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अमेरिका से लाया जा रहा आतंकी तहव्वुर, मुंबई हमले का होगा हिसाब

मुंबई आतंकी हमलों के गुनहगार तहव्वुर हुसैन राणा को भारत ला रही हैं भारतीय एजेंसियां. तहव्वुर हुसैन राणा ने प्रत्यर्पण से बचने के लिए आखिरी कानूनी दांवपेंच लगाया था, लेकिन अमेरिकी कोर्ट ने एक नहीं सुनी. बताया जा रहा है कि तहव्वुर हुसैन राणा को एनएसए अजीत डोवल की निगरानी ने भारत लाया जा रहा है. भारत में दिल्ली और मुंबई दोनों की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के आदेश जारी किए गए हैं. हालांकि राणा को कौन सी जेल में रखा जाएगा, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. चूंकि केस मुंबई कोर्ट में चल रहा है, इसलिए माना जा रहा है कि राणा को सबसे पहले मुंबई कोर्ट में ही पेश किया जाएगा. 

केंद्रीय जांच एजेंसियां करेंगी राणा से पूछताछ

फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने गए थे, उस वक्त अमेरिका ने तहव्वुर के प्रत्यर्पण को लेकर हामी भरी थी. इस ऐलान के तकरीबन डेढ़ महीने बाद एजेंसियां तहव्वुर राणा को भारत ला रही हैं. राणा के भारत पहुंचने के बाद उसके लिए भारत के दिल्ली और मुंबई की दो जेलों में खास इंतजाम किए गए हैं. अमेरिकी कोर्ट की सिफारिशों के अनुरूप राणा के लिए इंतजाम किए गए हैं. माना जा रहा है कि तहव्वुर राणा को पहले कुछ हफ्तों तक एनआईए की कस्टडी में रखा जा सकता है. एजेंसियां राणा से पूछताछ करेंगी और मुंबई हमलों को लेकर और खुलासा किया जा सकता है. राणा के प्रत्यर्पण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और गृह मंत्रालय के अधिकारी कर रहे हैं. 

डेविड कोलमैन हेडली का साथी, मुंबई हमलों से पहले की रेकी 

तहव्वुर हुसैन का नाम मुंबई हमले की चार्जशीट में आरोपी के तौर पर दर्ज है और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली की मदद कर रहा था. चार्जशीट के अनुसार, तहव्वुर हुसैन आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है. मुंबई हमले के मास्टरमाइंड में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का खास साथी माना जाता है तहव्वुर. हमलों से पहले तहव्वुर और हेडली में कई बार मीटिंग हुईं. डेविड कोलमैन हेडली ने अपने बयान में तहव्वुर का नाम लिया है. डेविड कोलमैन हेडली ही वो आतंकी है, जो हमले से पहले मुंबई आया था और मुंबई के ताज होटल, चबाड हाउस, लियोपोल्ड कैफे समेत कई मुख्य जगहों की रेकी की. बाद में आईएसआई और पाकिस्तानी सेना द्वारा प्रशिक्षण आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल, बार, रेस्टोरेंट और चबाड हाउस समेत कई जगहों पर हमला किया. तहव्वुर ने कई बार डेविड हेडली से मुलाकात की थी. तहव्वुर ने हेडली के लिए नकली वीजा बनवाया था. आतंकी डेविड हेडली को नकली वीजा इसलिए दिए गए थे ताकि वह भारत में दिखाने के लिए एक फर्जी कारोबार करे लेकिन असली मकसद हमलों से पहले रेकी करना था. तहव्वुर अच्छे से जानता था कि मुंबई में क्या होने वाला है. 

हमले के तार पाकिस्तानी सेना से जुड़े

तहव्वुर ने ही पाकिस्तानी अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली के लिए नकली कागजातों के जरिए भारतीय टूरिस्ट वीजा दिलाने में मदद की थी. मुंबई हमले की प्लानिंग के दौरान हेडली और राणा के बीच ईमेल के जरिए हुई बातचीत भी एजेंसी को मिली. तहव्वुर और हेडली के बीच ईमेल के जरिए बातचीत हुई जिसमें हेडली ने मेजर इकबाल की ईमेल आईडी मांगी थी. मेजर इकबाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा है. क्योंकि 26/11 आतंकी हमले के पीछे आईएसआई की साजिश थी. मेजर इकबाल को भी भारतीय एजेंसियों ने तहव्वुर और कोलमैन हेडली के साथ आरोपी बनाया है.पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के पद पर रह चुका है. 

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