देश में ही स्टील्थ सबमरीन बनाने की दिशा में रक्षा मंत्रालय ने मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) से एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) सिस्टम बनाने का करार किया है. ये एआईपी सिस्टम डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के लिए बनाया जाएगा ताकि पारंपरिक (पुरानी) पनडुब्बियों को उन्नत बनाया जा सके.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, एआईपी सिस्टम के सौदे की कुल कीमत 1990 करोड़ है. सोमवार को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में एमडीएल के साथ सौदे पर करार किया गया.
क्या होती है एआईपी तकनीक
एआईपी तकनीक से लैस पनडुब्बियां, लंबे समय तक समंदर के नीचे रहकर ओपरेट कर सकती हैं. जबकि पारंपरिक (डीजल) पनडुब्बियों को समय-समय पर समंदर की सतह पर आना पड़ता है. सतह पर आने से पनडुब्बियां दुश्मन की नजर में आ जाती है. लेकिन स्टील्थ (एआईपी) तकनीक से पनडुब्बी के बारे में दुश्मन को कानों-कान खबर नहीं लगती. (https://x.com/SpokespersonMoD/status/1873697458196291887)
प्रोजेक्ट 75 (आई) के तहत भी बनेंगी स्टील्थ पनडुब्बियां
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्रालय ने एआईपी तकनीक से लैस छह पनडुब्बियों के लिए एक अलग से प्रोजेक्ट, पी75 (इंडिया) की घोषणा कर रखी है. इसके लिए एमडीएल और एलएंडटी कंपनी के बीच कांटे की टक्कर है.
प्रोजेक्ट 75 (आई) की कुल कीमत 5.27 बिलियन डॉलर (43 हजार करोड़) है. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने एमडीएल और एल एंड टी कंपनी को किसी विदेशी ओईएम यानी ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर के साथ करार करने का छूट दी है.
ऐसे में जर्मनी की थाइसेनक्रुप कंपनी ने प्रोजेक्ट 75 (आई) में खासी दिलचस्पी ले रही है. लेकिन जर्मनी को दूसरे यूरोपीय देश स्पेन से टक्कर लेनी पड़ रही है. (https://youtu.be/DHnClS6M_0g?si=Ogp3nGuOQPHYNEwB)
क्योंकि, स्पेन की नवंतिया कंपनी भी मेक इन इंडिया के तहत एआईपी तकनीक से लैस पनडुब्बियां बनाने के लिए तैयार है. (Stealth सबमरीन बनाने की रेस हुई दिलचस्प)
फ्रांस की कंपनी से टॉरपीडो के लिए भी हुआ करार
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को ही भारतीय नौसेना के लिए फ्रांस की नवल ग्रुप के साथ हैवी टॉरपीडो बनाने का करार किया. डीआरडीओ के साथ नवल ग्रुप 877 करोड़ रूपये में इलेक्ट्रोनिक हैवी वेट टॉरपीडो तैयार करेगा. (https://x.com/indiannavy/status/1336341846872576003)
नौसेना की छह कलवरी क्लास पनडुब्बियों को इन इन हैवी टॉरपीडो से लैस किया जाएगा. ये कलवरी (स्कॉर्पीन) क्लास पनडुब्बियां, एमडीएल ने नवल ग्रुप के साथ मिलकर देश में ही तैयार की हैं.
कलवरी क्लास की पांच पनडुब्बियां नौसेना के जंगी बेड़े का हिस्सा बन चुकी हैं. जबकि छठी आईएनएस वगशीर नए साल (2025) के शुरुआत में नौसेना में शामिल हो जाएगी.
स्कोर्पीन क्लास पनडुब्बियों के लिए एआईपी तकनीक बनेगी हजीरा में
खास बात है कि कलवरी क्लास पनडुब्बियों को भी एआईपी तकनीक से लैस किया जा रहा है. रविवार को डीआरडीओ द्वारा तैयार की गई एआईपी तकनीक को एलएंडटी कंपनी को कर ट्रांसफर (टीओटी) किया गया.
एलएंडटी के हजीरा (गुजरात) स्थित शिपयार्ड में इस एआईपी तकनीक को तैयार किया जा रहा है. रविवार को खुद डीआरडीओ के चेयरमैन एस वी कामथ एआईपी तकनीक की स्टील कटिंग सेरेमनी के लिए हजीरा में मौजूद थे. (https://x.com/DRDO_India/status/1873253509157839200)