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मुइज्जू ने मोदी को दिया वादा, सुरक्षा से नहीं होगा समझौता

भारत दौरे पर आए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुरक्षा की गारंटी दी है. मुइज्जू के मुताबिक, वे मालदीव-फर्स्ट में भरोसा जरुर रखते हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे भारत की सुरक्षा और संप्रभुता पर कोई असर पड़े. 

मालदीव-भारत में अहम समझौते, रिश्ते बनेंगे मजबूत

दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति के बीच कई मुद्दों पर अहम बातचीत थी. इन मुद्दों में अहम था सुरक्षा. बैठक के बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने संयुक्त बयान जारी किया है. 

पीएम मोदी ने कहा कि “भारत और मालदीव के संबंध सदियों पुराने हैं और भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र देश है.” वहीं 5 दिवसीय भारत यात्रा पर आए मोहम्मद मुइज्जू ने भी भारत के साथ अच्छे संबंधों की दुहाई दी. भारत और मालदीव ने रिश्तों को मजबूती देने के लिए सोमवार को 40 करोड़ डॉलर की मुद्रा अदला-बदली को लेकर समझौता किया गया, इससे मालदीव को विदेशी मुद्रा भंडार से जुड़े मुद्दों से निपटने में मदद मिलेगी.”

पीएम मोदी ने कहा, “आज मालदीव की आवश्यकता के मुताबिक, 400 मिलियन अमरीकी डॉलर की मुद्रा विनिमय डील पर हस्ताक्षर किए गए हैं. भारत और मालदीव मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत करेंगे.”

भारत ने हमेशा फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका निभाई: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि “हमारी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और सागर विजन में मालदीव का अहम स्थान है. भारत ने हमेशा मालदीव के लिए फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका निभाई. चाहे मालदीव के लोगों की जरूरत पूरा करना हो, प्राकृतिक आपदा के समय पीने का पानी उपलब्ध कराना हो, कोविड के समय वैक्सीन देने की बात हो, भारत ने हमेशा अपने पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है.”

अपनी बैठक की जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने कहा, “हमने रक्षा औऱ सुरक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की. एकता हार्बर प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है. हम मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स की ट्रेनिंग और कैपिसिटी बिल्डिंग में अपना सहयोग जारी रखेंगे. हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि के लिए हम मिलकर काम करेंगे.”

हम चाहते हैं कि पीएम मोदी मालदीव आएं: मुइज्जू
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत की तारीफ करते हुए बजटीय सहायता के लिए धन्यवाद भी दिया. मोहम्मद मुइज्जू ने अपने संयुक्त बयान में कहा, “हमारे नए व्यापक विजन दस्तावेज में विकास, समुद्री सुरक्षा, व्यापार भागीदारी, ऊर्जा परियोजनाएं, स्वास्थ्य आदि शामिल हैं. मैं प्रधानमंत्री मोदी और सरकार को मालदीव को सहायता प्रदान करने के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा, विशेष रूप से हाल ही में दी गई बजटीय सहायता के लिए. भारत ज़रूरत के समय मालदीव के साथ खड़ा रहा है. हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी को मालदीव आने का निमंत्रण स्वीकार करें.”

दरअसल, मुइज्जू को चीन का पिछल्लगू माना जाता है. इंडिया-आउट के नारे के साथ पिछले साल मालदीव की सत्ता संभालने के बाद मुइज्जू ने सबसे पहले बीजिंग का दौरा किया था. साथ ही टर्की से बायरेक्टर ड्रोन का सौदा भी किया था. 

ऐसे में भारत के साथ संबंधों में थोड़ी खटास जरुर आ गई थी. श्रीलंका ने चीन के स्पाई-शिप पर अपने बंदरगाहों पर आने का प्रतिबंध लगाया तो मालदीव ने अपने पोर्ट को खोल दिया. 

लेकिन एक साल सत्ता में रहने के बाद मुइज्जू अब पीएम मोदी के मुरीद हो गए हैं. 

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