जम्मू-कश्मीर पर जहरीले बोल बोलने वाले, भारत के खिलाफ निपट लेंगे, जैसी बयानबाजी करने वाले, खुद को परमाणु ताकत बताकर उछलने वाले पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ को दी है नवाज शरीफ ने बड़ी सलाह. पाकिस्तान के पूर्व पीएम और शहबाज शरीफ के भाई नवाज शरीफ ने कहा है कि भारत से नहीं उलझना चाहिए.
भारत के कड़े रुख से घबराए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने बड़े भाई नवाज शरीफ से मुलाकात की. लेकिन मुलाकात का दांव खुद उनके ही घर में उल्टा पड़ गया, क्योंकि नवाज शरीफ ने कहा है कि भारत के साथ तनाव कम करना चाहिए.
नवाज शरीफ के पास दौड़े-दौड़े पहुंचे शहबाज, नवाज ने दी भारत के पक्ष में सलाह
भारत के साथ लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच शहबाज शरीफ ने अपने बड़े भाई नवाज शरीफ से मुलाकात की है. हालिया घटनाओं को लेकर जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान नवाज शरीफ ने शहबाज शरीफ से भारत के साथ अच्छा व्यवहार और सलीके से पेश आने को कहा है. नवाज शरीफ ने कहा है, कि “भारत के साथ तनाव कम करना चाहिए.” इस मुलाकात में नवाज ने शहबाज को शांत रहने और राजनयिक समाधान खोजने की सलाह दी. शहबाज ने कहा कि “पाकिस्तान पर जानबूझकर एक्शन लिया गया है. पानी रोकने से दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं.” लेकिन नवाज ने कहा कि “दोनों ही परमाणु संपन्न देश है और इसलिए युद्ध की बात नहीं करनी चाहिए.”
युद्ध करोगे तो नुकसान पाकिस्तान का होगा:नवाज शरीफ
शहबाज शरीफ से नवाज शरीफ ने कहा कि “पाकिस्तान को बुद्धिमानी से और शांत रहकर काम करना चाहिए. नवाज शरीफ ने शहबाज से कहा है कि उनके मंत्री और नेता भारत के खिलाफ ऊलजलूल बयानबाजी न दें और चुप रहें, ताकि भारत के खिलाफ और टेंशन न बढ़े.” नवाज ने बैठक में अपने भाई से कहा कि शांति से ही बात बन सकती है. अगर युद्ध करोगे, तो इससे पाकिस्तान का ही नुकसान होगा. नवाज शरीफ की कोशिश वार्ता शुरू करने की है. नवाज ने कूटनीतिक बातचीत करने को कहा है, साथ ही सलाह दी है कि “भारत के खिलाफ आक्रामक नहीं होना चाहिए.”
पाकिस्तानी आर्मी है तख्तापलट के लिए कुख्यात, नवाज की भी गई थी कुर्सी
नवाज शरीफ कूटनीतिक वार्ता पर इसलिए जोर दे रहे हैं, क्योंकि साल 1999 में अक्टूबर के महीने में कुछ ही घंटों में तत्कालीन आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ का तख्तापलट कर दिया था. उस दौरान जनरल मुशर्रफ श्रीलंका के दौरे पर थे और तभी उन्हें पता चला कि नवाज शरीफ और इंटेलिजेंस चीफ जनरल जियाउद्दीन की इस्लामाबाद में एक गोपनीय बैठक हुई है और उन्हें बर्खास्त करने की बात कही गई है.और उनकी (मुशर्रफ) की जगह पर जनरल जियाउद्दीन को पद सौंप दिया जाएगा, उन्होंने तुरंत कोलंबो एयरपोर्ट से कराची के लिए फ्लाइट ले ली. परवेज मुशर्रफ ने अपने करीबी कमांडर्स और सेना के बड़े अधिकारियों को साथ लिया और नवाज शरीफ पर चढ़ाई कर दी.सेना ने शरीफ के घर को चारों तरफ से घेर लिया और कैबिनेट को हाउस अरेस्ट कर लिया. रात तक नवाज शरीफ के बर्खास्तगी की घोषणा कर दी और आर्मी चीफ ने बतौर राष्ट्रपति अगले दिन सुबह पाकिस्तान को संबोधित किया.
मुशर्रफ की राह पर चलेंगे कट्टर और आतंक परस्त असीम मुनीर
नवाज शरीफ को डर है कि कहीं साल 1999 में जो उनके साथ हुआ वो कहीं शहबाज शरीफ के साथ भी न हो जाए क्योंकि असीम मुनीर भी कट्टर हैं और कश्मीर पर हिंदू-मुसलमान के नाम पर भड़काते हैं. असीम मुनीर के जहरीले बोल के बाद ही लश्कर और जैश के आतंकियों को ग्रीन सिग्नल मिला, जिसके चलते मिलेट्री ट्रेनिंग पाए जैसे आतंकियों को पहलगाम में निहत्थे भारतीय हिंदू पर्यटकों को मारने के लिए भेजा गया. हाल ही में पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) के पूर्व अधिकारी ने असीम मुनीर को आतंकी घोषित करने का मांग की है. पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने कहा कि “ओसामा बिन लादेन और असीम मुनीर में सिर्फ इतना फर्क है कि ओसामा गुफा में रहता था और असीम मुनीर महल में रहते हैं.”