दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के नेताओं के बीच लाओस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन पर विस्तृत चर्चा की है. अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की “बढ़ती खतरनाक और गैरकानूनी” गतिविधियों को लेकर चिंता जताई है तो पीएम मोदी ने कहा कि साउथ चायना सी में शांति, सुरक्षा और स्थिरता पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के हित में है.
आसियान देशों को नुकसान पहुंचा रहा चीन: ब्लिंकन
आसियान बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन से पीड़ित देशों से प्रतिबद्धता जताई है. आसियान देशों के बीच बोलते हुए एंटनी ब्लिंकन ने कहा, “हम दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती खतरनाक और गैर-कानूनी गतिविधियों को लेकर बहुत चिंतित हैं. चीन की हरकतों की वजह से लोग घायल हुए हैं, आसियान देशों के जहाजों को नुकसान पहुंचा है और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान से जुड़ी प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन हुआ है.”
ब्लिंकन ने अमेरिका की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि “अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता तथा उड़ान की स्वतंत्रता का समर्थन करना जारी रखेगा” जानकारी देते हुए एंटनी ब्लिकन ने कहा कि अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में नौसेना के जहाज और लड़ाकू विमान गश्त के लिए तैनात किए हैं.
दक्षिण चीन सागर पर हक जताता है चीन
दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के 10 सदस्य देशों के नेताओं की ब्लिंकन के साथ बैठक चीन और आसियान सदस्यों फिलीपींस और वियतनाम के बीच समुद्र में हिंसक टकरावों के बाद हुई है. समुद्र में चीन बेहद आक्रामक है, जहाजों को टक्कर मारना या देशों को धमकाना आम बात है. चीन लगभग पूरे समुद्र पर अपना दावा करता है, जबकि आसियान के सदस्य वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रुनेई के साथ-साथ ताइवान के भी दक्षिण चीन सागर को अपना-अपना दावा है. (https://x.com/SecBlinken/status/1844715157626163243)
पीएम मोदी ने चीन के लिए क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मानना है कि “समुद्री गतिविधियां यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी (यूनसीएलओएस) के तहत ही संचालित होनी चाहिए. फ्रीडम ऑफ नेविगेशन और एयर स्पेस सुनिश्चित करना जरूरी है. एक ठोस और प्रभावी कोड ऑफ कंडक्ट बनाया जाना चाहिए. इसमें क्षेत्रीय देशों की विदेश नीति पर अंकुश नहीं लगाए जाने चाहिए.” (https://x.com/narendramodi/status/1844650723507626174)
पीएम मोदी ने बिना नाम लिए चीन को सलाह देते हुए कहा कि “हम शांतिप्रिय राष्ट्र हैं, जो एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं. हम अपने युवाओं का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम सबका मानना है कि 21वीं सदी ‘एशियाई सदी’ है. आज, जब दुनिया के कई हिस्सों में संघर्ष और तनाव है. भारत और आसियान के बीच दोस्ती, समन्वय, संवाद और सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है.”
मोदी ने कहा कि “दक्षिण चीन सागर में शांति, सुरक्षा और स्थिरता पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के हित में है.”
लाओस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात करके तूफान से अमेरिका को हुए नुकसान पर संवेदना जताई है.