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200 करोड़ लोगों का भाग्य बदलें मोदी: नवाज शरीफ

PM Modi with Foreign dignitaries during the oath taking ceremony on 9th June.

मोदी 3.0 के देश की कमान संभालते ही पाकिस्तान ने एक बार फिर दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाया है. पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दक्षिण एशिया के ‘भाग्य बदलने’ का आह्वान किया है. 

हाल ही में पाकिस्तान लौटे नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देते हुए कहा कि हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में “आपकी पार्टी की सफलता आपके नेतृत्व में लोगों का विश्वास दर्शाती है. आइये हम मिलकर इस अवसर पर नफरत को आशा में बदल दें ताकि दो अरब लोगों (भारत और पाकिस्तान की कुल जनसंख्या) के भाग्य को आकार दे सकें.” नवाज शरीफ, मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बड़े भाई हैं. शहबाज ने भी मोदी को ‘एक्स’ अकाउंट पर बधाई दी है. 

नवाज शरीफ के संदेश की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि भारत के लोग हमेशा से ‘शांति, सुरक्षा और प्रगतिशील विचारों’ के लिए खड़े हुए हैं. मोदी ने एक्स पर आगे लिखा कि “अपने लोगों की भलाई और सुरक्षा को आगे बढ़ाना हमेशा हमारी प्राथमिकता रहेगी.” (https://x.com/narendramodi/status/1800151780241883357)

हाल के दिनों में नवाज शरीफ द्वारा ये दूसरी बार है जब उन्होंने भारत के साथ संबंधों को लेकर गलती मानी है. कुछ दिन पहले अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में नवाज ने करगिल युद्ध के लिए भी पाकिस्तान को ‘कसूरवार’ ठहराया था. 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ हुए लाहौर समझौते को तोड़े जाने के लिए भी नवाज पछताए थे. इस समझौते के कुछ महीने बाद ही भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल युद्ध (मई-जुलाई 1999) हुआ था जिसमें नवाज और उनके सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ को मुंह की खानी पड़ी थी. तभी से दोनों देशों के संबंध बेहद नाजुक मोड़ पर है. (फिर गिरगिट की तरह रंग बदलने लगा पाकिस्तान)

खास बात ये है कि इस बार पीएम मोदी ने पाकिस्तान को अपने शपथ-ग्रहण समारोह में आमंत्रित नहीं किया था. जबकि पाकिस्तान के अलावा सभी पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के राष्ट्राध्यक्ष इसमें शामिल हुए थे. 

वर्ष 2016 में उरी अटैक और 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई (सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर-स्ट्राइक) से दोनों देशों के संबंध पूरी तरह खत्म हो चुके हैं. हालांकि, फरवरी 2021 में दोनों देशों ने विवादित लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर शांति बनाए रखने के लिए ‘युद्ध-विराम समझौता’ जरूर किया था. समझौते के बाद से दोनों देशों की सेनाओं के बीच युद्ध विराम उल्लंघन की घटनाएं पूरी तरह बंद हो चुकी है. लेकिन एलओसी पार कर पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ अभी भी जारी है, जो भारत के लिए एक बड़ी परेशानी का सबब है. 

रविवार को जब मोदी तीसरी बार देश की कमान संभालने के लिए राष्ट्रपति भवन में शपथ ले रहे थे, उसी वक्त पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में एक तीर्थ-यात्रियों से भरी बस पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी. इस हमले के चलते बस खाई में गिर गई और नौ श्रद्धालुओं की जान चली गई. मरने वालों में दो साल का एक मासूम बच्चा और उसकी मां भी शामिल थे. हमले में 30 से ज्यादा लोग घायल भी हुए (शपथ के बीच आतंकियों ने मोदी को ललकारा, अमित शाह ने कहा बख्शेंगे नहीं).

भारत ने पाकिस्तान को दो टूक कह रखा है जब तक सीमा पार से आतंकी गतिविधियां खत्म नहीं होगी, ना तो कोई बातचीत हो सकती है और ना ही शांति की उम्मीद. नवाज शरीफ के सोमवार को पीएम मोदी को भेजे बधाई संदेश का जवाब पूर्व थलसेना प्रमुख वेद प्रकाश मलिक ने लताड़ते हुए दिया. 

जनरल मलिक ने लिखा कि आपके “डिप्लोमेटिक मैसेज का स्वागत है. लेकिन आपके बधाई संदेश का जो आखिरी हिस्सा है (चाहत वाला) वो तभी हो सकता है जब एक लोकतांत्रिक देश की तरह पाकिस्तानी सेना राजनीतिक नेतृत्व के अधीन आ जाए.” 

जनरल मलिक, करगिल युद्ध के वक्त भारतीय सेना के प्रमुख थे और उनके ही नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान पर विजय हासिल की थी. लेकिन करगिल युद्ध में हार के बाद पाकिस्तान सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ का तख्तापलट खुद राष्ट्राध्यक्ष बन गया था. उसके बाद से (यहां तक की 1947 के बंटवारे के बाद से) अमूमन पाकिस्तान में सेना ही लोकतांत्रिक सरकार पर हावी रही है जिसके कारण दोनों देशों के संबंध कभी लंबे समय तक पटरी पर नहीं रह पाए. 

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