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मुइज्जू के बदले सुर, जयशंकर की मालदीव यात्रा पर पढ़े मोदी के कसीदे

चीन से करीबी बढ़ाने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सुर बदल गए हैं. मालदीव की यात्रा पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने भारत को अपना करीबी और बहुमूल्य साझेदार बताया है. 

मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत की शान में सिर्फ यही नहीं और भी कसीदे पढ़े हैं. मोहम्मद मुइज्जू ने कहा है कि जब भी मालदीव को जरूरत पड़ी है तब दिल्ली ने हर संभव सहायता की है. राष्ट्रपति मुइज्जू ने जयशंकर के साथ मीटिंग के बाद दोनों देशों की जनता और क्षेत्र के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को मजबूत बनाने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता दोहराई है. 

दिल्ली ने हमेशा मालदीव की मदद की- मुइज्जू

एस जयशंकर मालदीव के साथ द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत बनाने के लिए मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं. पिछले साल मालदीव में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत की तरफ से ये पहली उच्च स्तरीय यात्रा है. 

मालदीव में 28 द्वीप क्षेत्रों में जलापूर्ति व सीवर सुविधाएं शुरू की गई हैं जिसके लिए भारत सरकार ने एक्जिम बैंक के माध्यम से ऋण सुविधा के तहत इन परियोजनाओं का वित्तपोषण किया है. राष्ट्रपति कार्यालय में आयोजित समारोह को संबोधित करते मोहम्मद मुइज्जू ने भारत की जमकर तारीफ की. कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि “इन परियोजनाओं से महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और कुल मिलाकर मालदीव की समृद्धि में योगदान होगा. 

मुइज्जू ने कहा कि भारत के साथ मालदीव के द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से ये परियोजनाएं महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. भारत और मालदीव हमेशा से करीबी सहयोगी और बहुमूल्य रहे हैं. जब भी मालदीव को जरूरत पड़ी है को भारत ने मदद की है. समारोह के दौरान राष्ट्रपति मुइज्जू ने एक बार फिर मालदीव और भारत के बीच ऐतिहासिक एवं निकट संबंधों को मजबूत बनाने की अपने प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई. मुइज्जू ने कहा कि भारत बहुमूल्य साझेदार रहा है तथा जब भी मालदीव को जरूरत हुई है सहायता व मदद मुहैया कराई है. 

मुइज्जू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मालदीव को ‘‘उदारतापूर्वक और निरंतर सहायता’’ देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत सरकार को धन्यवाद कहा है. वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति मुइज्जू से मुलाकात कर दोनों देशों की जनता और क्षेत्र के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को मजबूत बनाने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता दोहराई है.

मालदीव के रक्षामंत्री से मुलाकात हुई, क्या बात हुई?

राष्ट्रपति मुइज्जू के अलावा एस जयशंकर ने मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून के साथ भी बैठक की है. बैठक में द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग, क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने में ‘‘साझा हित’’ पर चर्चा हुई, विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करके लिखा, ‘‘रक्षा मंत्री मौमून के साथ बैठक बेहद सकारात्मक रही. रक्षा और सुरक्षा सहयोग, समुद्री सुरक्षा के लिए संयुक्त पहल और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में हमारे साझा हितों पर चर्चा हुई.”

एस जयशंकर और मालदीव के रक्षा मंत्री की मीटिंग इसलिए भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि मालदीव के चीन के साथ लगातार संबंध मजबूत हो रहे हैं. मालदीव और चीन के बीच सैन्य समझौता भी हुआ है. वहीं श्रीलंका से भारत के विरोध जताने के बाद मालदीव ही वो देश था जिसने चीन के चीन के जासूसी जहाज को हिंद महासागर के तट पर रुकने की ठिकाना दिया था. वो भी दो दो बार. 

भारत और मालदीव में पटरी पर लौट रहे हैं संबंध 

चीन से बढ़ती मालदीव की नजदीकियां भारत के पक्ष में नहीं हैं. लेकिन अब भारत और मालदीव के साथ संबंध सामान्य हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए थे. 

मोहम्मद मुइज्जू का दिल्ली दौरा सत्ता संभालने के बाद पहली बार हुआ था. हालांकि मालदीव में हमेशा से परंपरा रही है कि राष्ट्रपति बनने के बाद राजनेता पहला दौरा भारत का करते थे पर चीन के प्रति झुकाव की वजह से मोहम्मद मुइज्जू ने परंपरा तोड़ते हुए तुर्की और चीन का दौरा किया था. बहरहाल भारत और मालदीव में अब मेलमिलाप शुरु हो गया है. 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बैठक की तस्वीर शेयर करते हुए अपनी एक्स पोस्ट में लिखा है कि ‘‘राष्ट्रपति डॉ मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात कर गौरवान्वित महसूस किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं पहुंचाई. हमारे लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं.”

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