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सरदार पोस्ट के शौर्य को देश का नमन

Lone surviving hero of Battle of Sardar Post Braveheart Kishan Singh being felicitated by CRPF DG Anish Dayal Singh.

1965 के युद्ध में पाकिस्तान की एक पूरी ब्रिगेड को छठी का दूध याद दिलाने वाले  सीआरपीएफ के वीर जवानों के शौर्य को आज पूरा देश नमन कर रहा है. आज ही के दिन यानी 9 अप्रैल को रण ऑफ कच्छ में सरदार पोस्ट की लड़ाई के दौरान सीआरपीएफ के 300 जवानों ने पाकिस्तान की एक पूरी ब्रिगेड से मोर्चा संभाल कर अपनी चौकी की रक्षा की थी. 

सैन्य इतिहास में सरदार पोस्ट की लड़ाई को बेहद ही सम्मान के तौर पर याद किया जाता है. क्योंकि आधुनिक काल में ऐसी कम ही लड़ाई हुई हैं जहां महज 300 सैनिकों ने दुश्मन की एक पूरी ब्रिगेड यानी करीब 3000 सैनिकों से सफलतापूर्वक मोर्चा लिया हो. यही वजह है कि सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) हर साल 9 अप्रैल को शौर्य दिवस के तौर पर मनाती है. 

मंगलवार को भी सीआरपीएफ ने ऐतिहासिक सरदार पोस्ट की लड़ाई के उन नायकों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने अदम्य साहस, वीरता और सर्वोच्च बलिदान के साथ देश का गौरव बचाया था. उन दिनों पाकिस्तान सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ की थी. 1965 के युद्ध के बाद ही बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) का गठन हुआ था. 

मंगलवार को राजधानी दिल्ली में सीआरपीएफ ने शौर्य दिवस की याद में समारोह आयोजित किया. इस दौरान सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह ने वीरगति को प्राप्त सैनिकों को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए और 48 बहादुर जवानों को वीरता मेडल से अलंकृत किया. इसके अलावा सीआरपीएफ के 08 अधिकारियों को असाधारण आसूचना मेडल से नवाजा गया. इस दौरान सरदार पोस्ट की लड़ाई के एकमात्र जीवित सैनिक किशन सिंह भी समारोह में सम्मानित अतिथियों के तौर पर मौजूद थे. उन्हें भी महानिदेशक ने सम्मानित किया.

समारोह को संबोधित करते हुए डीजी (महानिदेशक) ने कहा कि सरदार पोस्ट की लड़ाई के दौरान सीआरपीएफ के जवानों द्वारा दिया गया बलिदान हमेशा आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा. उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के जवानों द्वारा जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, लेफ्ट विंग एक्सट्रेमेजिम (एलडब्लूई) एरिया में माओवाद और उत्तर-पूर्वी राज्यों में उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई उसी परंपरा का हिस्सा है. 

महानिदेशक ने कहा कि 2259 सर्वोच्च बलिदान और 2260 मेडल के साथ सीआरपीएफ अतीत के वीरतापूर्ण कार्यों से प्रेरणा लेते हुए, अडिग निष्ठा और समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है.

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