चीन के तियानजिन में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच गहरी मित्रता देखने को मिली. चाहे वो एक ही गाड़ी में सवारी हो या फिर एक दूसरे से गले मिलना और एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले हाथों में हाथ डालकर बातें करना और हंसी ठहाके लगाना. चीन से आया ये वीडियो अमेरिका को बिना कुछ कहे बहुत कुछ कह गया.
इस मुलाकात को लेकर यूक्रेन समेत यूरोप ने जो उम्मीेदें लगाई थी, उस मुद्दे को भी पीएम मोदी ने पुतिन के सामने प्रमुखता से रखा और कहा, पूरी दुनिया चाहती है कि अब यूक्रेन के साथ जंग को खत्म करके शांति का रास्ता खोजना होगा.
मानवता की पुकार, रुकना चाहिए युद्ध, शांति का रास्ता खोजना होगा: पीएम मोदी
50 मिनट तक चली मोदी-पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता में पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन का मुद्दा उठाया. रूस और भारत के संबंधों को अहम बताते हुए पुतिन को समझाया. पीएम मोदी ने कहा, “मुश्किल से मुश्किल हालात में भी भारत और रूस हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर चले हैं. हमारा करीबी सहयोग न सिर्फ दोनों देशों के लोगों के लिए बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए अहम है.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हम यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर लगातार चर्चा करते रहे हैं. हम शांति के लिए हाल के सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं. हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष रचनात्मक रूप से आगे बढ़ेंगे. संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने का रास्ता खोजना होगा. यह पूरी मानवता की पुकार है.”
आपको बता दें कि पुतिन के साथ इस मुलाकात से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने पीएम मोदी को कॉल किया था. जेलेंस्की ने उम्मीद जताई थी कि भारत, युद्ध रोकने को लेकर रूस से सकारात्मक बात करेगा और शांति की अपील करेगा. ऐसा ही कुछ कुछ यूरोप के देशों ने भी पीएम मोदी से उम्मीद लगाई थी.
पीएम मोदी ने उम्मीदों पर खरा उतरते हुए युद्ध रोकने और शांति का रास्ता खोजने की अपील की.
पुतिन ने कहा, प्रिय मित्र मोदी राजनीति से परे हैं रूस-भारत के रिश्ते
राष्ट्रपति पुतिन ने बैठक के दौरान पीएम मोदी से कहा, “रूस के लिए भारत अहम साझेदार है. इस मुलाकात से दोनों के बीच रिश्ते गहरे होंगे. मुश्किल हालात में भी भारत-रूस साथ रहे. रूस और भारत के बीच बहुत विश्वसनीय रिश्ते बने हुए हैं. हम अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं जैसे संयुक्त राष्ट्र या ब्रिक्स में हमेशा एक साथ अपनी आवाज उठाते हैं.”
पुतिन ने कहा, “आज की यह बैठक हमारे रिश्ते को और मजबूत बनाएगी. रूस और भारत के बीच भरोसेमंद साझेदारी है और यह लगातार आगे बढ़ रही है. यह राजनीति से परे है, क्योंकि लोगों का भी इस रिश्ते में पूरा समर्थन है.”
पुतिन ने कहा, “प्रिय मित्र मोदी, 21 दिसंबर को हमारे विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के 15 साल पूरे हो जाएंगे. मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि हमारा रिश्ता सिद्धांतों पर आधारित है और इसमें कई क्षेत्रों में सहयोग है.”
140 करोड़ भारतीय, आपका इंतजार कर रहे हैं, मोदी ने दिया पुतिन को न्योता
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “मुझे हमेशा लगता है कि आपसे मिलना एक यादगार बैठक होती है. हमें कई विषयों पर जानकारी साझा करने का अवसर मिला है. हम लगातार संपर्क में रहे हैं. दोनों पक्षों के बीच नियमित रूप से कई उच्च-स्तरीय बैठकें हुई हैं. 140 करोड़ भारतीय इस साल दिसंबर में होने वाले हमारे 23वें शिखर सम्मेलन के लिए आपका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. यह हमारी विशेष साझेदारी की गहराई और व्यापकता को दर्शाता है.”
पीएम मोदी ने पुतिन के साथ तस्वीरें साझा कीं, कहा, पुतिन से मिलकर हमेशा खुशी होती है
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ कुछ तस्वीरें साझा की हैं. जिनमें से एक में दोनों नेता बातचीत करते हुए और दूसरी में गले मिलते हुए दिखाई दे रहे हैं. कार की पिछली सीट पर एक साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान दोनों ही नेताओं में अटूट दोस्ती की झलक दिखी.
तस्वीरें साझा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “राष्ट्रपति पुतिन से मिलकर हमेशा खुशी होती है.”
साथ ही एक दूसरे पोस्ट में लिखा, “एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर बैठक के बाद राष्ट्रपति पुतिन और मैं अपनी द्विपक्षीय बैठक स्थल तक साथ-साथ गए. उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है.”
ट्रंप का 50 प्रतिशत वाला टैरिफ दबाव नहीं आया काम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, लगातार भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, कि दिल्ली, मॉस्को से तेल न खरीदे. अमेरिका तो यहां तक आरोप लगा चुका है कि भारत की आर्थिक मदद से रूस को युद्ध में बल मिलता है और यूक्रेनी मारे जाते हैं. वो दूसरी बात है कि यूक्रेन ने भी अमेरिका को गलत बताया है. यूक्रेन ने कहा है कि भारत के रूस से तेल खरीदने पर उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि दिल्ली अपने राष्ट्रीय हित को साध रही है.
बहरहाल भारत ने अमेरिका से साफ कह दिया है कि वो झुकेगा नहीं और रूस से अपनी गहरी दोस्ती को आंच नहीं आने देगा. टैरिफ का भार सहेगा. पुतिन ने भारत की इस रणनीति का सम्मान किया है और मोदी से मुलाकात और बार-बार बात करके अमेरिकी नीति का विरोध करके समर्थन दिया है.