Breaking News Geopolitics NATO Reports Russia-Ukraine

मोदी बुद्धिमान नेता, अपमान नहीं सहेंगे: पुतिन

दिसंबर में अपने भारत दौरे से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ. पुतिन ने पीएम मोदी को बुद्धिमान नेता बताते हुए अमेरिका को चेतावनी दी है कि भारत अब नहीं झुकता है, क्योंकि पीएम मोदी पहले अपने देश के बारे में सोचते हैं. 

पुतिन ने भारत और चीन पर मास्को के साथ ऊर्जा संबंध तोड़ने के लिए दबाव बनाने के अमेरिका की कोशिशों की कड़ी आलोचना की. और चेतावनी दी कि इस तरह के कदम आर्थिक रूप से उलटे पड़ सकते हैं. 

किसी के दबाव में नहीं झुकते पीएम मोदी, मैं अच्छे से जानता हूं:पुतिन

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोची में वल्दाई डिस्कशन क्लब के पूर्ण सत्र में बोलते हुए पीएम मोदी की जमकर प्रशंसा की है और भारत की नीति की सराहना की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगातार भारत पर रूस के साथ तेल डील को खत्म करने का दबाव है. 

इस मुद्दे पर पुतिन ने बात करते हुए कहा, “अगर भारत हमारी ऊर्जा सप्लाई से इनकार करता है, तो उसे निश्चित रूप से नुकसान होगा, भारत जैसे देश के लोग मेरा विश्वास कीजिए, राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णयों पर कड़ी नजर रखेंगे और किसी के सामने किसी भी तरह का अपमान नहीं होने देंगे.”

पुतिन ने पीएम मोदी पर भरोसा जताते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा कोई कदम कभी नहीं उठाएंगे. मैं प्रधानमंत्री मोदी को जानता हूं, वह खुद कभी इस तरह का कोई कदम नहीं उठाएंगे.”

वल्दाई डिस्कशन क्लब में भारत के आयात पर अमेरिकी टैरिफ के मुद्दे पर बोलते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने जोर देकर कहा कि अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर देता है, तो उसे 9 से 10 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हो सकता है, लेकिन अगले ही पल पुतिन ने ये साफ कर दिया कि मोदी किसी भी विदेशी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे.

अमेरिका खुद हमसे यूरेनियम खरीदता है: पुतिन

पुतिन ने मास्को के साथ अमेरिका के यूरेनियम खरीदने की बात कही. पुतिन ने कहा, “अमेरिका खुद रूस से संवर्धित यूरेनियम खरीदता है, लेकिन वही अमेरिका दूसरे देशों से रूसी ऊर्जा उत्पाद खरीदना बंद करने का दबाव बनाता है.”

पुतिन ने कहा, “भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ नाकाम होंगे. भारत स्वाभिमानी देश है और भारतीय लोग कभी भी किसी के सामने अपमान स्वीकार नहीं करेंगे.”

पुतिन बोले, “मेरा मानना ​​है कि भारत के लोग इसे और हमारे संबंधों को नहीं भूलते. लगभग 15 साल पहले, हमने एक विशेष रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की थी. यही सबसे अच्छा वर्णन है. प्रधानमंत्री मोदी एक बहुत ही बुद्धिमान नेता हैं जो सबसे पहले अपने देश के बारे में सोचते हैं.”

नाटो पर रूसी अटैक वाली कहानी मनगढ़ंत और बकवास, नाटो पर हमारा हमला करने का लक्ष्य नहीं: पुतिन

पुतिन ने यूरोपीय नेताओं पर भी करारा हमला बोला. पुतिन ने यूरोप पर युद्ध भड़काने और झूठी अफवाहें गढ़ने का आरोप लगाया. पुतिन बोले, “यूरोपीय देश, नाटो पर रूस के आक्रमण की झूठी आशंकाएं गढ़ रहे हैं. ये सब ‘हवा में से निकाली गई बकवास’ है. लेकिन पुतिन, यूरोपीय देशों को वॉर्निंग देना नहीं भूले, कहा, किसी भी उकसावे पर रूस की प्रतिक्रिया ‘कड़ी और निर्णायक’ होगी.”

पुतिन ने कहा, “रूस अपनी सुरक्षा और संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा और अगर यूरोप ने उकसाया तो रूस की प्रतिक्रिया बहुत ही ठोस और प्रभावी होगी. रूस का अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है, हमने 2 बार नाटो में शामिल होने की कोशिश की, लेकिन हमें ठुकरा दिया गया.”

पुतिन ने तंज कसते हुए कहा, “मैं यूरोप से कहना चाहता हूं कि शांत हो जाइए, आराम से रहिए और अपनी समस्याओं पर ध्यान दीजिए, रूस से युद्ध होगा, जैसी मनगढ़त अफवाहों न फैलाइए.”

हम यूरोप के बढ़ते सैन्यकरण को देख रहे हैं, इतिहास जानता है कि उकसाने वालों का क्या हुआ: पुतिन

पुतिन ने यूरोप में बढ़ाई जा रही सेना पर चिंता जताई. कहा, “हम यूरोप के बढ़ते सैन्यीकरण को अनदेखा नहीं कर सकते. ये हमारी सुरक्षा का सवाल है. जर्मनी में कहा जा रहा है कि उनकी सेना को फिर से यूरोप की सबसे ताकतवर सेना बनाया जाए. हम सबकुछ ध्यान से देख रहे हैं और सुन रहे हैं. याद रहे कि रूस अपनी प्रतिक्रिया में देर नहीं करेगा.”

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि “अगर कोई हमसे सैन्य स्तर पर टकराने की कोशिश करता है तो वो कर सकता है, लेकिन इतिहास गवाह है कि जब-जब रूस की सुरक्षा, नागरिकों की शांति, हमारी संप्रभुता और अस्तित्व को खतरा हुआ है, हमने तुरंत और सख्त जवाब दिया है. ऐसा कभी नहीं हुआ कि उकसाने वाले के लिए इसका अंत बुरा न हुआ हो. रूस ने कभी सैन्य पहल नहीं की, लेकिन हम कमजोर नहीं हैं, ये वो सभी सुन लें, जो युद्ध के लिए उकसा रहे हैं.”

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *