छत्तीसगढ़ के बीजापुर में संयुक्त ऑपरेशन से लौट रहे जवानों की गाड़ी पर नक्सलियों ने किया है बड़ा हमला. बीजापुर में दोपहर सवा दो बजे एक बड़े आईईडी बम धमाके में आठ (08) जवान वीरगति को प्राप्त हो गए हैं. धमाके में गाड़ी के ड्राइवर की भी मौत हो गई है.
जानकारी के मुताबिक, सड़क पर नक्सलियों ने आईईडी लगे वाहन को तैयार किया था. जैसे ही जवान सड़क से गुजरे तेज धमाके से वाहन क्षतिग्रस्त हो गया. नक्सलियों का हमला अबूझमाड़ में हुए एनकाउंटर के बाद हुआ है.
शनिवार से अबूझमाड़ में नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा ऑपरेशन चल रहा था जिसमें पांच नक्सली मारे गए गए थे,जिनमें 2 महिलाएं भी थीं. एक डीआरजी जवान ने भी इस ऑपरेशन में बलिदान दिया था.
बीजापुर में नक्सली हमला, आठ (08) जवान समेत नौ (09) का बलिदान
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला किया है. जिसमें डीआरजी के आठ (08) जवान और एक ड्राइवर वीरगति को प्राप्त हो गए. यह हमला एंटी-नक्सली ऑपरेशन के दौरान हुआ. जवानों की टीम कुटरू थाना के गांव अंबेली के पास पहुंची थी, वे कुटरू-बेद्रे रोड पर थे जब उनपर हमला किया गया.
नक्सलियों ने आईईडी लगाकर ब्लास्ट किया. बताया जा रहा है कि विस्फोटक लदे वाहन को सुरक्षाबलों के काफिले के पास विस्फोट किया गया, जिससे वाहन के परखच्चे उड़ गए. आईईडी इतना शक्तिशाली था कि सड़क पर बड़ा गड्ढा बन गया है.
आईजी ने नक्सली हमले पर क्या दी जानकारी?
बस्तर रेंज के पुलिस इंस्पेक्टर जनरल सुंदरराज पी. ने हमले की जानकारी देते हुए बताया कि ” घटना कुटरू थाना के अंबेली गांव के पास उस समय हुई जब सुरक्षाकर्मी नक्सल विरोधी अभियान के के बाद अपने स्कॉर्पियो वाहन से लौट रहे थे. छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों द्वारा आईईडी विस्फोट के जरिए वाहन उड़ाए जाने से दंतेवाड़ा के आठ डीआरजी जवान और एक ड्राइवर समेत नौ लोगों की मौत हो गई. वे दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर के संयुक्त अभियान से लौट रहे थे.”
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद समाप्ति के लिए चल रहा बड़ा ऑपरेशन
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए इन दिनों बड़ा ऑपरेशन शुरु किया गया है. हमले से कुछ घंटों पहले ही नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले अबूझमाड़ में चार (04) नक्सलियों को मार गिराया गया था, जिनमें 2 महिलाएं भी थीं. मारे गए नक्सलियों के पास से ऑटोमेटिक हथियार बरामद किए गए थे.
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद खत्म करने के लिए 31 मार्च 2026 की डेडलाइन दी गई है. लिहाजा नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन किया जा रहा है, जिसमें नक्सलियों विकल्प दिया गया है, सरेंडर करके वो मुख्य धारा में लौट सकते हैं. नहीं तो नक्सलियों को गिरफ्तार किया जाएगा, या सुरक्षाबलों पर अटैक करने वाले नक्सलियों को मार गिराया जाएगा.
नक्सली हताश होकर कायराना हरकत कर रहे: सीएम विष्णुदेव साय
बीजापुर हमले पर सीएम ने कहा है कि “बस्तर में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान से नक्सली हताश हैं और विचलित होकर ऐसी कायराना हरकतों को अंजाम दे रहे हैं. जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी, नक्सलवाद के खात्मे के लिए हमारी यह लड़ाई मजबूती से जारी रहेगी. पूरा देश जानता है कि हमारी सरकार को सत्ता में आए 1 साल से ज्यादा हो गया है. हमारे जवान नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं, केंद्रीय गृह मंत्री भी मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मुझे विश्वास है कि उनका संकल्प पूरा होगा.”
व्यर्थ नहीं जाएगा जवानों का बलिदान: डिप्टी सीएम
छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बीजापुर में हुए हमले को लेकर कहा कि “बीजापुर से नक्सलियों द्वारा किए गए इस कायरतापूर्ण हमले की जानकारी मिली है. मैं शहीद जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. यह एक कायरतापूर्ण हरकत है, जवान नक्सलियों को समाप्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं और नक्सलियों ने निराशा और हताशा में यह कदम उठाया है. शहीद जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.”
31 मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ में खत्म होगा नक्सलवाद: अमित शाह
पिछले महीन छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक बार नक्सलियों से हथियार छोड़ने की अपील करते हुए नक्सलवाद को जड़ से मिटाने की डेडलाइन दोहराई थी. अमित शाह ने कहा था कि 31 मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का खात्मा करेंगे.
अमित शाह ने कहा था, “हथियार त्याग कर छत्तीसगढ़ पुलिस की बेहतर पुनर्वास नीति का लाभ लें. सरेंडर करने के बाद नक्सली पुनर्वास पॉलिसी का लाभ उठाएं. अगर नक्सलियों ने ऐसा नहीं किया तो अंजाम भुगतने के लिये तैयार रहें. जवान अपना काम करेंगे और नक्सलियों का सफाया किया जाएगा.”
अमित शाह ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां-राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर नक्सलवाद को मिटाने के लिए काम कर रही हैं. नक्सलियों के खिलाफ रणनीति पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार तीन मोर्चों पर काम कर रही है.
पहला, नक्सली हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करें. दूसरा, नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा रहा है. और तीसरा ये कि जो नक्सली दूसरों की जान लेने पर आमादा हैं, उन्हें उन्हीं की भाषा में एजेंसियां जवाब दे रही हैं.