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लेह-लद्दाख पहुंचना आसान, Zanskar रोड तैयार

New road axis for Leh-Manali ready.

पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर सेना की मूवमेंट को नई तेजी मिलने जा रही है. बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने हिमाचल प्रदेश के मनाली से लेह-लद्दाख तक पहुंचने के लिए एक नई सड़क तैयार कर ली है. करीब 300 किलोमीटर (298 किलोमीटर) लंबा ये मार्ग लेह तक पहुंचने के लिए तीसरा और सबसे छोटा रास्ता है. 

बीआरओ के मुताबिक, लद्दाख की सामरिक महत्व की निमो-पदम-दारचा रोड बनकर तैयार हो गई है. ये सड़क कुल्लू-मनाली को लेह और निमो के जरिए करगिल तक जोड़ेगी. मनाली-लेह और श्रीनगर-लेह के बाद पदम-दारचा तीसरी सड़क है जो मेनलैंड इंडिया को लेह से जोड़ेगी. ये सड़क बेहद खूबसूरत जंस्कार नदी (घाटी) के करीब से होकर गुजरती है. सर्दियों के मौसम में जंस्कार नदी पूरी तरह जम जाती है और एडवेंचर के शौकीन उसपर ट्रैकिंग (चादर-ट्रैक) करते हैं (https://x.com/neeraj_rajput/status/1772832245361021097?s=20).

बीआरओ सड़क के निर्माण पूरा होने पर रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि पदम-दारचा रोड ना केवल सबसे छोटी है बल्कि इस सड़क पर एक ही दर्रा, शिंकुन-ला (16,558 फीट) पड़ता है. इस दर्रे के लिए भी बीआरओ ने एक नई टनल बनाने की तैयारी शुरु कर दी है ताकि इस सड़क को ऑल-वेदर यानी हर मौसम के लिए तैयार किया जा सके. अभी सर्दियों के मौसम में लेह तक पहुंचने वाली सड़कें भारी बर्फबारी के कारण देश के बाकी हिस्सों से कट जाती हैं. श्रीनगर-लेह मार्ग पर बर्फबारी के लिए जोजिला दर्रा हर साल कई हफ्तों के लिए बंद हो जाता है. इस साल हालांकि, बीआरओ ने रिकॉर्ड 38 दिनों में जोजिला पास को आवाजाही के लिए खोल दिया है. 

गलवान घाटी की झड़प (मई-जून 2020) के दौरान बीआरओ ने आनन-फानन में मनाली से लेह जाने वाली दूसरी सड़क को भी तैयार किया था. ये सड़क सरचू, पंग और तंगला पास के जरिए होकर जाती है. इसी सड़क पर रोहतांग पास है जिसपर बीआरओ ने अक्टूबर 2020 में रोहतांग टनल (अटल टनल) बनाकर तैयार की थी (https://x.com/neeraj_rajput/status/1307631444517441537?s=20).

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पदम-दारचा रोड बनने से सैन्य तैयारियों मजबूत होगी और जंस्कार वैली में आर्थिक विकास होगा. बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन के मुताबिक, जनवरी के महीने में जब जंस्कार नदी जम गई थी तब उसके जरिए सड़क बनाने की मशीन और उपकरण सहित इंजीनियर और मजदूरों को सड़क बनाने के लिए पहुंचाया गया था. महानिदेशक के मुताबिक, इस सड़क की ब्लैक-टॉपिंग का काम भी जल्द शुरु हो जाएगा.

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