुरूवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने कुल 54 हजार करोड़ के मिलिट्री प्लेटफार्म और हथियारों की खरीद की मंजूरी दी. इनमें थलसेना के टी-90 टैंक के लिए नए उन्नत किस्म के इंजन और नौसेना के लिए वरुणास्त्र टॉरपीडो के साथ ही एवैक्स एयरक्राफ्ट शामिल हैं.
डीआरडीओ बनाएगा आसमान में उड़ता कमांड एंड कंट्रोल सेंटर
वायुसेना के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) इन एम्ब्रेयर एवैक्स का निर्माण करेगा. पहले दो नेत्रा एवैक्स भी डीआरडीओ ने ही वायुसेना को बनाकर दिए थे. पंजाब के बठिंडा में एवैक्स की (सिग्नल) यूनिट तैनात रहती है, जिसे ‘स्कंद’ के नाम से जाना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान शिव के बेटे का नाम स्कंद था और उन्हें ‘युद्ध का देवता’ माना जाता था.
एवैक्स, आई एन द स्काई की तरह काम करता है और दुश्मन के फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर, ड्रोन और मिसाइलों पर नजर रखता है. दुश्मन की एयरस्पेस पर निगरानी रखने के साथ ही एवैक्स, आसमान में उड़ता-फिरता कमांड एंड कंट्रोल सेंटर है.
डॉग-फाइट के समय अपने फाइटर पायलट को दिशा-निर्देश देना का काम भी ये एवैक्स कर सकता है. वायुसेना के मुताबिक, नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर के लिए एवैक्स की सख्त जरूरत है.
डीप-पेनिट्रेशन रडार से युक्त होता है एवैक्स
एवैक्स एयरक्राफ्ट में डीप-पेनिट्रेशन लॉन्ग रेंज रडार लगी होती हैं. ऐसे में सर्विलांस और रिकोनिसेंस आसानी से किया जा सकता है. ये एवैक्स एयरक्राफ्ट, ग्राउंड पर लगी रडार से ज्यादा सटीक जानकारी कमांड एंड कंट्रोल को दे सकते हैं. भारतीय वायुसेना के एवैक्स की रेंज करीब 200 किलोमीटर है.
भारत के पास तीन अन्य एयर बोर्न वार्निंग कंट्रोल सिस्टम (एडब्लूसीएस) एवैक्स भी हैं जिन्हें रूस के आईएल-76 एयरक्राफ्ट में इंटीग्रेट किया गया है. इनकी रेंज करीब 400 किलोमीटर है. वायुसेना को ऐसे भी छह अवैक्स की दरकार है.
पाकिस्तान से डॉग फाइट के दौरान अहम जानकारी दी थी एवैक्स ने
वर्ष 2019 में बालाकोट एयर-स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी वायुसेना के साथ हुई ड़ॉग-फाइट के दौरान, भारतीय वायुसेना के एवैक्स ने ही अपने पायलट्स को कमांड दी थी. यहां तक की विंग कमांडर अभिनंदन को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए थे. यही वजह है कि एवैक्स को कंट्रोल करने वाली महिला अधिकारी को युद्ध सेवा मेडल (वाईएसएम) से नवाजा गया था.
लेकिन पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान ने आसमान में निगरानी प्रणाली को काफी मजबूत किया है. पाकिस्तान के पास इस वक्त नौ (09) एवैक्स एयरक्राफ्ट हैं. ये सभी ‘ऐरीआई’ स्वीडन की साब कंपनी से खरीदे गए हैं. इसके अलावा पाकिस्तान के पास, चीन से लिए जेडडीके-03 ‘काराकोरम ईगल’ एवैक्स भी हैं.